दिल्ली-एनसीआर की जहरीली हवा काफी घातक हो रही है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने दिल्ली और NCR राज्य सरकारों को सभी आउटडोर खेल गतिविधियों को तत्काल निलंबित करने का निर्देश दिया है। आयोग ने चेतावनी दी है कि खराब वायु गुणवत्ता के बीच ऐसे आयोजनों का जारी रहना बच्चों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था मामला
शनिवार को दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में आयोग ने कहा कि वह इस बात से चिंतित है कि 19 नवंबर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरूप जारी निर्देशों के बावजूद दिल्ली-NCR के कुछ स्कूल और संस्थान अभी भी आउटडोर खेल गतिविधियों का आयोजन कर रहे हैं।
फिजिकल गेम प्रतियोगिताओं को स्थगित करने का आह्वान
सीएक्यूएम ने कहा कि प्रतिकूल वायु गुणवत्ता के दौरान आउटडोर खेल की गतिविधियों का जारी रहना सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों और आयोग के निर्देशों के विपरीत है। आयोग ने 19 नवंबर के पत्र में नवंबर और दिसंबर के दौरान निर्धारित फिजिकल गेम प्रतियोगिताओं को स्थगित करने का आह्वान किया था।
आयोग ने आदेश को तुंरत पालन करने को कहा था
आयोग ने एनसीआर राज्य सरकारों और दिल्ली सरकार को पहले के निर्देशों का सख्ती से और तुरंत पालन सुनिश्चित करने को कहा था। इसमें दिल्ली-एनसीआर के सभी स्कूलों, शैक्षणिक संस्थानों, खेल निकायों और स्थानीय अधिकारियों को आउड डोर गतिविधियों को बंद करने के लिए आवश्यक निर्देश जारी करने और स्कूलों और अभिभावकों को इससे जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में जागरूक करने का निर्देश दिया।
सीएक्यूएम ने अधिकारियों से जमीनी स्तर पर अनुपालन की कड़ी निगरानी करने और किसी भी उल्लंघन की स्थिति में उचित कार्रवाई करने को भी कहा।
दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-4 भी लागू
प्रतिकूल मौसम की स्थिति के बीच प्रदूषण के स्तर में तेजी से वृद्धि के बाद, पैनल ने शनिवार को अपनी वायु प्रदूषण नियंत्रण योजना (GRAP) के तहत सबसे सख्त उपाय लागू किए, जिसमें दिल्ली-एनसीआर में सभी निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर प्रतिबंध शामिल है। GRAP के फेज IV के तहत, आवश्यक वस्तुओं या आवश्यक सेवाओं को ले जाने वाले ट्रकों को छोड़कर, दिल्ली में ट्रकों का प्रवेश बंद कर दिया गया है। हालांकि, सीएनजी, एलएनजी, इलेक्ट्रिक और बीएस-वीआई डीजल ट्रकों को अनुमति है।
स्कूल भी हाईब्रिड मोड में
दिल्ली और सबसे अधिक प्रभावित एनसीआर जिलों में प्राथमिक छात्रों के साथ-साथ उच्च कक्षाओं (छठी से नौवीं और ग्यारहवीं) के छात्रों के लिए भी स्कूलों को हाइब्रिड मोड (ऑनलाइन और भौतिक) में कक्षाएं संचालित करनी होंगी, जहां संभव हो वहां छात्रों को ऑनलाइन उपस्थित होने का विकल्प दिया जाएगा। (इनपुट-PTI)