नई दिल्ली: आतंक के आका का घमंड और हिम्मत की परतें अब दरकने लगी हैं। जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर, जो कभी डर का दूसरा नाम हुआ करता था, अब अपनी ही जुबानी अतीत के उन राजों को खोल रहा है जिन्हें वह वर्षों से छिपाता आ रहा था। जम्मू की कोट भलवाल जेल से निकल भागने की नाकामयाब साजिश, सुरंग और पकड़े जाने के बाद भरपूर पिटाई- इन खुलासों के साथ जैश चीफ मसूद अजहर पहली बार फूट-फूटकर रोता दिखा। मसूद अजहर ने खुद बताया कि जब वह जेल से भागने की फिराक में था तो उसकी कैसे कुटाई हुई थी।
जब जेल में हुई मसूद अजहर की खूब पिटाई
मसूद अजहर ने पहली बार माना कि उसने जम्मू की कोट भलवाल जेल से भागने की कोशिश की थी। उसने जेल से भागने के लिए सुरंग भी बनाई थी। सुरंग बनाने के लिए औजार मंगाए थे। बस आखिरी दिन जब वह भागने वाला था तब पकड़ा गया। उसको अभी तक जेल अधिकारियों का खौफ है। मसूद ने बताया कि जेल में भागने की कोशिश के दौरान जब वह पकड़ा गया था तो उसकी बुरी तरह पिटाई हुई थी। उसके साथियों के जिस्म डबल रोटियों की तरह सूझ गए थे।
पकड़े जाने पर मसूद के साथ ऐसे हुई थी सख्ती
मसूद अजहर ने बताया कि जेल में खाने से लेकर पेशाब करने तक में पाबंदी लगा दी गई थी। जेल से भागते समय जब वह पकड़ा गया था तो उससे पूछा गया था कि सुरंग खोदने के लिए औजार कहां से आए। उसे पूछताछ के लिए एक अफसर के पास ले गए थे। तब उसे जंजीर से बांधा हुआ था।
कौन है आतंकी मसूद अजहर?
मसूद अजहर, भारत में हुए कई बड़े आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड है। वह पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का चीफ और संस्थापक है। मसूद अजहर 1994 में भारत आया था, जहां उसे जम्मू-कश्मीर में अरेस्ट कर लिया गया था। उसके बाद उसे जम्मू की कोट भलवाल जेल में कैद किया गया था। फिर 1999 में उसे फ्लाइट IC-814 के हाईजैक होने के बाद यात्रियों की रिहाई के बदले में छोड़ा गया था। रिहा होने के बाद मसूद ने पाकिस्तान में जाकर जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना की थी। भारत में 2001 के संसद हमले, 2016 के पठानकोट एयरबेस हमले और 2019 के पुलवामा आत्मघाती हमले के पीछे मसूद अजहर का नाम होना बताया जाता है।
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