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फ्री कोचिंग की मदद से 17 छात्रों ने पास की 'जेईई-मेन्स' की परीक्षा, ये राज्य सरकार देती है सुविधा

महाराष्ट्र सरकार की मदद से 17 आदिवासी छात्रों ने 'जेईई-मेन्स' की परीक्षा पास की है। सरकार ने छात्रों को फ्री कोचिंग की सुविधा मुहैया कराई। इस बात की जानकारी एक अधिकारी ने दी है। छात्र जल्द ही जेईई एंडवास्ड की परीक्षा में बैठेंगे।

Edited By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published : Jun 13, 2023 05:30 pm IST, Updated : Jun 13, 2023 05:30 pm IST
JEE- India TV Hindi
Image Source : PTI 17 छात्रों ने पास की 'जेईई-मेन्स' की परीक्षा

कहते हैं कि अगर कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो लोग क्या नहीं कर गुजरते। अगर आपमें जज्बा है तो आप तक मदद कहीं न कहीं से पहुंच ही जाती है। महाराष्ट्र से कुछ ऐसी ही खबर आई है। यहां के दो जिले गोंदिया और गढ़चिरौली के दूर-दराज के गांवों के बच्चों ने जेईई मेन्स जैसे कठिन परीक्षा में अपना परचम लहराया है। जानकारी दे दें कि गोंदिया और गढ़चिरौली जिले के गांवों के कम से कम 17 आदिवासी छात्रों ने राज्य सरकार की मदद से कोचिंग की सुविधा प्राप्त कर 'जेईई मेन्स' की कठिन परीक्षा पास कर इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) में पढ़ने के अपने सपने के एक कदम और करीब पहुंच गए हैं। आज राज्य सरकार के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी।

सिर्फ 4 महीने की कोचिंग में हुआ कमाल

अधिकारी की मानें तो इन छात्रों ने जिले के बोरगांव बाजार में ट्राइबल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट के 4 महीने के आवासीय कोचिंग कार्यक्रम में भाग लेने के बाद 'जेईई एडवांस' परीक्षा के लिए क्वालिफिकेशन प्राप्त कर ली है। अधिकारी ने जानकारी दी कि एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) में पढ़ने वाले गढ़चिरौली और गोंदिया जिले के करीब 17 आदिवासी बच्चे, जो 12वीं कक्षा की परीक्षा में शामिल हुए थे, उन्हें इस साल राज्य सरकार के ट्राइबल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा गठित टीम द्वारा जेईई मेंस परीक्षा के लिए फ्री में कोचिंग दी गई थी।

मिशन का नाम है 'मिशन शिखर'

ट्राइबल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट में अतिरिक्त आयुक्त रवींद्र ठाकरे ने मीडिया से कहा कि उन्होंने डिपार्टमेंट के अंतर्गत आने वाले सभी आश्रम विद्यालयों का निरीक्षण करने के बाद 'मिशन शिखर' कार्यक्रम शुरू किया। जानकारी दे दें कि रवींद्र ठाकरे ने आश्रम विद्यालयों के शिक्षकों के लिए स्पेशल ट्रेनिंग और वर्कशॉप भी शुरू की थीं। उन्होंने बताया कि आदिवासी बच्चे पढ़ाई में बहुत अच्छे होते हैं, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिलता, इशलिए हमने 2021 में शुरू किया 'मिशन शिखर' जिससे इन बच्चों को अपने सपने पूरे करने में मदद मिलेगी। रवींद्र ठाकरे ने कहा, ‘‘ हमने स्थानीय टीचर्स को कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर चुना, जिन्होंने इन बच्चों को कोचिंग देने में शानदार काम किया। प्राइवेट कोचिंग सेंटर्स से बिना किसी पेशेवर कोचिंग के 25 में से कम से कम 17 छात्रों ने 'जेईई एडवांस' परीक्षा के लिए क्वालिफाई कर ली है।’’

(इनपुट- पीटीआई)

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