Saturday, April 20, 2024
Advertisement

...जब मुलायम और पवार ने दिया था सोनिया के PM बनने की उम्मीदों को झटका

Sonia Gandhi: यह वाकया साल 1999 का है जब सोनिया गांधी नई-नई कांग्रेस अध्यक्ष बनी थीं। उस साल 17 अप्रैल को जब अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार ने लोकसभा में विश्वासमत खो दिया तब सोनिया ने सरकार बनाने का दावा पेश किया था।

Khushbu Rawal Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published on: October 19, 2022 22:56 IST
Mulayam Singh and Sonia Gandhi- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Mulayam Singh and Sonia Gandhi

Sonia Gandhi: सियासी अखाड़े के दांव-पेंच में माहिर पहलवान मुलायम सिंह यादव ने अपनी लंबी राजनीतिक पारी में अपने दांव से कई लोगों को चित किया। करीब 23 साल पहले उन्होंने अपने इसी तरह के एक सियासी दांव से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री बनने की उम्मीदों को झटका दिया था और इसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार की भी भूमिका थी। यह वाकया साल 1999 का है जब सोनिया गांधी नई-नई कांग्रेस अध्यक्ष बनी थीं। उस साल 17 अप्रैल को जब अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार ने लोकसभा में विश्वासमत खो दिया तब सोनिया ने सरकार बनाने का दावा पेश किया था।

सोनिया का समर्थन करने के इच्छुक नहीं थे मुलायम

तत्कालीन राष्ट्रपति के. आर. नारायणन से मुलाकात के बाद सोनिया गांधी ने संवाददाताओं से कहा था, ‘‘हमारे पास 272 का आंकड़ा है और हमें इससे अधिक की आशा है... हमें विश्वास है कि हम इससे अधिक संख्या हासिल कर लेंगे।’’ बहरहाल, मुलायम सिंह यादव की कुछ अलग योजना थी और वह प्रधानमंत्री पद के लिए सोनिया गांधी का समर्थन करने के इच्छुक नहीं थे। उस वक्त समाजवादी पार्टी के 20 लोकसभा सदस्य थे।

मुलायम ने दिया था ज्योति बसु के नाम का प्रस्ताव
यादव ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता और पश्चिम बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री ज्योति बसु के नाम का प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा था, ‘‘हमें साथ आकर यह फैसला करना चाहिए कि नई दिल्ली में नेता कौन होगा।’’ इसके करीब एक महीने बाद ही लोकसभा में कांग्रेस के तत्कालीन नेता शरद पवार ने विदेशी मूल का मुद्दा उठाया जिसे बाद में भाजपा ने चुनावी मुद्दा बनाया।

बगावत के बाद पवार ने किया था NCP का गठन
कांग्रेस कार्य समिति की 15 मई, 1999 को बैठक हुई जिसमें पार्टी में बगावत हुई। फिर पवार ने कुछ अन्य नेताओं के साथ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का गठन किया। इस तरह से सोनिया गांधी की प्रधानमंत्री बनने की उम्मीदों को झटका लगा था। भाजपा को 1998 के लोकसभा चुनाव में 182 सीटें मिली थीं जिनमें 57 सीटें उत्तर प्रदेश से आई थीं। कांग्रेस को 141 सीटें मिली थीं। बाद में 2004 में मुलायम सिंह यादव और पवार दोनों संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन का हिस्सा बने।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Politics News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement