Friday, April 26, 2024
Advertisement

आ गई तारीख! राम मंदिर के गर्भ गृह में इस दिन होगी राम लला की प्राण प्रतिष्ठा, जानें कैसी होगी मूर्ति

साल 2024 में राम लला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे। राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया, अगले साल मकर संक्रान्ति पर्व पर मंदिर के मूल गर्भगृह में राम लला की नयी प्रतिमा की स्थापना के लिए श्रद्धालु बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

Reported By : Devendra Parashar Edited By : Swayam Prakash Published on: April 28, 2023 13:35 IST
नादिया जिले में अयोध्या में राम मंदिर की प्रतिकृति रास मंडप का दौरा करते लोग- India TV Hindi
Image Source : PTI नादिया जिले में अयोध्या में राम मंदिर की प्रतिकृति रास मंडप का दौरा करते लोग

अयोध्या के भव्य राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि राम मंदिर के गर्भ गृह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा अगले साल 22 जनवरी को हो सकती है। यानि की साल 2024 में राम लला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे। बता दें कि अयोध्या में मंदिर के निर्माण के लिए पांच अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भूमिपूजन किया गया था। अब बताया जा रहा है कि  22 जनवरी, 2024 को मंदिर के गर्भ गृह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।

कैसी होगी राम लला की मूर्ति?

गौरतलब है कि अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के मूल गर्भगृह में राम लला की बाल्यकाल की पांच फुट ऊंची, धनुर्धारी रूपी प्रतिमा स्थापित की जाएगी। राम लला की ये मूर्ति कर्नाटक से लाई गई ‘‘कृष्ण शिला’’ को तराश कर बनाई जाएगी। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य, उडुप्पी के संत स्वामी तीर्थ प्रसन्नाचार्य ने अनुसार, ''भगवान राम की नई प्रतिमा पांच फुट ऊंची होगी। खड़ी मुद्रा वाली यह प्रतिमा धनुष बाण लिए हुए पांच साल के बच्चे के रूप में होगी।’’ प्रसन्नाचार्य ने कहा, ‘‘मैसूरु के मूर्तिकार अरुण योगीराज, अयोध्या में कर्नाटक के करकर गांव और हेगे देवेन कोटे गांव से लाई गई कृष्ण शिलाओं को प्रतिमा बनाने के लिए तराशेंगे। योगीराज तय करेंगे कि वह किस पत्थर पर मूर्ति बनाएंगे।’’ 

ग्रंथों और इंजीनियरों की मदद से रूप लेगी मूर्ति
राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया, ‘‘हमें शीर्ष संतों और हिंदू विद्वानों से सुझाव मिले हैं कि राम लला की प्रतिमा उनके बाल्यकाल की, करीब 5-6 साल के बच्चे की तरह होनी चाहिए। विचार यह है कि केवल एक, खड़ी मुद्रा वाली प्रतिमा बनाई जानी चाहिए।’’ राय ने कहा, ‘‘शीर्ष संतों, भूवैज्ञानिकों, मूर्तिकारों, हिंदू धार्मिक ग्रंथों के विशेषज्ञों, इंजीनियरों और मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों के एक उच्च स्तरीय दल ने चट्टानों पर गहन तकनीकी और धार्मिक अध्ययन किया जिसके बाद प्रतिमा निर्माण के लिए कृष्ण शिला का चयन किया गया।’’ उन्होंने कहा कि अगले साल मकर संक्रान्ति पर्व पर मंदिर के मूल गर्भगृह में राम लला की नयी प्रतिमा की स्थापना के लिए श्रद्धालु बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने किया था भूमिपूजन
गौरतलब है कि अयोध्या में मंदिर के निर्माण के लिए पांच अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भूमिपूजन किया गया था। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। उच्चतम न्यायालय ने 9 नवंबर, 2019 को दिए गए अपने फैसले में व्यवस्था दी थी कि 2.77 एकड़ की उस जगह पर राम मंदिर बनाया जाए, जहां कभी बाबरी मस्जिद थी। न्यायालय की व्यवस्था में कहा गया था कि उत्तर प्रदेश में अयोध्या जिले के भीतर एक मस्जिद के निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन अलग रखी जाए।

ये भी पढ़ें-

ग्रेटर नोएडा: गलगोटिया यूनिवर्सिटी में छात्रों के बीच झड़प, सीनियर और जूनियर के बीच मारपीट का वीडियो वायरल 

जालंधर उपचुनाव के प्रचार के दौरान नोट बांट रहे नेताजी, कांग्रेस विधायक का महिला को 500 रुपये देते वीडियो वायरल
 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement