Explainer: महागठबंधन और एनडीए दोनों गठबंधनों में सीटों को लेकर खींचतान चल रही है और दोनों गठबंधनों में शामिल बड़े दलों के साथ साथ छोटे दलों की महत्वाकांक्षाएं और ज्यादा सीटें हासिल करने की होड़ से सियासत गरमाई हुई है। एक तरफ जहां महागठबंधन में कांग्रेस और राजद में खींचतान चल रही है तो उधर एनडीए में चिराग पासवान और जीतन राम मांझी ने जदयू और भाजपा का तनाव बढ़ा दिया है। हालांकि उम्मीद है कि गुरुवार को एनडीए और महागठबंधन जल्द ही सीटों का बंटवारा कर लेंगे और सहमति बनते ही उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर देंगे। लेकिन इन सबके बीच प्रशांत किशोर सबसे आगे निकल गए हैं और पहले चरण के मतदान के लिए आज अपनी पार्टी जनसुराज के उम्मीदवारों का ऐलान करने वाले हैं।
चाचा भतीजे की बीच होगी सियासी जंग?
महागठबंधन का सीएम फेस फिलहाल राजद नेता तेजस्वी यादव ही हैं, लेकिन अभी तक सहयोगियों ने उनका नाम फाइनल नहीं किया है। इस तरह से चाचा नीतीश को इस बार टक्कर भतीजा तेजस्वी देंगे। तेजस्वी ने सियासी गुर नीतीश से भी सीखा है क्योंकि नीतीश के साथ उन्होंने सत्ता संभाली थी और उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं। फिलहाल नीतीश कैबिनेट में दो उप मुख्यमंत्री हैं, पहले सम्राट चौधरी जो ओबीसी समुदाय से आते हैं और दूसरे विजय कुमार सिन्हा, जो जाति से भूमिहार हैं। नीतीश सरकार में दोनो उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा 28 जनवरी, 2024 से लगभग 252 दिनों तक इस पद पर हैं।
तीन उप-मुख्यमंत्री का नया फॉर्मूला
वरिष्ठ राजद और कांग्रेस नेताओं ने बुधवार को कहा कि गठबंधन में अंतिम सीट समझौते के करीब पहुंच गया है। महागठबंधन का फॉर्मूला कुछ अलग सा है, जिसमें कहा गया है कि विधानसभा चुनाव में जीत के बाद बिहार में तीन उप मुख्यमंत्री होंगे, जिसमें एक दलित, एक मुस्लिम और एक अत्यंत पिछड़ा वर्ग समुदाय से होगा।
राजद का कहना है कि, महागठबंधन के इस फ़ॉर्मूले से इस बात का स्पष्ट संकेत है कि तेजस्वी यादव गठबंधन के निर्विवाद मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में उभरे हैं। यह लालू की विरासत को नया रूप देने का लालू का मास्टरस्ट्रोक है।
कांग्रेस के प्रवीण सिंह कुशवाहा ने कहा कि प्रस्तावित तीन उप-मुख्यमंत्री का फ़ॉर्मूला राहुल गांधी के सभी जातियों और वर्णों को संतुलित करने का प्रयास है।
वीआईपी प्रवक्ता देव ज्योति ने कहा कि यह फ़ॉर्मूला तेजस्वी यादव की दूरदर्शिता को दर्शाता है। उन्होंने कहा, "गुरुवार शाम तक, तेजस्वी जी को गठबंधन का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया जाएगा और उनके एक उप-मुख्यमंत्री हमारे नेता मुकेश सहनी होंगे।"
वहीं एनडीए में शामिल उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोक मोर्चा के महासचिव और प्रवक्ता राम पुकार शर्मा ने कहा कि महागठबंधन के सभी नेता हवाई किले बनाने में माहिर हैं। उन्होंने कहा, "वे जानते हैं कि उनका गठबंधन तीन अंकों तक भी नहीं पहुंच पाएगा, फिर भी वे घोषणाएं कर रहे हैं। उन्हें अपने मंत्रिपरिषद के नामों की भी घोषणा करनी चाहिए।"
जन सुराज पार्टी के अनिल कुमार सिंह ने इसे चुनाव से पहले एक "फर्जी संदेश" बताया और व्यावहारिक रूप से असंभव बताया। उन्होंने कहा, "उनके लिए 123 के जादुई आंकड़े तक पहुंचना मुश्किल है। यह योजना ऐसे समय में आई है जब तेजस्वी को डर है कि विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के मुकेश सहनी, जिन्होंने खुद को अगला उप-मुख्यमंत्री घोषित कर दिया है, अपना पाला न बदल लें।"
