Saturday, April 27, 2024
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गृह मंत्री अमित शाह जम्मू कश्मीर के तीन दिवसीय दौरे पर, शहीद पुलिसकर्मी के परिजनों से मिले

अमित शाह ने शहीद पुलिस अधिकारी के परिजन को सांत्वना दी। अधिकारी की विधवा फातिमा अख्तर को शाह ने अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी के दस्तावेज सौंपे।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: October 23, 2021 17:07 IST
जम्मू कश्मीर पुलिस के शहीद इंस्पेक्टर परवेज अहमद के परिजन से मिले अमित शाह - India TV Hindi
Image Source : PTI जम्मू कश्मीर पुलिस के शहीद इंस्पेक्टर परवेज अहमद के परिजन से मिले अमित शाह 

श्रीनगर: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर के तीन दिवसीय दौरे पर शनिवार को श्रीनगर पहुंचे। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद केंद्र शासित प्रदेश की यह उनकी पहली यात्रा है। यहां पहुंचने के बाद वह सीधे इस साल आतंकवादियों के हमले में शहीद एक पुलिस अधिकारी के परिजनों से मिलने पहुंचे। बाद में उन्होंने घाटी में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। केंद्रीय गृह मंत्री तीन दिवसीय यात्रा पर यहां आए हैं। श्रीनगर हवाई अड्डे पर उप राज्यपाल मनोज सिन्हा और सलाहकार फारुक खान ने शाह का स्वागत किया। 

अमित शाह ऐसे समय में श्रीनगर पहुंचे हैं जब घाटी में कई जगह भारी बारिश और हिमपात हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि अगर मौसम ठीक रहा तो वह रविवार को जम्मू जाएंगे जहां वह एक जनसभा को संबोधित करेंगे और फिर श्रीनगर लौटेंगे। उनके एजेंडे में सबसे पहले जम्मू-कश्मीर के पुलिस इंस्पेक्टर परवेज अहमद के परिवार से मुलाकात करना था। 22 जून को शहर के बाहरी इलाके नौगाम में मस्जिद में शाम की नमाज अदा कर लौट रहे अहमद को आतंकवादियों ने उनके घर के पास गोली मार दी थी। 

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि शाह ने परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की और अहमद की विधवा फातिमा अख्तर को अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी में नियुक्ति के दस्तावेज सौंपे। बाद में शाह ने ट्वीट किया, ‘‘आज शहीद परवेज अहमद डार के परिवार से मिला और उन्हें श्रद्धांजलि दी। मुझे और देश को उनकी बहादुरी पर गर्व है। जम्मू कश्मीर पुलिस नए जम्मू कश्मीर के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।’’ 

नौगाम से वापसी के बाद शाह ने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने विशेष रूप से आम नागरिकों ज्यादातर गैर-स्थानीय मजदूरों और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर की गई हत्याओं के बाद कश्मीर घाटी में आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा की। अधिकारियों ने बताया कि यहां राजभवन में हुई बैठक के दौरान गृह मंत्री को केंद्र शासित प्रदेश से आतंकवाद को खत्म करने के लिए उठाए गए कदमों और सुरक्षा बलों द्वारा घुसपैठ रोधी उपायों की जानकारी दी गई। 

उन्होंने बताया कि बैठक में उप राज्यपाल और सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), पुलिस और अन्य एजेंसियों के वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों सहित नागरिक प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों ने हिस्सा लिया। शाह श्रीनगर-शारजाह की पहली उड़ान को हरी झंडी दिखाकर रवाना भी करेंगे। उनके यहां एक युवा क्लब के सदस्यों के साथ बातचीत करने की भी संभावना है। पांच अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और जम्मू कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख में विभाजित किए जाने के बाद शाह की यह पहली कश्मीर यात्रा है। शाह के घाटी दौरे से पहले पूरे कश्मीर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। 

अधिकारियों ने बताया कि घाटी में सुरक्षा बलों की अतिरिक्त तैनाती की गई है। उन्होंने बताया कि विशेष रूप से यहां शहर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि हाल में आम नागरिकों की हत्याओं के मद्देनजर अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की 50 कंपनियों, करीब 5000 जवानों को घाटी में तैनात किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर के कई इलाकों के साथ कश्मीर घाटी के अन्य हिस्सों में सीआरपीएफ के बंकर बनाए गए हैं। वर्ष 2019 में शाह जब घाटी के दौरे पर आए थे तब भी उन्होंने एक शहीद पुलिस अधिकारी के परिजनों से मुलाकात की थी (इनपुट-भाषा)

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