नई दिल्ली/श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक छोटे-से पोस्टर से शुरू हुई जांच के जरिए एक बड़े अंतरराष्ट्रीय आतंकी मॉड्यूल को ध्वस्त कर दिया है। यह मॉड्यूल न सिर्फ जम्मू-कश्मीर में सक्रिय था, बल्कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश और यहां तक कि पाकिस्तान तक फैला हुआ था। इस नेटवर्क में रेडिकलाइज्ड प्रोफेशनल्स और स्टूडेंट्स शामिल थे, जो एन्क्रिप्टेड चैनलों के जरिए संपर्क में रहते थे। जांच के दौरान 7 मुख्य आरोपी गिरफ्तार हुए, जबकि एक और डॉक्टर को बाद में हिरासत में लिया गया था। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इसी मॉड्यूल से जुड़े संदिग्धों का नाम दिल्ली के लाल किले के पास हुए विस्फोट में भी सामने आया है, जिसमें 12 लोगों की मौत हुई है।
अक्टूबर 2025 से शुरू हुई थी कहानी
सब कुछ 19 अक्टूबर 2025 को श्रीनगर के बुनपोरा नौगाम इलाके से शुरू हुआ। वहां विभिन्न जगहों पर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के कई पोस्टर चिपके मिले, जिनमें पुलिस और सुरक्षाबलों को धमकी दी गई थी। ये पोस्टर उर्दू में लिखे थे और इनमें स्थानीय लोगों से सुरक्षाबलों का सहयोग न करने की अपील कर रहे थे। पुलिस ने इसे हल्के में नहीं लिया। नौगाम थाने में FIR नंबर 162/2025 दर्ज की गई, जिसमें UAPA एक्ट की धारा 13, 16, 17, 18, 18-B, 19, 20, 23, 39 और 40 के साथ-साथ BNS की धारा 61(2), 147, 148, 152, 351(2), एक्सप्लोसिव सबस्टेंस एक्ट की धारा 4/5 और आर्म्स एक्ट की धारा 7/25/27 लगाई गईं।
जांच में सामने आई चौंकाने वाली बातें
मामला दर्ज होने के बाद जांच शुरू हुई, और जल्द ही पता चला कि यह कोई सामान्य धमकी नहीं, बल्कि एक सुनियोजित 'व्हाइट कॉलर टेरर इकोसिस्टम' का हिस्सा था। इसमें रेडिकलाइज्ड प्रोफेशनल्स और स्टूडेंट्स शामिल थे, जो पाकिस्तान और अन्य देशों से हैंडलर्स के संपर्क में थे। ये लोग एन्क्रिप्टेड ऐप्स के जरिए ब्रेनवॉशिंग, कोऑर्डिनेशन, फंड ट्रांसफर और लॉजिस्टिक्स का काम कर रहे थे। फंडिंग प्रोफेशनल और अकादमिक नेटवर्क्स से हो रही थी, जो सोशल या चैरिटेबल कॉज के नाम पर जुटाए जाते थे। आरोपी लोगों को रेडिकलाइज करने, उन्हें आतंकी संगठन में भर्ती करने, पैसे जुटाने, लॉजिस्टिक्स, हथियार-गोला-बारूद खरीदने और आईईडी बनाने के मटेरियल जुटाने में लगे थे।
पोस्टर चिपकाने वालों की हुई पहचान
जब मामले की जांच आगे बढ़ी तो पुलिस ने CCTV फुटेज की मदद से पोस्टर चिपकाने वालों की पहचान की, जिसमें कई आरोपी पकड़े गए। गिरफ्तार लोगों में शामिल हैं:
- अरिफ निसार दार उर्फ साहिल, निवासी नौगाम, श्रीनगर
- यासिर-उल-अशरफ, निवासी नौगाम, श्रीनगर
- मकसूद अहमद दार उर्फ शाहिद, निवासी नौगाम, श्रीनगर
- मौलवी इरफान अहमद (मस्जिद के इमाम), निवासी शोपियां
- जमीर अहमद अहंगर उर्फ मुतलाशा, निवासी वाकुरा, गंदरबल
- डॉ. मुजम्मिल अहमद गनाई उर्फ मुसाइब, निवासी कोइल, पुलवामा
- डॉ. आदिल, निवासी वानपोहा, कुलगाम
गिरफ्तारियों के साथ ही जम्मू-कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर, अनंतनाग, गंदरबल और शोपियां में कई जगहों पर सर्च ऑपरेशन चलाए। हरियाणा पुलिस के साथ फरीदाबाद और उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ सहारनपुर में भी छापे मारे गए गए। इन छापों में भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक बरामद हुए। कुल मिलाकर 2,900 किलोग्राम IED मटेरियल, जैसे अमोनियम नाइट्रेट, पोटैशियम नाइट्रेट और सल्फर जब्त किया गया।

डॉक्टर मुजम्मिल बना सबसे अहम कड़ी
डॉक्टर मुजम्मिल अहमद गनाई पिछले साढ़े तीन साल से फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में जनरल फिजिशियन के तौर पर पढ़ा रहा था और यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर डॉक्टर्स क्वार्टर्स में रहता था। जम्मू-कश्मीर और फरीदाबाद पुलिस के जॉइंट ऑपरेशन में उसे कुछ दिन पहले ही गिरफ्तार किया गया। उसकी निशानदेही पर धौज गांव के एक घर से 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट बरामद हुआ, जो यूनिवर्सिटी कैंपस से महज 500 मीटर दूर था। उसी कमरे से वॉकी-टॉकी, 20 टाइमर, 20 बैटरी, घड़ी और कुछ केमिकल्स भी मिले। इसके अलावा, डॉ. मुजम्मिल के पास से एक स्विफ्ट कार बरामद हुई, जिसमें एक असॉल्ट राइफल, 83 गोलियां, दो मैगजीन, एक पिस्टल, उसके कुछ जिंदा कारतूस, दो खाली खोखे और पिस्टल की एक मैगजीन थी।
