Saturday, December 20, 2025
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वक्फ बिल के विरोध में जेडीयू से 2 लोगों के इस्तीफा देने पर पार्टी ने जारी किया बयान, कहा- वे हमारे पदाधिकारी नहीं

वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पास हो गया। दोनों सदनों से बिल के पास होने के बाद जेडीयू से दो लोगों ने इस्तीफा दे दिया। इस पर अब पार्टी ने अपना बयान जारी किया है।

Edited By: Dhyanendra Chauhan @dhyanendraj
Published : Apr 04, 2025 07:31 am IST, Updated : Apr 04, 2025 07:39 am IST
जेडीयू अध्यक्ष एवं सीएम नीतीश कुमार- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO-PTI जेडीयू अध्यक्ष एवं सीएम नीतीश कुमार

बिहार में कम से कम दो 'व्यक्तियों' ने गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइडेट) से अपने 'इस्तीफे' की घोषणा की। इन दोनों ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लाए गए वक्फ (संशोधन) विधेयक को पार्टी के समर्थन पर असंतोष व्यक्त किया। इस घटनाक्रम पर जेडीयू का बयान सामने आया है।

इन दों लोगों ने दिया इस्तीफा

जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने दावा किया कि न तो पूर्वी चंपारण के रहने वाले मोहम्मद कासिम अंसारी और न ही जमुई निवासी नवाज मलिक पार्टी के पदाधिकारी हैं। पूर्वी चंपारण में जेडीयू के चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष होने का दावा करने वाले मोहम्मद कासिम अंसारी ने वक्फ (संशोधन) विधेयक का समर्थन करने के पार्टी के रुख की गुरुवार को आलोचना की। उन्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा भी दे दिया। 

जेडीयू ने लाखों भारतीय मुसलमानों का तोड़ा भरोसा

जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखे पत्र में अंसारी ने गहरी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि पार्टी के रुख ने उन लाखों भारतीय मुसलमानों का भरोसा तोड़ दिया है, जो मानते थे कि जेडीयू धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को कायम रखेगा। पत्र में अंसारी ने कहा, ‘हमारे जैसे लाखों भारतीय मुसलमानों को धर्मनिरपेक्ष विचारधारा के एक सच्चे ध्वजवाहक के रूप में आप (नीतीश) पर अटूट विश्वास था। हालांकि, अब यह विश्वास टूट गया है। वक्फ संशोधन विधेयक पर जेडीयू द्वारा अपनाए गए रुख से लाखों समर्पित भारतीय मुसलमानों और कार्यकर्ताओं को गहरा सदमा लगा है।’ 

मलिक ने खुद को अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ का सचिव बताया

उन्होंने कहा, ‘हम ललन सिंह द्वारा लोकसभा में दिए गए भाषण और इस विधेयक के समर्थन को लेकर बेहद निराश हैं।’ इसी तरह, मलिक ने खुद को जेडीयू के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ का सचिव बताया। उन्होंने अपने पत्र में आरोप लगाया कि 'मुसलमान और हमारे जैसे कार्यकर्ता वक्फ विधेयक के मुद्दे पर जेडीयू के रुख से स्तब्ध हैं।’ 

दोनों ने पार्टी में कोई पद नहीं संभाला

इस बीच, जब अंसारी के बारे में पूछा गया तो जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने दावा किया कि कोई भी उन्हें नहीं जानता। प्रसाद ने कहा, ‘वह (अंसारी) कौन हैं? वह कभी भी पार्टी में कोई महत्वपूर्ण पदाधिकारी या प्रमुख व्यक्ति नहीं रहे। मैं उन्हें जानता भी नहीं हूं। उन्होंने पार्टी में कभी कोई पद नहीं संभाला, यहां तक ​​कि जिला स्तर पर भी नहीं।’ 

वक्फ बिल को लेकर जेडीयू के भीतर कोई भ्रम नहीं

बिहार के मुख्यमंत्री कुमार के एक प्रमुख सहयोगी ने कहा कि संसद में वक्फ (संशोधन) विधेयक के लिए पार्टी के समर्थन को लेकर जेडीयू के भीतर ‘कोई भ्रम’ नहीं है। वरिष्ठ मंत्री एवं वरिष्ठ जेडीयू नेता विजय कुमार चौधरी ने यह टिप्पणी तब की जब उनसे राष्ट्रीय महासचिव गुलाम रसूल बलियावई जैसे नेताओं द्वारा इस मुद्दे पर पार्टी के रुख से सार्वजनिक रूप से असंतोष व्यक्त किए जाने के बारे में पूछा गया। चौधरी ने कहा, ‘वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर पार्टी के भीतर कोई भ्रम नहीं है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में पार्टी के सभी नेता विधेयक के समर्थन में हैं।’

इस नेता ने जेडीयू से दिया इस्तीफा

इस बीच, बिहार में सिए मोहम्मद तरबेज सिद्दीकी अलीग ने जेडीयू से इस्तीफा दे दिया है। ये पार्टी में प्रदेश महासचिव, अल्पसंख्यक आयोग के थे। इन्होंने वक्फ संशोधन विधेयक में जेडीयू के समर्थन करने के चलते इस्तीफा दिया है।

(भाषा के इनपुट के साथ)

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