लेह/नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बुधवार को लद्दाख में हुई हिंसक झड़पों के लिए सोनम वांगचुक को ज़िम्मेदार ठहराया। हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई और 70 लोग घायल हो गए। गृह मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि कई नेताओं द्वारा भूख हड़ताल वापस लेने का आग्रह करने के बावजूद, उन्होंने इसे जारी रखा और युवाओं को भड़काया।
स्थिति पर पाया गया काबू
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि बुधवार को सुबह हुई कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को छोड़कर, स्थिति पर शाम चार बजे तक काबू पा लिया गया और सभी से मीडिया और सोशल मीडिया में पुराने और भड़काऊ वीडियो प्रसारित नहीं करने को कहा गया। बयान में कहा गया है कि सरकार पर्याप्त संवैधानिक सुरक्षा उपाय प्रदान करके लद्दाख के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
केंद्र सरकार कर रही है बातचीत
गृह मंत्रालय ने कहा कि सोनम वांगचुक ने 10 सितंबर को भूख हड़ताल शुरू की थी, जिसमें लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने और राज्य का दर्जा देने की मांग की गई थी। बयान में कहा गया है कि यह सर्वविदित है कि भारत सरकार ‘एपेक्स बॉडी लेह’ और ‘कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस’ के साथ सक्रिय रूप से बातचीत कर रही है। उच्चाधिकार प्राप्त समिति और उप-समिति के औपचारिक माध्यम से उनके साथ कई बैठकें की गईं और नेताओं के साथ कई अनौपचारिक बैठकें भी की गईं। उच्चाधिकार प्राप्त समिति की अगली बैठक छह अक्टूबर को निर्धारित की गई है, जबकि लद्दाख के नेताओं के साथ 25 और 26 सितंबर को भी बैठकें आयोजित करने की योजना है।
मंत्रालय ने कहा कि इस तंत्र के माध्यम से बातचीत की प्रक्रिया से लद्दाख अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण 45 प्रतिशत से बढ़ाकर 84 प्रतिशत करने, परिषदों में एक तिहाई महिलाओं को आरक्षण प्रदान करने और भोटी और पुर्गी को आधिकारिक भाषा घोषित करने जैसे अभूतपूर्व परिणाम सामने आए हैं। इसके साथ ही, 1800 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया भी शुरू की गई।
भीड़ ने दफ्तरों में लगाई आग
सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि 24 सितंबर को सुबह लगभग 11.30 बजे उनके भड़काऊ भाषणों से भड़की भीड़ प्रदर्शन स्थल से निकली और एक राजनीतिक दल के कार्यालय के साथ-साथ लेह के सीईसी के सरकारी कार्यालय पर हमला किया। उन्होंने इन कार्यालयों में आग लगा दी, सुरक्षाकर्मियों पर हमला किया और पुलिस वाहन को आग लगा दी। बेकाबू भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर हमला किया जिसमें 30 से अधिक पुलिस/सीआरपीएफ कर्मी घायल हो गए।
इनपुट- भाषा