हालांकि किसी पार्टी या गठबंधन द्वारा चुनाव से पहले उप-मुख्यमंत्री की नियुक्ति के बारे में निर्णय लेना असामान्य सी बात है। राजद ने 20 वर्षों में अपने दम पर कोई चुनाव नहीं जीता है और पांच साल पहले हुए चुनाव में महागठबंधन बहुमत के आंकड़े से बहुत दूर रह गया था, क्योंकि छोटे समुदाय चुपचाप यादवों के जमीनी प्रभुत्व के खिलाफ लामबंद हो गए थे।
राजनीति के हिसाब से मानें तो अगर महागठबंधन को जीत मिलती है तो तेजस्वी यादव के लिए, तीन उप-मुख्यमंत्री का फॉर्मूला कई फ़ायदे दे सकता है। यह वंशवादी वर्चस्व के आरोपों को कम कर सकता है, अतीत की यादव-केंद्रित धुरी से अलग होने का संकेत देता है, और दलित, अति-पिछड़े और मुस्लिम प्रतिनिधियों को स्पष्ट जगह देता है।
बिहार में अब तक कितने डिप्टी सीएम
- बिहार में अब तक 10 उप-मुख्यमंत्री रह चुके हैं। बिहार के पहले सीएम श्रीकृष्ण सिंह के साथ उनके उप-मुख्यमंत्री कांग्रेस के अनुग्रह नारायण सिन्हा हुए। अनुग्रह नारायण सिन्हा ने 11 साल और 94 दिनों तक इस पद पर कार्य किया। अनुग्रह नारायण सिन्हा ने समान पदों पर बैठे लोगों के बीच सह-शासन के शुरुआती आदर्श को परिभाषित किया।
- बिहार के दूसरे उप मुख्यमंत्री बने थे कर्पूरी ठाकुर, जो महामाया प्रसाद सिन्हा के मुख्यमंत्री रहने पर इस पद को संभाला था।
- बिहार में डिप्टी सीएम पद को लेकर अलग तरह के प्रयोग भी किए गए। शोषित समाज दल के जगदेव प्रसाद मात्र 5 दिनों तक इस पद पर रहे, जबकि कांग्रेस के राम जयपाल सिंह यादव 1970 के दशक में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच 220 दिनों तक इस पद पर रहे।
- भाजपा के सुशील कुमार मोदी 10 साल और 316 दिनों के साथ देश में उप मुख्यमंत्री के रूप में दूसरे सबसे लंबे कार्यकाल तक डिप्टी सीएम के पद पर रहे।
- इसके बाद नीतीश की कैबिनेट में राजद के नेता तेजस्वी यादव ने 2015 से 2025 के बीच महागठबंधन सरकार के दो कार्यकालों में तीन साल से थोड़ा अधिक समय तक इस पद पर कार्य किया।
- इसके बाद एनडीए की नीतीश कुमार की सरकार में दो डिप्टी सीएम बनाए गए, तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी। इन दोनों ने पहली बार 16 नवंबर, 2020 से 9 अगस्त, 2022 के बीच संयुक्त रूप से 632 दिनों तक इस पद पर कार्य किया।
- वर्तमान में नीतीश की कैबिनेट में सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, ये बिहार के वर्तमान उपमुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने 28 जनवरी 2024 को पदभार ग्रहण किया था।
- उपमुख्यमंत्री का पद एक संवैधानिक पद नहीं होता है, बल्कि यह एक राजनीतिक पद है। राजीनतिक विश्लेषकों के मुताबिक उप-मुख्यमंत्री की कुर्सी राजनीतिक सुलह और संतुलन साधने का काम करती है।
बिहार विधानसभा चुनाव से संबंधित जरूरी बातें
- बिहार की 243 विधानसभा सीटों के लिए इस बार दो चरण में चुनाव हो रहे हैं।
- पहले चरण में 6 नवंबर को 121 सीटों के लिए मतदान होगा और दूसरे चरण में 11 नवंबर को 122 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे।
- चुनाव के पहले चरण के लिए गैजेट नोटिफिकेशन 10 अक्टूबर को जारी होगा और नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 17 तारीख होगी।
- दूसरे चरण के मतदान के लिए गैजेट नोटिफिकेशन 13 तारीख को आएगा, और नामांकन की अंतिम तिथि 20 तारीख तय की गई है।
- पहले चरण के लिए नाम वापस लेने की तारीख 20 अक्टूबर है तो वहीं दूसरे चरण में नाम वापसी की तारीख 23 अक्टूबर निर्धारित है।
- मतगणना 14 नवंबर को होगी।
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