
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आवास सहित कई स्थानों पर छापेमारी की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। समाचार एजेंसी पीटीआई ने अज्ञात अधिकारियों के हवाले से बताया कि जांच एजेंसी की टीमें रायपुर और भिलाई में भूपेश बघेल के आवास के साथ-साथ एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और पूर्व मुख्यमंत्री के एक करीबी सहयोगी के आवासीय परिसरों पर भी पहुंचीं। हालांकि, सीबीआई ने यह नहीं बताया है कि यह छापेमारी किस मामले में की जा रही है। बता दें कि इससे पूर्व हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने कथित शराब घोटाले के सिलसिले में भूपेश बघेल के आवास पर छापेमारी की थी।
भूपेश बघेल के कार्यालय ने दी प्रतिक्रिया
सीबीआई की रेड के मद्देनजर इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए भूपेश बघेल के कार्यालय ने बयान जारी किया है। बयान में भूपेश बघेल के कार्यालय ने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की गठित प्रारूप समिति की बैठक के लिए उनके दिल्ली जाने से पहले सीबीआई उनके आवासीय परिसर पर पहुंची। बयान में कहा गया, 'पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 8 और 9 अप्रैल को अहमदाबाद (गुजराज) में होने वाली एआईसीसी की बैठक के लिए गठित प्रारूप समिति की बैठक के लिए आज दिल्ली जाने वाले हैं। उससे पहले ही सीबीआई की टीम रायपुर और भिलाई स्थित आवास पर पहुंच गई है।'
ईडी ने की थी रेड
बता दें कि इससे पहले 10 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय ने कथित शराब घोटाला मामले में उनके बेटे के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप की जांच के तहत भिलाई शहर में बघेल के आवास पर छापा मारा था। उन्होंने बताया कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत चैतन्य बघेल के कथित करीबी सहयोगी लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल सहित 13 अन्य स्थानों पर भी तलाशी ली गई। बता दें कि कांग्रेस ने 15 सदस्यीय मसौदा समिति का गठन किया है। इसमें पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भूपेश बघेल और छत्तीसगढ़ के प्रभारी महासचिव सचिन पायलट को शामिल किया गया है। रणदीप सुरजेवाला को इसका संयोजक बनाया गया है।
क्या है मामला? छापेमारी जारी
महादेव बुक मामले में सीबीआई ने 60 से अधिक स्थानों पर आज छापेमारी की। सीबीआई ने छत्तीसगढ़, भोपाल, कोलकाता और दिल्ली के अलग-अलग ठिकानों पर रेड की, जिसमें राजनेताओं, अधिकारियों, पुलिस अधिकारियों और महादेव बुक से जुड़े लोगों के ठिकाने भी शामिल हैं। बता दें कि महादेव बुक के अवैध संचालन से यह संबंधित है, जो रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर द्वारा चलाई जाने वाली एक ऑनलाइन सट्टेबाजी मंच है। बता दें कि वर्तमान में दोनों दुबई में रहता है। जांच से पता चला है कि प्रमोटरों ने अपने अवैध सट्टेबाजी के नेटवर्क के सुचारू और निर्बाध रूप से संचालन को सुनिश्चि करने के लिए कथित तौर पर लोक सेवकों को पर्याप्त रूप में सिक्योरिटी मनी का भुगतान किया है।
शुरुआत में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा रायपुर में इसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। लेकिन बाद में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों और अन्य आरोपी व्यक्तियों की भूमिका की व्यापक जांच के लिए सीबीआई को सौंप दी गई। तलाशी के दौरान आपत्तिजनक डिजिटल और दस्तावेजी साक्ष्य पाए गए हैं, जिन्हें जब्त कर लिया गया है और तलाश अब भी जारी है।