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Chanakya Niti: ऐसे लोग धरती पर होते हैं बोझ, इनसे तुरंत ही बना लें दूरी

आचार्य चाणक्य ने अपनी एक नीति में उन लोगों के बारे में विस्तार से बताया है जो इस दुनिया में एक बोझ के समान होते हैं। इनसे साथ रहने से दूसरा व्यक्ति पर भी बुरा असर पड़ता है।

Edited by: Shivani Singh @lastshivani
Published : Feb 27, 2022 06:45 am IST, Updated : Mar 01, 2022 03:23 pm IST
Chanakya Niti - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Chanakya Niti 

Highlights

  • आचार्य चाणक्य ने बताया कौन लोग होते हैं धरती के लिए भार
  • आचार्य चाणक्य से जानें किन लोगों से रहना चाहिए दूर

कौटिल्य और विष्णुगुप्त के नाम से प्रसिद्ध आचार्य चाणक्य विलक्षण प्रतिभा के धनी थे और असाधारण और बुद्धि के स्वामी थे। आचार्य चाणक्य ने अपने बुद्धि कौशल का परिचय देते हुए ही चंद्रगुप्त मौर्य को सम्राट बनाया था। आचार्य चाणक्य हमेशा दूसरों के हित के लिए बात करते थे। 

आचार्य चाणक्य ने अपनी एक नीति में उन लोगों के बारे में विस्तार से बताया है जो इस दुनिया में एक बोझ के समान होते हैं। इनसे साथ रहने से दूसरा व्यक्ति पर भी बुरा असर पड़ता है।   

श्लोक

येषां न विद्या न तपो न दानं
ज्ञानं न शीलं न गुणो न धर्मः।
ते मर्त्यलोके भुवि भारभूता
मनुष्यरूपेण मृगाश्चरन्ति ॥

भावार्थ 
जिन लोगों ने न तो विद्या हो,  न ही तपस्या में लीन रहे, न ही दान के कार्यों में लगे, न ही ज्ञान अर्जित किया हो, न ही अच्छा आचरण करते, न ही गुणों को अर्जित किया है और न ही धार्मिक अनुष्ठान किया हो। ऐसे लोग इस मृत्युलोक में मनुष्य के रूप में मृगों की तरह भटकते रहते हैं और ऐसे लोग इस धरती पर भार की तरह होते हैं। 

आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो लोग विद्या ग्रहण नहीं करते हैं वो लोग किसी भी निर्णय को लेने में असफल होते हैं। इतना ही नहीं दूसरों को सामने किसी न किसी कारण शर्मिंदा होना पड़ता है। वहीं दान करने से इसका पुण्य कई गुना बढ़ जाता है। इसके साथ ही दान देने वाले व्यक्ति के मान सम्मान में वृद्धि होती है और समाज में ऊंचा दर्जा मिलता है। ऐसे में जो व्यक्ति ऐसा नहीं करता है उसका समाज में मान-सम्मान बिल्कुल नहीं होता है। 

आचार्य चाणक्य के अनुसार, व्यक्ति को सम्मान और धन तभी मिलता है जब वह श्रेष्ठ गुणों को अपनाकर दूसरों के साथ अच्छा आचरण प्रस्तुत करता है। लेकिन जो व्यक्ति ऐसा नहीं करता है उसका कोई भी सम्मान नहीं करता है। इसके साथ ही वह किसी भी सूरत में अपने लक्ष्य को पा नहीं सकता है। 

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