Wednesday, April 24, 2024
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Agnipath Scheme: अग्निपथ योजना के खिलाफ याचिकाओं को अगले हफ्ते सुनेगा सुप्रीम कोर्ट, हो सकता है बड़ा फैसला

Agnipath Scheme: गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पिछले महीने, ‘अग्निपथ’ योजना की घोषणा की थी। योजना के तहत साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष तक की उम्र के युवाओं को चार साल के कार्यकाल के लिए सशस्त्र बलों में शामिल किया जाएगा। इनमें से 25 प्रतिशत को बाद में नियमित सेवा में शामिल किया जाएगा।

Sudhanshu Gaur Edited By: Sudhanshu Gaur
Updated on: July 04, 2022 14:32 IST
Supreme Court of India- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Supreme Court of India

Agnipath Scheme: सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सेना में भर्ती संबंधी केंद्र की ‘अग्निपथ’ योजना को चुनौती देने वाली याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया है। जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जे.के. माहेश्वरी की अवकाशकालीन पीठ ने सुनावी करते हुए कहा कि गर्मी की छुट्टी के बाद अदालत के फिर से खुलने पर याचिकाओं को अगले सप्ताह उपयुक्त पीठ में सूचीबद्ध किया जाएगा।

इस योजना के खिलाफ याचिका दायर करने वाले वकील एम.एल शर्मा ने कहा कि, भारतीय वायु सेना में जाने को इच्छुक उम्मीदवारों ने प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया है और नियुक्ति पत्र की प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन अब उनका कार्यकाल 20 साल से घटाकर चार साल कर दिया जाएगा। यह एक महत्वपूर्ण मामला है, कृपया इसे सूचीबद्ध करें। कई उम्मीदवारों के भविष्य दांव पर हैं।’’ उन्होंने कहा कि वह योजना से संबंधित सरकार की अधिसूचना को रद्द करने का अनुरोध करते हैं, क्योंकि 70,000 से अधिक उम्मीदवार जो प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं, वे कोरोना से पहले अपने नियुक्ति पत्र की प्रतीक्षा कर रहे हैं और अब योजना के तहत उनका कार्यकाल छोटा कर दिया गया है। 

जिसके बाद पीठ ने कहा कि जब आपने दो साल से अधिक समय तक इंतजार किया है तो आप अवकाशकालीन पीठ के समक्ष मामला क्यों उठा रहे हैं। इसके बाद पीठ ने शर्मा की याचिका को अन्य मामलों के साथ उपयुक्त पीठ के समक्ष सूचीबद्ध कर दिया। शर्मा ने जनहित याचिका में आरोप लगाया कि सरकार ने सशस्त्र बलों की बेहद पुरानी चयन प्रक्रिया को रद्द कर दिया है, जो संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है। 

अब अग्निपथ योजना से ही होगी सेना में भर्ती 

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पिछले महीने, ‘अग्निपथ’ योजना की घोषणा की थी। योजना के तहत साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष तक की उम्र के युवाओं को चार साल के कार्यकाल के लिए सशस्त्र बलों में शामिल किया जाएगा। इनमें से 25 प्रतिशत को बाद में नियमित सेवा में शामिल किया जाएगा। सरकार ने बाद में 2022 के लिए इस योजना के तहत भर्ती के वास्ते ऊपरी आयु सीमा को 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया था। 

SIT गठित करने की भी मांग 

याचिका में योजना के खिलाफ पूरे देश में चल रहे विरोध-प्रदर्शनों का भी हवाला दिया गया। इससे पहले, शीर्ष अदालत में कई याचिकाएं दायर कर योजना के खिलाफ हिंसक विरोध-प्रदर्शन के दौरान रेलवे सहित सार्वजनिक संपत्तियों को हुए नुकसान की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) गठित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। याचिका में केंद्र और उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, हरियाणा और राजस्थान सरकारों को हिंसक विरोध-प्रदर्शनों पर एक स्थिति रिपोर्ट देने का निर्देश देने की भी मांग की गई है। इसमें योजना और उसके राष्ट्रीय सुरक्षा तथा सेना पर होने वाले प्रभावों की जांच के लिए शीर्ष अदालत के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया। 

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