
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण परेशान करने लगा है। धूल भरी आंधी के बाद शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर में धूल की एक मोटी परत छा गई, जिससे दृश्यता कम हो गई और वायु गुणवत्ता में गिरावट आ गई। एनसीआर में हवा बहुत खराब स्थिति में पहुंच गई है, जिसके चलते ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के पहले चरण यानी स्टेज-1 को तुरंत प्रभाव से लागू करने का फैसला किया गया है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने गंभीर रुख अपनाते हुए इसे लेकर आदेश जारी किया है ताकि प्रदूषण की स्थिति और न बिगड़े और वक्त रहते रोकथाम हो सके। बता दें कि GRAP-1 तब लागू होता है, जब शहर का एक्यूआई 200 के पार पहुंच जाता है।
एक मई को ही हवा के स्तर में सुधार आने के बाद सभी पाबंदियां हटा दी गई थीं लेकिन वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने शुक्रवार को ग्रेप के पहले चरण के प्रतिबंध पुन: लागू करने का फैसला किया है।
इन चीजों पर लगा बैन-
- इस चरण में खुले में कचरा जलाने पर बैन, डीजल जनरेटर का सीमित उपयोग।
- रेस्टोरेंट में कोयले या जलाऊ लकड़ी के उपयोग पर बैन।
- ग्रेप-1 पाबंदियों के तहत निर्माण गतिविधियों पर कुछ पाबंदियां लगाई जाती हैं।
- कचरा जलाने पर पूरी तरह रोक रहेगी और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा दिया जाएगा।
- खुले में कूड़ा जलाना, सड़कों पर धूल उड़ना और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर भी निगरानी बढ़ाई जाएगी।
GRAP की कौन सी स्टेज कब लागू होती है?
- जब AQI का स्तर 201-300 के बीच होता है तब GRAP स्टेज-1 लागू होती है।
- जब AQI 301-400 के बीच यानी 'बहुत खराब' मापा जाता है तब स्टेज-2 प्रभावी होती है।
- 'गंभीर' वायु गुणवत्ता के बीच स्टेज-3 लागू की जाती है।
- जब एक्यूआई 450 से ऊपर जाने लगता है तब स्टेज-4 लागू की जाती है।
धूल भरी आंधी के चलते एनसीआर का एक्यूआई 292 पहुंच गया, जोकि खराब श्रेणी में आता है। सीएक्यूएम की ग्रेप उप समिति ने गुरुवार को बैठक भी की लेकिन ग्रेप-1 के प्रतिबंध लगाने से पहले एक दिन का इंतजार किया कि शायद सुधार हो ही जाए। लेकिन जब शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन भी एक्यूआई 278 यानी खराब श्रेणी में ही रहा तो समिति ने ग्रेप स्टेज-1 की पाबंदियां लगाने का फैसला कर लिया।
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