Saturday, May 18, 2024
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दिल्ली-एनसीआर में अब नहीं हो सकेगा कोयले का इस्तेमाल, केंद्र सरकार ने लगाया बैन

पूरे दिल्ली एनसीआर में कोयले के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया गया है। अधिकारियों को यह सख्त निर्देश दिया गया है कि अगर कोई इसका उल्लंघन करे तो उस पर भारी जुर्माना लगाए जाएं।

Edited By: India TV News Desk
Published on: January 01, 2023 14:21 IST
दिल्ली-एनसीआर में अब नहीं हो सकेगा कोयले का इस्तेमाल- India TV Hindi
Image Source : PTI दिल्ली-एनसीआर में अब नहीं हो सकेगा कोयले का इस्तेमाल

दिल्ली -एनसीआर में कोयले के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। इंडस्ट्रीज में अब कोयले और अन्य अप्रमाणित ईंधनों के इस्तेमाल नहीं होगा। केंद्र सरकार के एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन(CAQM) ने इस पर रोक लगा दी है हालांकि, थर्मल पावर प्लांट में कम सल्फर कोयले के इस्तेमाल की अभी भी अनुमति है। यह फैसला अगले 5 सालों में दिल्ली-एनसीआर में एयर पॉल्यूशन को रोकने की कोशिश के मद्देनजर लिया गया है।

उल्लंघन करने पर लगेगा फाइन

अधिकारियों को यह सख्त निर्देश दिया गया है कि वे बिना किसी शोकॉज नोटिस के कोयले सहित नॉन अप्रूवल फ्यूल का इस्तेमाल करने वाले इंडस्ट्रीज और कमर्शियल प्रतिष्ठानों को बंद कर दें। CAQM के एक अधिकारी ने बताया कि आदेश का उल्लंघन करने वाली कंपनियों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। कमेटी ने जून में ही 1 जनवरी 2023 से पूरे दिल्ली-एनसीआर में इंडस्ट्रियल,डोमेस्टिक और अन्य कंपनियों में कोयले के इस्तेमाल पर बैन लगाने के निर्देश जारी किए थे। इसके चलते सभी इंडस्ट्रीज को क्लीन फ्यूल की ओर जाने का पर्याप्त टाइम मिल गया।

CAQM के अनुसार, बॉयोमास ब्रिकेट्स का इस्तेमाल धार्मिक उद्देश्यों और अंतिम संस्कार के लिए किया जा सकता है। लकड़ी और बांस के चारकोल का इस्तेमाल होटल, रेस्तरां, बैंक्वेट हॉल और ढाबे के टेंडर और ग्रिल के लिए किया जा सकेगा। कपड़े को प्रेस करने के लिए लकड़ी के चारकोल के इस्तेमाल की अनुमति है। बता दें कि पूरे NCR में सालाना लगभग 1.7 मिलियन टन कोयले का इस्तेमाल किया जाता है। अकेले 6 मुख्य इडस्ट्रियल जिलों में लगभग 1.4 मिलियन टन कोयले की खपत होती है।  

गाड़ियों के भी पॉल्यूशन को किया जाएगा कम

गाड़ियों के पॉल्यूशन को कम करने के लिए, केंद्र के एयर क्वलिटी पैनल ने यूपी, राजस्थान और हरियाणा को भी निर्देश दिया है कि वे 1 जनवरी यानी आज रविवार से केवल सीएनजी और इलेक्ट्रिक ऑटो रजिस्टर करें। अंत में एनसीआर में डीजल वाले वाहनों का रजिस्ट्रेशन करें। बता दें कि एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन का मकसद यह है कि 1 जनवरी 2027 से एनसीआर में सिर्फ सीएनजी और ई-ऑटो ही चले।

क्या है CAQM का पूरा प्लान?

एनसीआर में दिल्ली, हरियाणा के 14 जिले, यूपी के 8 जिले और राजस्थान के 2 जिले शामिल हैं। CAQM के निर्देशों के अनुसार, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर, फरीदाबाद और गुरुग्राम में डीजल ऑटो को 2024 के अंत तक बंद कर देना होगा। सोनीपत, रोहतक, झज्जर और बागपत को भी 31 दिसंबर, 2025 तक ऐसा करना होगा। एनसीआर के बाकी एरिया के लिए यह समय सीमा 2026 के अंत तक है। गौरतलब है कि दिल्ली ने 1998 में डीजल ऑटो रिक्शा के अपने बेड़े को सीएनजी में बदलने के लिए प्रोग्राम शुरू किया था। बता दें कि फिलहाल दिल्ली में डीजल से चलने वाले ऑटो का रजिस्ट्रेशन नहीं किया जा रहा है।

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