
नई दिल्ली: कांग्रेस ने देश भर में अपनी संपत्तियों की देखभाल के लिए बुधवार को एक नए विभाग का गठन किया जिसका प्रभारी पंजाब के पूर्व मंत्री विजय इंदर सिंगला को बनाया गया है। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई। सिंगला पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय माकन के साथ कांग्रेस पार्टी के संयुक्त कोषाध्यक्ष भी हैं। पंजाब के पूर्व मंत्री सिंगला संगरूर से लोकसभा सदस्य भी रहे हैं।
विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष (मल्लिकार्जुन खरगे) ने देश भर में मौजूद कांग्रेस पार्टी की संपत्तियों की देखरेख के लिए एक नए एआईसीसी विभाग का गठन किया है और विजय इंदर सिंगला को तत्काल प्रभाव से विभाग का एआईसीसी प्रभारी नियुक्त किया है। वह एआईसीसी के संयुक्त कोषाध्यक्ष बने रहेंगे।’’
खरगे ने पार्टी नेताओं से किया ये आग्रह
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने इंदिरा भवन में नए पार्टी मुख्यालय के उद्घाटन के दौरान पार्टी नेताओं से उन संपत्तियों को वापस लेने के लिए कानूनी सहारा लेने का आग्रह किया था जो दल में पहली बार हुए विभाजन के समय कांग्रेस के कब्जे में थीं। उन्होंने पार्टी नेताओं से हर जिले में पार्टी मुख्यालय बनाने का भी आग्रह किया।
क्या है हुबली कांग्रेस संपत्ति विवाद?
बता दें कि कांग्रेस को अपनी ही संपत्ति का डर सताने लगा है। दरअसल, हुबली के लैमिंगटन रोड पर एक प्रमुख स्थान पर स्थित 1080 वर्ग गज में फैली एक पुरानी इमारत कांग्रेस पार्टी और जनता दल (यूनाइटेड) के बीच गरमागरम विवाद का केंद्र बन गई है। हुबली-धारवाड़ महानगर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अल्ताफ हुल्लूर ने कहा कि 1956 में कांग्रेस विधायक चन्नबसप्पा अंबली ने कांग्रेस पार्टी के नाम पर नीलामी के जरिए नगरपालिका से 11,700 रुपये में संपत्ति खरीदी थी। हुल्लूर ने कहा, “हालांकि, जेडीयू ने संपत्ति पर नियंत्रण हासिल कर लिया और इसे अपने नाम पर रजिस्टर्ड करा लिया। हाल ही में, सभी संबंधित संपत्ति दस्तावेज एकत्र करने के बाद, हमने भूमि अभिलेख कार्यालय में आपत्ति दर्ज कराई, जिसमें बाद में आधिकारिक अभिलेखों में कांग्रेस का नाम दर्ज किया।”
कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर JDU कार्यालय में जबरन घुसने का आरोप
वीरकुमार पाटिल के नेतृत्व में कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी की भवन निर्माण समिति ने स्थल का निरीक्षण किया। हुल्लूर ने कहा कि वे जल्द ही स्थान पर एक नया पार्टी कार्यालय बनाने का प्रस्ताव पेश करेंगे। जेडीयू के जिला अध्यक्ष शैलगौड़ा कामतार ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर जेडीयू कार्यालय में जबरन घुसने और वहां से सामान हटाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि संपत्ति जेडीयू की थी, लेकिन कांग्रेस ने अधिकारियों पर इसे अपने नाम पर दर्ज करने का दबाव बनाया। उन्होंने कहा कि उन्होंने कानूनी कार्रवाई करने का फैसला किया है और संपत्ति वापस पाने के लिए मामला दर्ज कराएंगे। इसी तरह, जनता दल (सेक्युलर) के गुरुराज हुनसीमाराद और पूर्व विधायक वीरभद्रप्पा हलहारवी ने शिकायत दर्ज कराई, जिसमें दावा किया गया कि कांग्रेस ने जेडीयू कार्यालय पर जबरदस्ती कब्जा कर लिया। (भाषा इनपुट्स के साथ)
यह भी पढ़ें-
दिल्ली क्या हारे केजरीवाल, BJP ने कहा VIP महाराजा, कांग्रेस ने कह दिया शहंशाह, जानें वजह