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अमेरिका की सेना ने अंडरकवर एजेंट को ही मार दिया, निशाने पर था इस्लामिक स्टेट का अधिकारी

अमेरिकी सेना ने 19 अक्टूबर को सीरिया के दुमैर में छापेमारी की, जिसमें एक अंडरकवर एजेंट, खालिद अल-मसूद मारा गया। परिवार और अधिकारियों का कहना है कि अमेरिकी सेना को गलत जानकारी दी गई थी, जिससे यह घटना हुई।

Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published : Dec 05, 2025 04:55 pm IST, Updated : Dec 05, 2025 04:55 pm IST
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Image Source : AP खालिद अल-मसूद और उसकी हत्या में प्रयोग किए गए हथियारों का एक हिस्सा।

दमिश्क/दुमैर: अमेरिका की सेना ने 19 अक्टूबर की रात सीरिया के दुमैर शहर में छापेमारी की थी। इस छापेमारी का मकसद इस्लामिक स्टेट के एक बड़े अधिकारी को पकड़ना था। खालिद अल-मसूद नाम का वह शख्स अमेरिकी फौजियों की गोलीबारी का निशान बन गया लेकिन परिवारजनों और सीरियाई अधिकारियों के मुताबिक, जिस शख्स को मारा गया वह ISIS का आदमी नहीं था, बल्कि कई सालों से इस्लामिक स्टेट के खिलाफ अंडरकवर एजेंट के रूप में खुफिया जानकारी जुटा रहा था। खालिद के रिश्तेदारों का कहना है कि वह पहले अहमद अल-शरआ की अगुवाई वाली बागी तंजीम 'हयात तहरीर अल-शाम' यानी कि HTS के लिए काम करता था, जो अल-कायदा से जुड़ी रही है लेकिन ISIS की दुश्मन है।

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'दरवाजा तोड़कर अंदर घुसे और गोली मार दी'

बशर असद की सत्ता जाने के बाद खालिद अंतरिम सरकार के जनरल सिक्योरिटी डिपार्टमेंट में तैनात था और दक्षिणी रेगिस्तान (बदिया) में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ जासूसी कर रहा था। दुमैर के लोग बताते हैं कि रात करीब 3 बजे भारी गाड़ियों और हेलीकॉप्टरों की आवाज से नींद टूटी। उन्हें एक हमवी दिखी जिस पर अमेरिकी झंडे लगे थे। खालिद के चचेरे भाई अब्दुल करीम मसूद ने बताया, 'दरवाजा खोला तो सामने हमवी खड़ी थी। ऊपर बैठा अमेरिकी सैनिक टूटी-फूटी अरबी में चिल्लाया और ग्रीन लेजर से निशाना बनाकर अंदर जाने को कहा।' खालिद की मां सबाह अल-शेख अल-किलानी ने रोते हुए कहा, 'उन्होंने मेरे बेटे के घर को घेर लिया। दरवाजा पीटा। खालिद ने चिल्लाकर कहा कि वह जनरल सिक्योरिटी का है, लेकिन वे दरवाजा तोड़कर अंदर घुसे और गोली मार दी।'

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Image Source : AP
खालिद की मां सबा अल-शेख अल-किलानी घर की दीवारों पर गोलियों से बने छेद को दिखाती हुईं।

'जानबूझकर गलत जानकारी अमेरिकियों को दी'

खालिद की मां ने कहा, 'वे जख्मी हालत में खालिद को ले गए। बाद में सरकारी अफसरों ने कहा कि वह अस्पताल में है, उसे रिहा कर दिया है। फिर फोन आया कि लाश ले जाओ। कब मरा, कैसे मरा, कुछ पता नहीं। मैं चाहती हूं कि जिसने मेरे बेटे को उसकी 5 मासूम बच्चियों से छीना, उसे सजा मिले। परिवार का मानना है कि 'सीरियन फ्री आर्मी' के कुछ लोगों ने गलत या जानबूझकर गलत जानकारी अमेरिकियों को दी। SFA पहले असद के खिलाफ लड़ती थी, अब अंतरिम रक्षा मंत्रालय के अधीन है। SFA के प्रतिनिधियों ने इस बारे में कोई जवाब नहीं दिया। सीरिया के 3 अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर पुष्टि की कि खालिद अंतरिम सरकार के लिए काम कर रहा था और ISIS के खिलाफ ऑपरेशन में लगा था।

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Image Source : AP
खालिद अल-मसूद की बेटियों के साथ उसकी मां।

अमेरिका और सीरिया दोनों ने साधी चुप्पी

अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) ने इस छापे पर कोई बयान नहीं दिया, जबकि आम तौर पर वह इस्लामिक स्टेट के किसी बड़े सदस्य के मरने या पकड़े जाने पर बयान जारी करता है। एक अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने सिर्फ इतना कहा, 'हमें इन खबरों की जानकारी है, लेकिन बताने को कुछ नहीं है।' सीरिया के रक्षा और गृह मंत्रालय ने भी कोई टिप्पणी नहीं की। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह घटना अमेरिका और नई सीरियाई सरकार के बीच तालमेल की कमी को दिखाती है। न्यूयॉर्क स्थित सौफान सेंटर के सीनियर रिसर्च फेलो वसीम नस्र ने कहा, 'खालिद अल-मसूद बदिया रेगिस्तान में ISIS में घुसा हुआ था। उसकी मौत ISIS के खिलाफ लड़ाई के लिए बड़ा झटका है। यह सब कोऑर्डिनेशन की कमी की वजह से हुआ। दमिश्क के साथ हॉटलाइन होना जरूरी है ताकि पता चल सके कि जमीन पर कौन अपना है, कौन दुश्मन।'

पहले भी हो चुकी हैं इस तरह की गलतियां

लंदन की संस्था 'एयरवॉर्स' ने बताया कि 2020 से अब तक गठबंधन के 52 हमलों में आम नागरिक मारे गए या घायल हुए। खालिद अल-मसूद को भी उन्होंने आम नागरिक माना है। 2023 में भी अमेरिका ने ड्रोन हमले में अल-कायदा लीडर मारने का दावा किया था, बाद में पता चला कि मारा गया शख्स सिर्फ एक किसान था। एक्सपर्ट्स का कहना है कि कई बार दुश्मन गुट आपस के झगड़ों में अमेरिका को इस्तेमाल करते हैं और गलत जानकारी देकर अपने विरोधियों को निशाना बनवाते हैं। अब सबकी निगाह इस बात पर है कि क्या नई सीरियाई सरकार और अमेरिका के बीच सीधी हॉटलाइन बनेगी, ताकि आगे ऐसी 'गलतियां' न हों। (AP)

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