Thursday, April 25, 2024
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Rajat Sharma’s Blog: डॉक्टरों और नर्सों पर हमला करने वालों को सजा मिलनी चाहिए, ऐसे लोग समाज के दुश्मन हैं

मैं बेहद दुख के साथ कहना चाहता हूं कि जिन लोगों ने हमारे डॉक्टरों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और नर्सों पर हमला किया, वे हमारे समाज के दुश्मन हैं।

Rajat Sharma Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published on: April 03, 2020 14:45 IST
India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma | India...- India TV Hindi
India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma | India TV

इंदौर में कोरोना वायरस के लिए घर-घर जाकर सर्वे करने वाले डॉक्टरों, नर्सों और अन्य कर्मचारियों पर एक समुदाय के लोगों द्वारा पथराव करने और थूकने के वीडियो देखकर मैं वाकई में हैरान हूं। इसी तरह बिहार के मुंगेर में लोगों ने पुलिस पर उस समय हमला किया जब वे कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से जान गंवाने वाली एक 8 साल की लड़की के शव को लेने के लिए आए थे। भीड़ ने पुलिस को लड़की के परिवार के सदस्यों को क्वारंटाइन के लिए ले जाने से रोकने की भी कोशिश की।

कर्नाटक और तेलंगाना में कोरोना वायरस के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न इलाकों में जाने वाली आशा कार्यकर्ताओं पर हमला किया गया और उनके साथ मारपीट की गई। जयपुर में भई लोगों की भीड़ ने उन डॉक्टरों पर हमला किया जो उस इलाके में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने के लिए गए थे। यूपी के रामपुर में लॉकडाउन का पालन करवा रहे पुलिसवालों पर लोगों ने छतों से पथराव कर दिया।

इंदौर पुलिस ने मेडिकल टीम पर हमला करने वाले दोषियों को गिरफ्तार किया है और उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है। मध्य प्रदेश के 98 में से 75 मामले इंदौर से ही सामने आए हैं और इसी के साथ यह शहर कोरोना वायरस महामारी का केंद्र बन गया है। भीड़ द्वारा डॉक्टरों की पिटाई के बाद जयपुर पुलिस को रामगंज में फ्लैग मार्च करना पड़ा। इसके बाद वहां ड्रोन से भी निगरानी की गई।

कोरोना वायरस की महामारी के बीच डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ और पुलिस पर हो रहे ये हमले बेहद ही शर्मनाक हैं। इन कोरोना योद्धाओं के भी अपने परिवार हैं, लेकिन वे हमें इस वायरस के प्रकोप से बचाने के लिए दिन-रात लगे हुए हैं। बेंगलुरु के एक इलाके में वायरस के बारे में जागरूकता फैलाने गईं आशा कार्यकर्ताओं के साथ मुसलमानों की भीड़ ने मारपीट और छेड़छाड़ की। उनके सेलफोन और हैंड बैग छीन लिए गए। तेलंगाना के निजामाबाद में हुई एक अन्य घटना में भीड़ ने आशा कार्यकर्ताओं के एक ग्रुप को धमकाया और उन्हें वहां से भागने के लिए मजबूर कर दिया।

मैं डॉक्टरों पर पथराव करने वाले और उनके ऊपर थूकने वाले इंदौर के लोगों से एक सवाल पूछना चाहता हूं। मुझे बताएं कि क्या ये महिला डॉक्टर कोई गुनाह कर रही थीं? वे इस राष्ट्रीय आपदा की घड़ी में सिर्फ अपना फर्ज निभा रही थीं, और उन लोगों को ढूंढ़ रही थीं जो करोना वायरस से पीड़ित लोगों के संपर्क में आए थे। इन लोगों के पास भी अपना परिवार है। ऐसे मुट्ठी भर गुंडों ने ही पूरे इंदौर शहर को बदनाम कर दिया है। सिर्फ निंदा से काम नहीं चलेगा, दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।

मैं बेहद दुख के साथ कहना चाहता हूं कि जिन लोगों ने हमारे डॉक्टरों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और नर्सों पर हमला किया, वे हमारे समाज के दुश्मन हैं। सिर्फ एक पल के लिए सोचिए कि यदि स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े ये लोग अपना काम करने से इनकार कर देंगे तो हमें कोरोना वायरस नाम की इस महामारी से कौन बचाएगा? भगवान न करे ऐसा हो, लेकिन यदि यह महामारी भारत में फैल गई तो हमें बचाने के लिए कौन आएगा? (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 02 अप्रैल, 2020 का पूरा एपिसोड

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