Fact Check: सोशल मीडिया पर आए दिन कोई न कोई वीडियो या फोटो वायरल होती रहती हैं। इनमें से कई का तो सच्चाई से दूर-दर तक कोई नाता नहीं होता। या यूं कहें कि पोस्ट और वीडियो को गलत या भ्रामक दावे से वायरल किया जाता है। ऐसे ही सोशल मीडिया के कई प्लेटफॉर्म में गलत दावों के साथ मैसेज भेजे जाते हैं। इन मैसेज में दी गई जानकारी भ्रामक एवं गलत भी होती है। कुछ ऐसे भी लिंक दिए जाते हैं, जिन पर क्लिक करके लोग धोखाधड़ी के भी शिकार हो जाते हैं। ऐसे ही एक फेक NOC(डिपार्टमेंट ऑफ़ टेलीकम्युनिकेशन्स की ) में कहा गया है रिसीवर की जगह पर मोबाइल टावर लगाया जाएगा और एग्रीमेंट फीस के तौर पर ₹2,500 मांगे गए हैं।
क्या है रहा वायरल?
की तरफ से जारी एक फर्जी NOC में कहा गया है कि वह रिसीवर की जगह पर मोबाइल टावर लगाएगा और एग्रीमेंट फीस के तौर पर 2,500 रुपये मांगे गए हैं।
कैसे पता लगी सच्चाई
NOC में किए गए दावे को लेकर प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो यानी पीआईबी ने फैक्ट चेक किया। पीआईबी द्वारा किए गए फैक्ट चेक में यह जानकारी सामने आई कि यह दावा पूरी तरह से फर्जी है। फैक्ट चेक में सामने आया कि डिपार्टमेंट ऑफ़ टेलीकम्युनिकेशन्स@DoT_India ने ऐसा कोई सर्टिफिकेट जारी नहीं किया है। ऐसे में लोगों को सलाह दी जाती है कि वे सभी झूठी और भ्रामक जानकारी से सावधान रहे और ऐसी गलत सूचनाओं पर ध्यान न दें। साथ ही जनसामान्य के मध्य दुष्प्रचार करने के उद्देश्य से बनाए जा रहे ऐसे मैसेजेस को शेयर न करें। किसी भी खबर पर विश्वास करने या उसे शेयर करने से पहले हमेशा आधिकारिक सोर्सेज से उसकी पुष्टि अवश्य कर लें। केंद्र सरकार से जुड़ी सही और प्रामाणिक जानकारी या विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं की आधिकारिक जानकारी हेतु आधिकारिक पर ही विजिट कीजिए।