अश्गाबात (तुर्कमेनिस्तान): तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अश्गाबात में आयोजित अंतरराष्ट्रीय शांति एवं विश्वास मंच के उद्घाटन से ठीक पहले पाकिस्तान की भयंकर बेइज्जती हो गई है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को सामने से इग्नोर कर दिया। इस फोरम में रूस, तुर्की, ईरान, पाकिस्तान समेत कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों का जमावड़ा हुआ है।
शहबाज हुए शर्मिंदा
आर इंडिया टुडे पर जारी एक वीडियो में देखा जा रहा है कि सभी प्रमुख नेता कार्यक्रम के उद्घाटन से पहले एक ग्रुप फोटो शूट के लिए इकट्ठा होते हैं। इसमें रूस के राष्ट्रपति पुतिन शहबाज के ठीक सामने जाकर उनके आगे खड़े हो जाते हैं। शहबाज पुतिन को देखकर हल्की मुस्कान के साथ बातचीत का इशारा भी करते हैं, लेकिन पुतिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को पूरी तरह नजरअंदाज करके उनके बिलकुल आगे खड़े हो जाते हैं। इसके बाद शहबाज शरीफ काफी शर्मिंदा हो जाते हैं। शहबाज शरीफ के चेहरे पर इस शर्मिंदगी का भाव वीडियो में साफ देखा जा रहा है।
किन नेताओं का हुआ जमावड़ा
तुर्कमेनिस्तान में आयोजित हो रहे इस अंतरराष्ट्रीय फोरम में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, तुर्की के राष्ट्रपति रेजेप तईप एर्दोगन, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन और इराक के राष्ट्रपति अब्दुल लतीफ रशीद सहित अन्य विश्व नेता शामिल हुए। यह फोटो मंच के द्विपक्षीय बैठकों और सत्रों से पूर्व ली गई, जो वैश्विक शांति, तटस्थता और स्थायी विकास पर केंद्रित है। यह मंच तुर्कमेनिस्तान की स्थायी तटस्थता की 30वीं वर्षगांठ और संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2025 को अंतरराष्ट्रीय शांति एवं विश्वास वर्ष घोषित करने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया है। तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति सेरदार बेरदिमुखामेदोव की मेजबानी में हो रहे इस आयोजन में लगभग 50 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
क्या है विषय
मंच का मुख्य विषय "शांति और विश्वास: सतत भविष्य के लिए लक्ष्यों की एकता" है। तुर्कमेनिस्तान ने 1995 में संयुक्त राष्ट्र महासभा से अपनी स्थायी तटस्थता की मान्यता प्राप्त की थी, जो पूर्व सोवियत संघ के इस रेगिस्तानी देश की विदेश नीति का आधार बनी हुई है। राष्ट्रपति बेरदिमुखामेदोव ने मंच से पूर्व एक साक्षात्कार में राजनीतिक सुधारों का संकेत देते हुए कहा कि देश संयुक्त राष्ट्र व्यापार संगठन (WTO) में शामिल होने और अर्थव्यवस्था को गैस निर्यात से परे विविध बनाने की दिशा में कदम उठा रहा है। तुर्कमेनिस्तान दुनिया के चौथे सबसे बड़े प्राकृतिक गैस भंडार वाला देश है, जहां की अधिकांश अर्थव्यवस्था चीन को गैस निर्यात पर निर्भर है।
पुतिन ने रूस-तुर्कमेनिस्तान को बताया साझेदारी की मिसाल
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने मंच के उद्घाटन सत्र में संबोधन देते हुए कहा, "यह प्रतीकात्मक है कि ठीक 30 वर्ष पूर्व 12 दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने तुर्कमेनिस्तान की तटस्थता को औपचारिक रूप से मान्यता दी थी। शांति और विश्वास के सिद्धांत-जैसे राज्यों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करना, विकास मॉडल का सम्मान और परंपराओं की रक्षा आज की दुनिया के लिए अत्यंत प्रासंगिक हैं।" पुतिन ने रूस-तुर्कमेनिस्तान रणनीतिक साझेदारी को मिसाल बताया।
हाल ही में पुतिन आए थे भारत
इस कार्यक्रम में शामिल होने से पहले पुतिन गत 4-5 दिसंबर को भारत दौरे पर थे, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पुतिन की जबरदस्त दोस्ती देखने को मिली। प्रधानमंत्री मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़कर उन्हें एयरपोर्ट से रिसीव किया था। इसके बाद पुतिन भी पीएम मोदी के सम्मान में अपना प्रोटोकॉल तोड़कर प्रधानमंत्री मोदी के साथ एक ही कार से पीएम आवास तक का सफर तय किया था। पीएम मोदी और पुतिन की यह दोस्ती जगजाहिर है। यह भारत और रूस के मजबूत रिश्तों का प्रतीक भी है।
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