Wednesday, May 08, 2024
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बिहार में बंद होगी 'पीएम यशस्वी योजना', जानें नीतीश सरकार ने क्या बताई वजह?

'एक तरफ नीतीश जी कहते हैं विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए, हमारी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। लेकिन केंद्र से जो मदद मिल रही थी उसको भी आपने बंद कर दिया।'

Reported By : Nitish Chandra Edited By : Shashi Rai Published on: January 05, 2023 17:27 IST
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार- India TV Hindi
Image Source : PTI बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

बिहार सरकार ने 'पीएम यशस्वी योजना' को बंद करने का फैसला लिया है। इसकी जगह राज्य सरकार एक नई योजना शुरू करने जा रही है जिसका नाम 'मुख्यमंत्री पिछड़ा, अति पिछड़ा प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना' होगा। बिहार सरकार ने पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग के कक्षा पहली से लेकर दसवीं तक के 1.25 करोड़ छात्र-छात्राओं को स्कॉलरशिप देने का निर्णय लिया है। इन छात्रों के लिए अब तक केन्द्र से मिलती रही 50 फीसदी राशि राज्य सरकार नहीं लेगी। इसके लिए बिहार सरकार ने 'मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना' शुरू करने का निर्णय किया है। 

PM यशस्वी योजना बंद करने की वजह

अब तक इन छात्रों को PM यशस्वी योजना के तहत केन्द्र-राज्य संपोषित (50-50 फीसदी) योजना से स्कॉलरशिप मिलती रही है। लेकिन अब केन्द्र सरकार 9वीं और 10वीं क्लास के छात्रों को छोड़कर पहली से आठवीं क्लास तक के छात्रों के लिए ही इस 'पीएम यशस्वी योजना' में प्रावधान रखा है । यही वजह है कि राज्य सरकार ने अब पीएम यशस्वी योजना बंद करने का निर्णय किया है।

कैबिनेट बैठक में हुआ फैसला

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 16 एजेंडों पर मुहर लगाई गई थी, बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 से पहली से चौथी क्लास के छात्र-छात्राओं को 50 रुपये महीना (600 सालाना), पांचवीं-छठी क्लास तक को 100 रुपये महीना (1200 सालाना) और सातवीं से दसवीं क्लास के छात्रों को 150 रुपए महीना (1800 सालाना) स्कॉलरशिप दी जाएगी।

किसको कितना मिलेगा स्कॉलरशिप?

1 से 4 कक्षा तक 600 सालाना

5 से 6 कक्षा तक 1200 सालाना
7 से 10 कक्षा तक 1800 सालाना
1 से 10 कक्षा तक हॉस्टल में रहने वालों को 3000 सालाना

बीजेपी ने लगाया ये आरोप

बिहार सरकार के इस फैसले के बाद अब सियासत भी शुरू हो गई है। बीजेपी नेता सुशील मोदी ने इस पर सवाल उठाया है। मोदी के अनुसार, 'एक तरफ नीतीश  जी कहते हैं विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए, हमारी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। लेकिन केंद्र से जो मदद मिल रही थी उसको भी आपने बंद कर दिया। नीतीश  कुमार ऐसी कोई स्कीम नहीं चलाना चाहते हैं जिसका श्रेय नरेंद्र मोदी को मिले। विक्रमशिला विश्वविद्यालय के लिए 6 साल हो गए लेकिन आज तक जमीन उपलब्ध नहीं करा सके। उनको लगता है मोदी को श्रेय ना मिले, इसलिए बाधा पैदा करते हैं यह तो नरेंद्र मोदी से मिलने भी नहीं जाएंगे।'

जेडीयू ने क्या कहा?

वहीं जेडीयू की मंत्री शीला मंडल ने कहा, 'आप 20 फीसदी देकर अपना नाम रख लेते हैं जब हम इतना पैसा दे ही रहे तो हम अपना नाम क्यों न रखें, इसमें क्या दिक्कत है? 100 में 80 हम देंगे और फिर भी कहते हैं कि नाम हमारा होगा। केंद्रीय योजनाओं में राशि धीरे-धीरे कम की जा रही है तो इस से अच्छा है कि हम अपना ही पूरा करें अपने नाम पर करें।'

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