Tuesday, May 21, 2024
Advertisement

वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए स्मार्ट फोन से संपर्क का पता लगाने की पैरवी की

दुनियाभर के वैज्ञानिकों का मानना है कि भारत की आरोग्य सेतु जैसी स्मार्टफोन एप्प के जरिए कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने से महामारी को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।

Written by: Bhasha
Published on: April 21, 2020 19:01 IST
वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए स्मार्ट फोन से संपर्क का पता लगाने की पैरवी की- India TV Hindi
वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए स्मार्ट फोन से संपर्क का पता लगाने की पैरवी की

नई दिल्ली: दुनियाभर के वैज्ञानिकों का मानना है कि भारत की आरोग्य सेतु जैसी स्मार्टफोन एप्प के जरिए कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने से महामारी को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है और दुनिया को लॉकडाउन (बंद) से बाहर निकालने में सहायता मिल सकती है, लेकिन प्रौद्योगिकी संचालित हस्तक्षेप से निजता संबंधी मसले हो सकते हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि प्रौद्योगिकी कोरोना वायरस से संक्रमित शख्स के संपर्क में आए सभी लोगों का पता लगाने में मदद कर सकती है जिससे स्वास्थ्य कर्मियों को संभावित मरीज की जांच कराके संक्रमण को आगे फैलने से रोकने में मदद मिलेगी। भारत में बंद के दूसरे चरण की शुरुआत 15 अप्रैल से हुई और सरकार ने आरोग्य सेतु एप्प की शुरुआत की और कहा कि यह कोविड-19 के मरीजों का पता भी लगा सकती है।

उत्तर प्रदेश के शिव नादर विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर आकाश सिन्हा ने कहा, "संपर्क का पता लगाने के दो हिस्से हैं- एक तो यह कि यह आरोग्य सेतु और विश्व में उपयोग की जा रही अन्य एप्पों के जरिए आपकी लोकेशन का पता लगाए।" उन्होंने बताया, " दूसरा हिस्सा यह है कि आप कहीं भी हों और जो भी आप के संपर्क में आ रहा हों, उसका भी पता लगाया जा सकता है। अगर मेरे पास एप्प है और आपके पास भी है, और मैं आपसे मिलता हूं तो एप्प में यह पंजीकृत हो जाता है कि हम मिले थे।"

सिन्हा ने बताया कि चीन, दक्षिण कोरिया और कई अन्य देश संक्रमित मरीज के संपर्क में आए लोगों का पता लगा रहे हैं और उन्हें इस वायरस को फैलने से रोकने में कामयाबी मिली है। उन्होंने बताया कि फोन के वैश्विक स्थिति प्रणाली (जीपीएस) नेटवर्क और स्थान इतिहास में जा कर भी उन स्थानों का पता लगाया जा सकता है जहां व्यक्ति गया है।

सिन्हा ने बताया कि इनमें से कई एप्प ब्लूटूथ या वाई-फाई के माध्यम से जानकारी साझा करने का एक तरीका देते है और उस तरीके से अगर कोई संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आया तो सूचना का आदान प्रदान किया जा सकता है। स्मार्टफोन एप्प और मोबाइल से निगरानी करने की अन्य प्रकार की प्रणालियां विकसित करने और कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए एक वैश्विक दौड़ चल रही है।

चीन में प्रारंभिक कोरोना वायरस महामारी की गतिशीलता का अध्ययन करने के बाद ब्रिटेन में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया है कि बीमारी के लक्षण दिखने से पहले ही लगभग आधे मामलों में संचरण हो जाता है। इसे देखते हुए मोबाइल एप्प के जरिए संक्रमित के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने और कोरोना वायरस को फैलने से रोकने की परिकल्पना की गई है ताकि लोगों की जान बचाई जा सके और आबादी को बंद से छुटकारा दिलाया जा सके।

गूगल और एप्पल ने हाल ही में घोषणा की कि वे स्मार्टफोन एप्प की एक रूपरेखा पर काम कर रहे हैं जो विश्व अर्थव्यवस्था को फिर से खोलने में मदद कर सकता है। अमेरिका में बोस्टन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक एक एप्प पर काम कर रहे हैं। इस एप्प के जरिए लोगों को उस व्यक्ति के संपर्क में आने की जानकारी मिल जाएगी, जिसके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। साथ में उनकी निजता की भी हिफाजत होगी।

इन वैज्ञानिकों में भारतीय मूल का भी एक शख्स है। मयंक वरिया समेत अन्य शोधार्थी यह एप्प बना रहे हैं जो फोन के ब्लूटूथ का इस्तेमाल करके किसी व्यक्ति को यह जानकारी दे देगा कि वह ऐसे शख्स के संपर्क में आया है जो जानलेवा विषाणु से पीड़ित है। सिन्हा ने बताया कि सरकार एप्प से निश्चित रूप से फोन नंबर और स्थान को जोड़ेगी। वह कहते हैं "

आरोग्य सेतु एप्प की निजता नीति पढ़ने से पता चलता है कि निजी जानकारी का इस्तेमाल आपको सतर्क करने के लिए तभी किया जाएगा जब आप किसी संक्रमित के संपर्क में आए हों।"

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement