राजौरी: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के बाद जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के आसपास रहनेवाले लोगों को जानमाल का काफी नुकसान उठाना पड़ा है। पाकिस्तान की ओर से की गई गोलाबारी में आम नागरिकों के जीवन पर खतरा मंडराने लगा और लोगों को घर बार छोड़कर बंकरों में शरण लेनी पड़ी। जम्मू एवं कश्मीर के मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने मंगलवार को पाकिस्तान की ओर से की गई गोलाबारी से प्रभावित नियंत्रण रेखा के नजदीक रहने वालों लोगों से मुलाकात की।
पाकिस्तान ने रिहायशी इलाकों में फायरिंग की
मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने इस दौरान कहा कि सीमावर्ती लोगों की सुरक्षा के लिए और अधिक बंकरों का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि फिलहाल बंकरों की कुल संख्या 9,500 है। मुख्य सचिव ने कहा कि पाकिस्तान ने गैर सैन्य क्षेत्रों में गोलाबारी की है, जिससे पशुधन और संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा है। डुल्लू ने नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर और अधिक बंकरों की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा, ‘‘मैं आपको बताना चाहता हूं कि जम्मू-कश्मीर में सीमा रेखा पर 9,500 बंकर हैं।’’
बंकरों की संख्या बढ़ाई जाएगी
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘बंकरों की मांग बढ़ रही है और अधिक बंकरों का निर्माण किया जाएगा। बंकरों की कोई कमी नहीं होगी।’’ मुख्य सचिव ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास स्थित नौशेरा तहसील के कलसियां पंचायत का दौरा किया, जहां हाल ही में सीमा पार से हुई गोलाबारी के कारण कुछ मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं राजौरी और नौशेरा सेक्टरों में जमीनी हालात का आकलन करने आया हूं। सीमा पार से हुई गोलाबारी से नागरिक इलाके प्रभावित हुए हैं।’’
संपत्ति को भारी नुकसान
डुल्लू ने कहा कि कुछ लोग घायल हुए हैं। उन्होंने कहा कि ‘‘पशुधन की हानि हुई है तथा सम्पत्ति को भारी नुकसान हुआ है।’’ मुख्य सचिव ने कहा कि प्रशासन नुकसान का आकलन करने के बाद शीघ्र ही मुआवजा वितरित करेगा। डुल्लू ने अपने दौरे के दौरान प्रभावित लोगों से बातचीत की और उन्हें प्रशासन की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। मुख्य सचिव ने बाद में राजौरी स्थित राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (जीएमसी) का दौरा किया, जहां उन्होंने गोलाबारी की घटना में घायल हुए लोगों सहित मरीजों से मुलाकात की। (भाषा)