Wednesday, December 17, 2025
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हत्या या दहेज हत्या...कैसे हुई थी गीतांजलि की मौत? नहीं खुला रहस्य, CJM पति समेत सभी आरोपी बरी

CBI की विशेष अदालत ने 12 साल पुराने गीतांजलि मौत मामले में गुरुग्राम के तत्कालीन CJM रवनीत गर्ग और उनके माता-पिता को बरी कर दिया। अदालत ने दहेज हत्या और क्रूरता के आरोप साबित न होने की बात कही, जिससे मौत का रहस्य अब भी बरकरार है।

Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published : Dec 17, 2025 09:28 pm IST, Updated : Dec 17, 2025 09:28 pm IST
Geetanjali death case, dowry death case, CJM husband acquitted- India TV Hindi
Image Source : PIXABAY REPRESENTATIONAL अदालत ने तीनों आरोपियों को बरी कर दिया।

पंचकुला: CBI की एक विशेष अदालत ने हरियाणा के एक न्यायिक अधिकारी और उनके माता-पिता को 12 साल से ज्यादा पुराने मौत के मामले में बरी कर दिया है। यह मामला उस समय का है जब अधिकारी की पत्नी गुरुग्राम में मृत पाई गई थीं और उन्हें गोली मारी गई थी। अदालत ने रवनीत गर्ग, जो उस समय गुरुग्राम के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) थे, और उनके माता-पिता को 2013 के इस मामले में बरी कर दिया। गर्ग की पत्नी गीतांजलि जुलाई 2013 में गुरुग्राम पुलिस लाइन्स इलाके के पास मिली थीं।

गुरुग्राम के CJM के पद पर तैनात थे रवनीत गर्ग

गर्ग जुलाई 2013 में गुरुग्राम के CJM के पद पर तैनात थे। शुरुआत में इस मामले की जांच हरियाणा पुलिस ने की थी, लेकिन परिवार की मांग पर इसे CBI को सौंप दिया गया। CBI ने दिसंबर 2016 में चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें गर्ग और उनके माता-पिता पर दहेज हत्या का आरोप लगाया गया था। गुरुग्राम पुलिस ने यह केस IPC की धारा 302 (हत्या) और आर्म्स एक्ट की धाराओं के तहत दर्ज किया था। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजीव गोयल ने मंगलवार को तीनों आरोपियों रवनीत गर्ग, उनके पिता केके गर्ग और मां रचना गर्ग को सभी आरोपों से बरी कर दिया। विस्तृत फैसला अभी जारी होना बाकी है।

'दहेज की मांग और क्रूरता के आरोप झूठे साबित हुए'

आरोपियों के वकील तरमिंदर सिंह ने बताया कि CBI ने चार्जशीट दाखिल करते समय आरोप को IPC की धारा 304बी (दहेज मौत) में बदल दिया था और आरोपियों को झूठे तरीके से फंसाया था। उन्होंने कहा कि मुकदमे के दौरान दहेज की मांग और क्रूरता के आरोप झूठे साबित हुए। वकील ने आगे कहा कि मुकदमे में यह साबित नहीं हो सका कि शादी में किसी प्रकार की अनबन थी। मौत के दिन भी गीतांजलि ने अपने माता-पिता से सामान्य बातचीत की थी और उत्पीड़न की कोई शिकायत नहीं की थी। सिंह ने बताया कि शुरुआत में डॉक्टरों के एक बोर्ड ने कहा था कि गीतांजलि की हत्या हुई है, लेकिन बाद में CBI ने दहेज मौत का आरोप लगाकर आरोपियों पर केस बना दिया।

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