Monday, April 29, 2024
Advertisement

किसान आंदोलन में फूट? गुरनाम सिंह चढूनी पर शिव कुमार कक्का का पलटवार

कृषि कानून के ख़िलाफ़ चल रहे किसान आंदोलन में बड़ी फूट पड़ती दिख रही है। संयुक्त किसान मोर्चा ने भारतीय किसान यूनियन, चढूनी के प्रधान गुरनाम सिंह चढूनी को सस्पेंड कर दिया है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: January 18, 2021 17:33 IST
Farmers’ protest: Cracks in unions as key leader charts own agenda- India TV Hindi
Image Source : PTI कृषि कानून के ख़िलाफ़ चल रहे किसान आंदोलन में बड़ी फूट पड़ती दिख रही है।

नई दिल्ली: कृषि कानून के ख़िलाफ़ चल रहे किसान आंदोलन में बड़ी फूट पड़ती दिख रही है। संयुक्त किसान मोर्चा ने भारतीय किसान यूनियन, चढूनी के प्रधान गुरनाम सिंह चढूनी को सस्पेंड कर दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा की 7 सदस्यों की कमेटी और सरकार के साथ वार्ता करने वाली कमेटी से अब गुरनाम सिंह चढ़ूनी को हटा दिया गया है। इस घटनाक्रम के बाद अब किसानों के बीच कलह खुलकर सामने आ रही है। चढ़ूनी पर 10 करोड़ लेकर हरियाणा में सरकार गिराने की कोशिश के आरोप लगे जिस पर चढ़ूनी ने किसान नेता शिव कुमार कक्का पर हमला बोला है। चढूनी ने कहा कक्का ने 10 करोड़ लिए जाने का झूठ फैलाया और कक्का आरएसएस के एजेंट हैं।

चढूनी ने कहा, "किसानों में फूट डालने के लिए कक्का आंदोलन में शामिल हुए हैं।" वहीं शिव कुमार कक्का ने भी चढूनी पर पलटवार किया है। कक्का ने कहा कि सस्पेंड किए जाने के बाद चढूनी बौखला गए हैं। किसान नेता शिवकुमार कक्का के मुताबिक गुरनाम सिंह चन्नी पिछले कुछ दिनों से विपक्षी पार्टियों से दिल्ली के मावलंकर हॉल में मुलाकात कर रहे थे और उनकी बैठकों में शामिल हो रहे थे। वहीं, किसान मोर्चे की बैठक से नदारद रह रहे थे।

बता दें कि हाल ही में गुरनाम सिंह चन्नी ने कांग्रेस के नेताओं के साथ मुलाकात की जिसके बाद संयुक्त मोर्चा ने उनके खिलाफ कार्रवाई की थी। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता सतनाम सिंह पन्नू का भी कहना है गुरनाम सिंह के इस कदम के चलते किसानों और किसान संगठनों में नाराजगी है। इस वजह से उनके खिलाफ कार्रवाई की गई।

इस बीच किसान संगठन के नेताओं ने कहा है कि शांतिपूर्वक ट्रैक्टर रैली निकालना किसानों का संवैधानिक अधिकार है और 26 जनवरी को प्रस्तावित इस रैली में हजारों लोग भाग लेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों के राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश के बारे में फैसला करने का पहला पहला अधिकार दिल्ली पुलिस का है। भारतीय किसान यूनियन (लखोवाल) पंजाब के महासचिव परमजीत सिंह ने कहा कि किसान राजपथ और उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्रों में रैली नहीं निकालने जा रहे। 

उन्होंने कहा कि वे केवल दिल्ली में आउटर रिंग रोड पर रैली निकालेंगे और इससे आधिकारिक गणतंत्र दिवस परेड में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होगी। सिंह ने कहा, ‘‘हम दिल्ली की सीमाओं पर अटके हुए हैं। हमने इन सीमाओं पर बैठने का फैसला स्वयं नहीं किया था, हमें दिल्ली में प्रवेश करने से रोका गया। हम कानून-व्यवस्था बाधित किए बिना शांतिपूर्वक रैली निकालेंगे। हम हमारे संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल करेंगे और निश्चित ही दिल्ली में प्रवेश करेंगे।’’

अखिल भारतीय किसान सभा के उपाध्यक्ष (पंजाब) लखबीर सिंह ने कहा कि किसान 26 जनवरी को आउटर रिंग रोड पर ट्रैक्टर ट्राली निकालने के बाद प्रदर्शन स्थलों पर लौटेंगे। लखबीर ने कहा, ‘‘यदि दिल्ली पुलिस को गणतंत्र दिवस पर कानून-व्यवस्था को लेकर कोई समस्या है, तो वे संयुक्त किसान मोर्चा के साथ बैठक कर सकते हैं और ट्रैक्टर रैली के लिए वैकल्पिक मार्गों के बारे में बता सकते हैं। इसके बाद हमारी किसान समिति इस पर फैसला करेगी, लेकिन यह स्पष्ट है कि राष्ट्रीय राजधानी में 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी।’’ 

ये भी पढ़ें

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement