Saturday, April 27, 2024
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छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव: विधायक चिंतामणि महाराज की 'घर वापसी',कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया तो BJP में हुए शामिल

कांग्रेस ने विधायक चिंतामणि महाराज का टिकट काट दिया तो इससे नाराज होकर उन्होंने पाला बदल लिया है। वे बीजेपी में शामिल हो गए हैं। बीजेपी चिंतामणि महाराज के पार्टी में शामिल होने को उनकी घर वापसी बता रही है।

Niraj Kumar Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Updated on: November 01, 2023 0:01 IST
Chintanami Maharaj, congress, BJP- India TV Hindi
Image Source : TWITTER चिंतामणि महाराज, विधायक

अंबिकापुर: छत्तीसगढ़ में जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है वैसे-वैसे सियासत हलचल भी बढ़ती जा रही है। अब कांग्रेस के विधायक चिंतामणि महाराज की घर वापसी हो गई है। उन्होंने एक बार फिर बीजेपी का दामन थाम लिया है। सत्तारूढ़ कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने से नाराज पार्टी के विधायक चिंतामणि महाराज बीजेपी में शामिल हो गए। सरगुजा जिले के मुख्यालय अंबिकापुर में एक समारोह के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के छत्तीसगढ़ प्रभारी ओम माथुर और प्रदेश इकाई के महामंत्री (संगठन) पवन साय की उपस्थिति में महाराज आज भाजपा में शामिल हो गए। 

 2013  विधानसभा चुनाव से पहले छोड़ी थी बीजेपी

कांग्रेस के वह तीसरे विधायक हैं जिन्होंने विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने के बाद बागी तेवर अपनाए हैं। छत्तीसगढ़ बीजेपी प्रभारी ओम माथुर ने संवाददाताओं से कहा, 'यह चिंतामणि महाराज की ‘घर वापसी’ है। पहले कोई कारण रहा होगा, इसलिए उन्होंने (बीजेपी) छोड़ दी थी। आज हमें बहुत खुशी है कि क्षेत्र में पार्टी को स्थापित करने वाला हमारा पूर्व कार्यकर्ता पार्टी में वापस लौट आया है। पूरी पार्टी उनका स्वागत करती है।' चिंतामणि महाराज पहले भाजपा में थे। 2013 के विधानसभा चुनाव से पहले वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे। 

बलरामपुर जिले की सामरी सीट से विधायक हैं चिंतामणि महाराज

यह पूछे जाने पर कि क्या बीजेपी महाराज को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में मैदान में उतारेगी, इस पर माथुर ने कहा कि इसके लिए इंतजार करें। महाराज वर्तमान में बलरामपुर जिले की सामरी सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। कांग्रेस ने इस बार विजय पैकरा को चुनाव मैदान में उतारा है। बीजेपी ने इस सीट से उधेश्वरी पैकरा को अपना उम्मीदवार बनाया है जो बलरामपुर जिला पंचायत की सदस्य हैं। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर लुंड्रा सीट से 2013 का विधानसभा चुनाव लड़ा था और पहली बार विधायक चुने गए थे। वर्ष 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने महाराज को सामरी सीट से मैदान में उतारा था जहां उन्होंने बीजेपी  के सिद्धनाथ पैकरा को 21,923 मतों के अंतर से हराया था। 

 बृजमोहन अग्रवाल और विष्णु देव साय ने की थी मुलाकात

पिछले सप्ताह भाजपा के वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय ने सामरी क्षेत्र में एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान महाराज से मुलाकात की थी। बैठक के बाद महाराज ने संवाददाताओं से कहा था कि यदि उन्हें अंबिकापुर सीट (कांग्रेस के उम्मीदवार और उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव के खिलाफ) से मैदान में उतारा जाता है तो वह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। महाराज ने यह भी कहा था कि बीजेपी उन्हें अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में उतारने के लिए तैयार है लेकिन उन्होंने अंबिकापुर से अगला विधानसभा चुनाव लड़ने की शर्त रखी है। 

अंबिकापुर सीट से भाजपा ने राजेश अग्रवाल को टिकट दिया

अंबिकापुर सीट से भाजपा ने नए चेहरे राजेश अग्रवाल को मैदान में उतारा है। महाराज प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता और संत स्वर्गीय रामेश्वर गहिरा गुरु के पुत्र हैं। गहिरा गुरु का उत्तर छत्तीसगढ़ में विशेषकर आदिवासियों के बीच काफी प्रभाव था। कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने से दो अन्य विधायकों-अनूप नाग और किस्मत लाल नंद ने भी बागी तेवर अपनाए हैं। नाग के अंतागढ़ सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने के फैसले के बाद कांग्रेस ने उन्हें छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। वहीं, नंद जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) में शामिल हो गए हैं और अपनी मौजूदा सीट सरायपाली से चुनाव लड़ रहे हैं। राज्य की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए सात और 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा। (इनपुट-भाषा)

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