इंदौर: एमपी का इंदौर फिर से साइबर ठगी के नए और डेंजर तरीके से डिजिटल अरेस्ट का गवाह बना। कानून-व्यवस्था का चोला ओढ़े साइबर ठगों ने बुजुर्ग महिला पर इतना मेंटल प्रेशर बनाया कि वह 9 दिन तक घर में ही डिजिटल अरेस्ट रही और अपनी जिंदगी भर की जमा-पूंजी जालसाजों के बताए हुए बैंक अकाउंट्स में भेजती गई। इस नए केस ने इंदौर में साइबर सिक्योरिटी को लेकर चिंता बढ़ा दी है। इंदौर पुलिस के अनुसार, 67 साल बुजुर्ग महिला को 23 नवंबर को एक अनजान कॉल आया था। कॉलर ने खुद को जम्मू-कश्मीर पुलिस का एसपी बताया था।
महिला को साइबर ठगों ने कैसे उलझाया
साइबर ठगों ने कॉल पर दावा किया था कि आतंकी से बरामद हुए मोबाइल में 2 हजार 300 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले हैं, जिसमें महिला का बैंक अकाउंट भी शामिल है। साइबर ठग ने महिला को ये भी झांसा दिया कि इस क्राइम के बदले बुजुर्ग महिला को डेढ़ करोड़ रुपये मिले हैं, जिससे वह अब जांच के दायरे में है।
महिला को पैसे भेजने के लिए ऐसे किया राजी
एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने कहा कि कॉलर ने बुजुर्ग महिला को धमकाया कि अगर वह अपने बैंक अकाउंट्स में मौजूद रुपये सरकारी खातों में “जांच के लिए” ट्रांसफर करे, नहीं तो उसको आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के लिए तुरंत अरेस्ट करके जेल भेज दिया जाएगा। घर में अकेली रहने वाली बुजुर्ग महिला ने डर के मारे 23 नवंबर से 3 दिसंबर तक लगातार ठग गैंग की हर बात मानी और लगभग 30 लाख रुपये अलग-अलग किश्तों में उनकी तरफ से बताए गए अकाउंट्स में भेज दी।
घर पर अकेली रहती है बुजुर्ग महिला
पुलिस के अनुसार, पीड़ित महिला के दोनों बेटे विदेश में रहते हैं। साइबर ठगों की धमकियों से डरी महिला ने कई दिनों तक किसी को कुछ भी नहीं बताया। आखिरकार हिम्मत जुटाकर उसने अपनी बेटी और दामाद को इस घटना के बारे में बताया, जिसके बाद साइबर सेल में शिकायत दर्ज हुई। गौरतलब है कि इस केस में BNS और IT एक्ट के तहत केस दर्ज करके जांच शुरू हुई है। पुलिस ने लोगों को सावधान करते हुए कहा कि किसी भी संदिग्ध कॉल पर कानूनी कार्रवाई की धमकी देते हुए रुपये मांगना साफ तौर से साइबर क्राइम है। ऐसा कुछ भी हो तो तुरंत पुलिस या साइबर हेल्पलाइन पर संपर्क करें।
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