Monday, December 08, 2025
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Gen Z और Alpha बच्चों के साथ अपनाएं पेरेंटिंग का 7-7-7 फॉर्मूला, बच्चे की ग्रोथ पर दिखेगा असर

Parenting Rule 7-7-7: आजकल बच्चों की परवरिश काफी मुश्किल हो गई है। वर्किंग पेरेंट्स बच्चों को समय नहीं दे पा रहे हैं। ऐसे में पेरेंटिंग का नया 7-7-7 फॉर्मूला काफी असरदार साबित हो रहा है। जानिए इसमें कब और क्या करना होता है?

Written By: Bharti Singh @bhartinisheeth
Published : Feb 21, 2025 04:02 pm IST, Updated : Feb 21, 2025 04:02 pm IST
New Parenting Tips- India TV Hindi
Image Source : FREEPIK New Parenting Tips

बदलते वक्त में बच्चों की सही परवरिश करना काफी मुश्किल हो रहा है। खासतौर से जेन ज़ी (Gen Z) और अल्फा (Alpha) जेनरेशन के बच्चों को संभालना आसान काम नहीं है। ये बच्चे टेक्नोलॉजी और इंटरनेट की दुनिया में पल रहे हैं। जहां हर तरह का ज्ञान है लेकिन आपके लिए क्या सही और क्या गलत ये बताने वाला कोई नहीं है। जबकि पहले बड़े परिवार हुआ करते थे, जिसमें बच्चे दादा, दादी और बुआ चाचा के बीच पलते थे। हर कोई बच्चे को कुछ न कुछ सिखाता रहता था। ज्ञान और काम की बातें बच्चे कब सीख जाते थे पता ही नहीं चलता था। लेकिन अब बड़े शहरों में तेजी से सिंगल फैमिली का चलन बढ़ रहा है। बच्चों के माता पिता दोनों नौकरी करते हैं। ऐसे पेरेंट्स बच्चों को डे केयर या फिर नैनी के साथ रखते हैं। जहां बच्चों को न तो अपनों का प्यार मिल पाता है और न ही अच्छे संस्कार मिलते हैं। ऐसे में  वर्किंग माता पिता के लिए पेरेंटिंग का नया 7-7-7 फॉर्मूला काफी बेहतर साबित हो रहा है। जानिए इसमें क्या करना होता है?

 पेरेंटिंग का 7-7-7 नियम बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास में मदद करता है। इससे बच्चों और माता पिता के बीच एक अच्छी बॉंडिंग बनती है और आपका रिश्ता बच्चे का साथ मजबूत बनता है। 7-7-7 रूल ऑफ पैरेंटिंग में आपको दिनभर में तीन बार 7-7 मिनट बच्चे के साथ बिताने हैं।

 पेरेंटिंग का 7-7-7 नियम क्या है?

सुबह के 7 मिनट- सुबह बच्चे के साथ आपको 7 मिनट बिताने हैं। ये 7 मिनट पूरे दिन बच्चे को सकारात्मक रखने में मदद करते हैं। इसकी शुरुआत बच्चों को प्यार से जगाने के साथ करें। इस समय माता-पिता बच्चों को प्यार से मोटिवेट करें। इन 7 मिनट में बच्चे के दिनभर की प्लानिंग पर बात करें। इस समय बच्चा माता पिता की बात ध्यान से सुनते हैं। आप उन्हें पॉजिटिविटी और एनर्जी से भर सकते हैं।

शाम के 7 मिनट- शाम का समय फैमिली के साथ बिताने के लिए बेस्ट होता है। आप 7 मिनट के लिए बच्चे के साथ बैठें और उससे उसकी दिनभर की बातें पूछें उसके अनुभवों को बांटें। बच्चे से उसके स्कूल के बारे में बात करें। उनका दिन कैसा रहा, उन्होंने आज क्या नया सीखा और कौन-कौन से मजेदार अनुभव किए। इस वक्त आप बच्चे की सारी छोटी बड़ी बातें गौर से सुनें और कोई परेशनी हो तो उसका हल निकालें। इससे बच्चे के साथ आपका रिश्ता मजबूत होगा।

रात के 7 मिनट- जिस तरह बच्चा सुबह आपकी बातें गौर से सुनता है वैसे ही रात के 7 मिनट भी काफी स्पेशल होते हैं। इस समय सोते हुए बच्चे से उनकी बातें करें। बच्चों को कहानियां सुनाएं। कुछ नैतिक ज्ञान की बातें बताएं। बच्चों को अच्छे संस्कारों के बारे में बताएं। दिनभर की अच्छी चीजों को याद करें। बच्चे को गले लगाएं इससे बच्चे के अंदर सुकून और सिक्योरिटी वाली फीलिंग आती है। रात में अच्छी नींद आती है और सुबह बच्चा एकदम फ्रेश फील करता है।

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