Sunday, May 05, 2024
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Rajat Sharma's Blog: यूपी के शहरों में लोग क्यों लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाकर हड़बड़ी में खरीदारी करने लगे

मैं आप सभी लोगों को सावधान कर दूं कि भारत अब इस महामारी के डैंजर जोन में घुसने की कगार पर खड़ा है। यदि हम सोशल डिस्टैंसिंग और लॉकडाउन के नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो हम मौत के वैसे ही सिलसिले के गवाह बनेंगे जैसा कि इटली, स्पेन और यूएसए जैसे विकसित देशों में देखा गया है।

Rajat Sharma Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Updated on: April 09, 2020 16:29 IST
Rajat Sharma's Blog: यूपी के शहरों में लोग क्यों लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाकर हड़बड़ी में खरीदारी करने- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Rajat Sharma's Blog: यूपी के शहरों में लोग क्यों लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाकर हड़बड़ी में खरीदारी करने लगे

बुधवार को उत्तर प्रदेश के कई शहरों में सोशल मीडिया पर यह अफवाह फैल गई कि सरकार ने 15 जिलों को ‘सील’ कर दिया है। इसी के साथ 15 दिनों के लॉकडाउन के दौरान बरकरार रहा लोगों का धैर्य जवाब दे गया। नोएडा, लखनऊ, गाजियाबाद, मेरठ, रामपुर, सहारनपुर, कानपुर, उन्नाव, कन्नौज और अन्य शहरों में हजारों लोगों ने दुकानों और बाजारों की तरफ दौड़ लगा दी और उन्होंने सब्जियों एवं किराने के सामान का स्टॉक जमा करने के लिए पैनिक मोड में खरीदारी की।

हालात को देखते हुए स्थानीय पुलिस को यह घोषणा करनी पड़ गई कि 15 जिलों को नहीं बल्कि इन जिलों में मौजूद उन 102 हॉटस्पॉट को सील किया जाएगा जहां कोरोना वायरस से संक्रमण के 6 से ज्यादा मामले पाए गए हैं। लेकिन, तब तक लोगों ने पहले से ही लॉकडाउन और सोशल डिस्टैंसिंग के नियमों की धज्जियां उड़ानी शुरू कर दी थी। लोगों ने अफवाहों की सत्यता की जांचने की भी जहमत नहीं उठाई, और न ही आधिकारिक घोषणा का इंतजार किया। वे बड़ी संख्या में अपने घरों से बाहर निकले और बाजारों में चक्कर काटने लगे। अंत में कुछ शहरों में लोगों को हड़बड़ी में खरीदारी करने से रोकने के लिए पुलिस को दुकानें बंद करानी पड़ीं।

102 हॉटस्पॉट में से 22 आगरा में, 13 गाजियाबाद में और 12-12 नोएडा और लखनऊ में हैं। राज्य सरकार को पता था कि सीलिंग की घोषणा होते ही लोग हड़बड़ी में दुकानों की तरफ दौड़ लगा देंगे। राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने कई बार दोहराया कि केवल हॉटस्पॉट को सील किया जाएगा ना कि पूरे जिले को। लोगों को बताया गया कि जिले में हॉटस्पॉट के अलावा किसी भी और इलाके को सील नहीं किया जाएगा। 

मुझे खासतौर पर उन हजारों लोगों की चिंता है जो बगैर मास्क के अपने घरों से बाहर निकले और सब्जियों एवं ग्रॉसरी की खरीदारी करने के लिए भीड़ में घुल-मिल गए। यह तबाही को न्योता देने का सबसे असरदार तरीका है। ऐसे लोग खुद को, घर पर मौजूद अपने परिवार के सदस्यों को और अपने कॉन्टैक्ट में आने वाले सभी लोगों को वायरस से संक्रमित होने के खतरे में डालते हैं। सोशल मीडिया के जरिए फैली अफवाहों के बाद लोगों में दहशत पैदा हुई थी। लोगों ने अफवाहों की सच्चाई का पता लगाने तक इंतजार भी नहीं किया।

मैं आप सभी लोगों को सावधान कर दूं कि भारत अब इस महामारी के डैंजर जोन में घुसने की कगार पर खड़ा है। यदि हम सोशल डिस्टैंसिंग और लॉकडाउन के नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो हम मौतों के वैसे ही सिलसिले के गवाह बनेंगे जैसा कि इटली, स्पेन और यूएसए जैसे विकसित देशों में देखा गया है। 6 दिनों की छोटी-सी अवधि में ही भारत में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या बुधवार को 2,500 से बढ़कर 5,000 के आंकड़े को भी पार कर गई। भारत में पिछले 24 घंटों में COVID-19 के चलते 32 लोगों की मौत हुई है।

ध्यान देने वाली बात है कि यूपी में कोरोना वायरस से जुड़े ज्यादातर मामले तबलीगी जमात से संबंधित पाए गए हैं। अलग-अलग जिलों की बात करें तो आगरा में 64 में से 38 मामले, मेरठ में 35 में से 15 मामले, गाजियाबाद में 23 में से 14, बुलंदशहर में 8 में से 5, फिरोजाबाद में 9 में से 7, कानपुर में 8 में से 7, लखनऊ में 24 में से 2, महाराजगंज में सभी 6 मामले, सहारनपुर में सभी 14 मामले, शामली में सभी 17 मामले, सीतापुर में सभी 8 मामले और वाराणसी में 9 में से 4 मामले जमात से संबंधित हैं। जरा सोचिए कि कैसे जमात ने सिर्फ यूपी में ही किस हद तक वायरस को फैलाया है। अन्य राज्यों में भी अधिकांश में करोना वायरस से जुड़े आंकड़े इसी तरह की प्रवृत्ति दिखाते हैं।

दिल्ली में भी कोरोना वायरस के आधा से ज्यादा मामले तबलीगी जमात से ही जुड़े हुए हैं। दिल्ली सरकार को 20 हॉटस्पॉट्स को सील करना पड़ा है। मैं फिर से तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद से अपील करना चाहता हूं, जो सेल्फ क्वारंटीन में हैं, या तो खुद सामने आएं या एक वीडियो अपील जारी करके सभी जमातियों से पुलिस से संपर्क करने के लिए कहें। उन्होंने कोई चोरी या डकैती नहीं की है। पुलिस उनकी तलाश कर रही है ताकि उनकी मेडिकल जांच की जा सके और जरूरत पड़ने पर उन्हें क्वारंटीन या आइसोलेशन वॉर्ड में रखा जा सके। यह उनके अपने फायदे के लिए है। अगर तबलीगी जमात के लोग ऐसे ही छिपते रहे तो वे अपने समुदाय और राष्ट्र, दोनों को नुकसान पहुंचाएंगे।

मैं मौलाना साद से यह भी कहना चाहता हूं कि वह एक और अपील जारी करें जिसमें वह इलाज करा रहे या क्वारंटीन में रह रहे जमातियों से डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों के साथ उचित व्यवहार करने के लिए कहें। इन जमातियों को क्वारंटीन सेंटर्स से भागने की कोशिश नहीं करनी चाहिए क्योंकि ऐसा करके वे सैकड़ों लोगों की जान जोखिम में डालते हैं। (रजत शर्मा)

देखिये, 'आज की बात, रजत शर्मा के साथ', 08 अप्रैल 2020 का पूरा एपिसोड

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