Saturday, April 20, 2024
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शाहीन बाग मामले में संजय हेगड़े करेंगे प्रदर्शनकारियों से बातचीत, 24 फरवरी को होगी अगली सुनवाई

दिल्ली के शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन और सड़क को खुलवाने पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े को प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए नियुक्त किया है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: February 17, 2020 14:53 IST
Shaheen Bagh- India TV Hindi
Shaheen Bagh

दिल्ली के शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन और सड़क को खुलवाने पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े को प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए नियुक्त किया है। इस मामले पर अगली सुनवाई सोवार 24 फरवरी को होगी। जज जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि प्रदर्शनकारियों से बात की जाए और अगर कोई हल नहीं निकलता है तो हम प्रशासन पर छोड़ देंगे। जस्टिस कौल ने इस मामले पर कहा कि नागरिकों को प्रोटेस्ट करने को अधिकार है लेकिन सवाल ये है कि पोटेस्ट कहां हो?

जस्टिस कौल ने कहा कि पोटेस्ट करने का हक सबको है लेकिन इसकी कुछ सीमाएं हैं। सुनवाई को दौरान जस्टिस कौल ने कहा कि अगर इसी तरह लोग प्रोटेस्ट करने के लिए सड़कें ब्लॉक करते रहे, चाहे वजह सही भी हो तो यह कहां खत्म होगा। उन्होनें कहा कि हमें सिर्फ इस बात की चिंता है कि एक सड़क को ब्लॉक किया जा रहा है। 

सुप्रीम कोर्ट में शाहीन बाग की सड़क को खुलवाने के लिए याचिका दायर की गई थी जिसपर आज कोर्ट में सुनवाई हुई है। इस मामले से जुड़ी पिछली तारीख पर सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस भेजा था। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 17 फरवरी की तारीख मुकर्रर की थी। आज दिल्ली सरकार और पुलिस अपना पक्ष कोर्ट में रखेंगे। मिली जानकारी के मुताबिक, शाहीन बाग की महिलाएं भी कोर्ट में अपनी बात कहेंगी।

बता दें कि इस मामले से जुड़ी पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि किसी सार्वजनिक जगह पर अनंतकाल तक प्रदर्शन नहीं किया जा सकता है। हालांकि, सड़क खाली करवाने का कोई आदेश नहीं दिया गया था। बता दें कि शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ धरना प्रदर्शन चल रहा है। इसकी वजह से रोड 13ए बंद है। यह रोड दिल्ली और नोएडा को जोड़ती है। सड़क बंद होने की वजह से नोएडा और दिल्ली के बीच सफर करनेवालों को कई घंटे अतिरिक्त सफर करना पड़ा है। 

पिछली सुनवाई में जस्टिस एस के कौल और जस्टिस के एम जोसेफ की पीठ ने कहा था कि इतने दिनों से सार्वजनिक जगह पर प्रदर्शन किया जा रहा है। विरोध करें लेकिन इसके लिए सार्वजनिक जगह का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। जस्टिस एस के कौल ने टिप्पणी की थी कि सड़क को प्रदर्शन के लिए जाम नहीं किया जा सकता है।

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