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उत्तर भारत में कहर बरसा रहा है मॉनसून, कई राज्यों में बारिश ने मचाई भारी तबाही, डरावने हैं आंकड़े

उत्तर भारत में भारी बारिश और बाढ़ ने जम्मू, हिमाचल, पंजाब और दिल्ली-NCR में तबाही मचाई है। बारिश और भूस्खलन की वजह से सड़कें बंद हैं, यमुना उफान पर है और लाखों लोग प्रभावित हैं।

Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published : Sep 03, 2025 07:08 am IST, Updated : Sep 03, 2025 07:08 am IST
कुल्लू में उफनती...- India TV Hindi
Image Source : PTI कुल्लू में उफनती ब्यास नदी के ऊपर बने पुल से गुजरते लोग।

नई दिल्ली: उत्तर भारत में सितंबर के महीने में भी मॉनसून का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और दिल्ली-एनसीआर में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। नदियां उफान पर हैं, सड़कें बंद हैं, और कई इलाकों में स्कूलों को बंद करने के साथ-साथ लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, जिससे स्थिति और गंभीर होने की आशंका है।

जम्मू में तवी नदी उफान पर, भूस्खलन से हाईवे बंद

जम्मू में तवी नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है, जिससे नदी के किनारे बसे इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। जम्मू डिवीजन में अगले 48 घंटों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। डोडा और उधमपुर में भूस्खलन के कारण कई हाईवे बंद हो गए हैं। डोडा-किश्तवाड़ हाईवे पर भूस्खलन से सड़क पर भारी मलबा आ गया, जिसे हटाने के लिए मशीनें लगाई गई हैं। पुलिस ने लोगों से यात्रा करने से पहले ट्रैवल एडवाइजरी देखने की अपील की है।  जम्मू के बारमीनी गांव में भूस्खलन से 50 से अधिक घरों को नुकसान पहुंचा है और करीब 100 परिवार प्रभावित हुए हैं। वैष्णो देवी यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है, हालांकि रेलवे ने 24 ट्रेनों को बहाल करने का फैसला किया है।

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जम्मू में तवी नदी पूरे उफान पर है।

हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन और बाढ़ से तबाही

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है। किन्नौर में नाथपा के पास भूस्खलन से नेशनल हाईवे-5 पूरी तरह बंद हो गया है। शिमला के रामपुर में भूस्खलन से सड़कें मलबे से ढक गई हैं, और कुल्लू में बस स्टैंड के पास एक इमारत भूस्खलन की चपेट में आकर ढह गई। सौभाग्यवश, समय रहते इमारत खाली कर ली गई थी, जिससे बड़ा हादसा टल गया।  मंडी के सुंदरनगर में भूस्खलन के कारण दो घर मलबे में दब गए, जिसमें 5 लोग फंस गए थे। NDRF और SDRF की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं और अब तक तीन शव निकाले जा चुके हैं।

हिमाचल में इस मॉनसून सीजन में 46 बार बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं, और 95 जगहों पर बाढ़ आई है। चार नेशनल हाईवे सहित 1,277 सड़कें, 3,207 बिजली ट्रांसफॉर्मर और 790 पेयजल योजनाएं ठप पड़ी हैं। शिमला, चंबा, सोलन, सिरमौर, बिलासपुर, ऊना और कांगड़ा में सभी शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया गया है।  लाहौल-स्पीति के कुंजम टॉप पर सीजन की पहली बर्फबारी हुई है, जिससे तापमान में भारी गिरावट आई है।

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पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान।

पंजाब में 37 साल बाद सबसे बड़ी बाढ़

पंजाब में 1988 के बाद सबसे भयावह बाढ़ का मंजर देखने को मिल रहा है। सतलुज, ब्यास, रावी और घग्घर नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे 12 जिले जलमग्न हो गए हैं। बाढ़ से 2.56 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और 30 लोगों की मौत हो चुकी है। गुरदासपुर, फिरोजपुर, अमृतसर, और होशियारपुर जैसे जिलों में हालात सबसे गंभीर हैं।  एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और पुलिस ने अब तक 15,688 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है, जिसमें गुरदासपुर से 5,549 और फिरोजपुर से 3,321 लोग शामिल हैं।

पंजाब सरकार ने 129 राहत शिविर बनाए हैं, जहां 7,144 लोग शरण लिए हुए हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने फिरोजपुर में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और केंद्र सरकार से 60,000 करोड़ रुपये की सहायता मांगी है।  करीब तीन लाख एकड़ फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। मौसम विभाग ने अगले 36 घंटों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, और चंडीगढ़ में सभी स्कूल बंद रखने के आदेश दिए गए हैं।

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दिल्ली के कई इलाकों में पानी भर गया है।

दिल्ली-NCR: यमुना का जलस्तर बढ़ा

दिल्ली में यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से 1.63 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। यमुना बाजार, वासुदेव घाट, बुरारी और कश्मीरी गेट जैसे इलाकों में पानी सड़कों और कॉलोनियों में घुस चुका है। लोहे के पुल को बंद कर दिया गया है, और प्रशासन ने 25-30 नावों और गोताखोरों की तैनाती की है।  हस्तसाल और जनकपुरी जैसे इलाकों में सड़कें समंदर बन गई हैं, और जनकपुरी में बारिश के कारण सड़क धंसने से बड़ा गड्ढा बन गया।

दिल्ली-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर बार-बार भारी जाम की स्थिति बन रही है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने राहत शिविरों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और कहा कि सरकार हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।  नोएडा, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर और बुलंदशहर में सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं, और गुरुग्राम में वर्क-फ्रॉम-होम की सलाह दी गई है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में भारी बारिश की चेतावनी दी है।  मौसम विभाग के मुताबिक, अगले कुछ दिनों तक बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है।

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