धौज गांव की मस्जिद का मौलाना हिरासत में
मुजम्मिल की निशानदेही पर फरीदाबाद के फतेहपुर तागा गांव के एक घर से 2563 किलोग्राम संदिग्ध विस्फोटक बरामद किया गया, जो शुरुआती जांच में अमोनियम नाइट्रेट जैसा लग रहा था। यह घर हाफिज इश्तियाक नाम के शख्स का था, जो धौज गांव की मस्जिद का मौलाना है। पुलिस ने हाफिज इश्तियाक को भी हिरासत में ले लिया है और उससे पूछताछ चल रही है। स्विफ्ट कार की बात करें तो यह अल-फलाह यूनिवर्सिटी की ही डॉक्टर शाहीन शाहिद की थी। डॉ. शाहीन लखनऊ के लालबाग इलाके की रहने वाली है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और हवाई जहाज से श्रीनगर लाकर हिरासत में पूछताछ शुरू की। पुलिस जानना चाहती है कि डॉ. मुजम्मिल और शाहीन कब से एक-दूसरे के संपर्क में थे, और मुजम्मिल ने उसकी कार का इस्तेमाल कब से शुरू किया।
CCTV फुटेज से पहचाना गया डॉक्टर आदिल
डॉ. शाहीन के फोन से भी कुछ पाकिस्तानी नंबर्स मिले हैं, जो हैंडलर्स से जुड़े हो सकते हैं। डॉ. आदिल की गिरफ्तारी भी इसी चेन का हिस्सा थी। वह गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (GMC) में रेजिडेंट डॉक्टर था। जांच में पता चला कि JeM से जुड़े पोस्टर चिपकाने में वह भी शामिल था। CCTV फुटेज से उसकी पहचान हुई। जब पुलिस उसके कुलगाम स्थित घर पहुंची, तो वह वहां नहीं मिला। परिवार से पूछताछ पर पता चला कि वह सहारनपुर में एक शादी अटेंड करने गया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीम सहारनपुर पहुंची और वहां से उसे गिरफ्तार कर लिया। उसके लॉकर से एक AK-47 राइफल भी बरामद हुई। डॉ. आदिल के फोन से भी पाकिस्तानी नंबर्स मिले।
लाल किला के पास ब्लास्ट में 12 की मौत
गिरफ्तारियां चल ही रही थीं कि दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर 2025 की शाम को एक जबरदस्त विस्फोट हुआ। यह लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास पार्किंग एरिया में धीमी गति से गुजर रही एक हुंडई i20 कार में हुआ। विस्फोट इतना जोरदार था कि कई वाहन जलकर राख हो गए। आंकड़ों के मुताबिक, इस हादसे में 12 लोग मारे गए, जबकि 20 से ज्यादा घायल हुए। दिल्ली पुलिस ने कोतवाली थाने में UAPA की धारा 16 और 18 (आतंकी हमले और साजिश से जुड़ी), एक्सप्लोसिव एक्ट और BNS की धाराओं के तहत FIR दर्ज की। पूरे राष्ट्रीय राजधानी में हाई अलर्ट जारी हो गया। हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। एनएसजी की टीम भी साइट पर पहुंची।
'डॉक्टर उमर मोहम्मद चला रहा था कार
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, कार का ड्राइवर पुलवामा का निवासी और पेशे से डॉक्टर उमर मोहम्मद था, जो कथित तौर पर फरीदाबाद के इसी टेरर मॉड्यूल से जुड़ा था। प्रारंभिक जांच से संकेत मिले कि विस्फोट में अमोनियम नाइट्रेट, ईंधन तेल और डिटोनेटर का इस्तेमाल हुआ। सूत्रों के मुताबिक, अंतिम रिपोर्ट का इंतजार है, लेकिन यह मॉड्यूल दिल्ली ब्लास्ट से जुड़ा लग रहा है। कई CCTV फुटेज सामने आने हैं जिनमें डॉक्टर उमर मोहम्मद हुंडई i20 कार में बैठा नजर आ रहा है। लाल किले की पार्किंग से कार के निकलते वक्त भी वह CCTV में कैद हुआ है।
गृह मंत्री अमित शाह ने की उच्चस्तरीय बैठक
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घटना के मद्देनजर मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी एवं देश के अन्य हिस्सों में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। सूत्रों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, IB के निदेशक तपन डेका, दिल्ली पुलिस कमिश्नर सतीश गोलचा और NIA के महानिदेशक सदानंद वसंत दाते शामिल हुए। जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक DGP नलिन प्रभात डिजिटल माध्यम से इस बैठक में शामिल हुए। बैठक के दौरान शीर्ष अधिकारियों ने विस्फोट के बाद की स्थिति पर विस्तृत जानकारियां दीं। गृह मंत्री ने कहा है कि शीर्ष जांच एजेंसियां विस्फोट की गहनता से जांच कर रही हैं और हर पहलू को ध्यान में रखा जा रहा है।




