इंदौर: पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों के परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। अपनों के पार्थिव शरीर को देख उनके आंसू नहीं रुक रहे हैं। पूरा देश और परिवार सिर्फ और सिर्फ बदले की मांग रहा है। पहलगाम आतंकी हमले के जो लोग शिकार बने उनमें इंदौर के सुशील नथानियल भी शामिल हैं। ये घर आतंकी हमले में मारे गए इंदौर के रहने वाले सुशील नथानियाल का है। आतंकियों ने सुशील की गोली मारकर हत्या कर दी। गोली सुशील की बेटी आकांक्षा को भी लगी लेकिन गनीमत रही कि उसकी जान बच गई।
धर्म पूछकर गोली मारी
सुशील नथानियल का कसूर सिर्फ इतना था कि वह कलमा नहीं पढ़ पाए। आतंकियों ने उन्हें घुटने पर बैठने के लिए कहा, उनका धर्म पूछा फिर कलमा पढ़ने के लिए कहा। जब वह कलमा नहीं पढ़ पाए तो बेरहमी से उनकी हत्या कर दी।
'मेरी जान बचाने के लिए पति ने अपने सीने पर गोली खाई'
मृतक सुशील की पत्नी जेनिफर ने रोते हुए कहा, ''मैं मेरे पति को जैसा लेकर गई थी वैसा वापस नहीं ला पाई। मेरे पति ने मेरी जान बचाने के लिए अपने सीने पर गोली खाई। तीन छोटी उम्र के लड़के थे जिन्होंने मेरे पति पर बंदूक अड़ाकर कर कहा कि कलमा पढ़ो। मेरे पति ने कहा कि मैं तो क्रिश्चियन हूं मुझे कलमा पढ़ना नहीं आता। इसके बाद उन लड़को ने मेरे पति को धक्का दिया और सीने में गोली मार दी।''
LIC के ब्रांच मैनेजर थे सुशील नथानियल
58 वर्षीय सुशील नथानियल LIC के ब्रांच मैनेजर थे। उनकी पत्नी जेनिफर इंदौर के खातीपुरा में सरकारी स्कूल में टीचर हैं। बेटी आकांक्षा सूरत में बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा में मैनेजर हैं। बेटा ऑस्टिन कॉलेज छात्र है।
पत्नी का बर्थडे मनाने गए, वापस नहीं लौटे
चार दिन पहले वह अपनी पत्नी जेनिफर का बर्थडे सेलिब्रेट करने 21 साल के बेटे ऑस्टिन गोल्डी, 30 साल की बेटी आकांक्षा के साथ कश्मीर गए थे जिसके बाद अब उनका पार्थिव शरीर घर लौटा है। सुबह 8 से 8.30 बजे वीणा नगर घर पर रिश्तेदारों ने उनके अंतिम दर्शन किए उसके बाद उनके शव को नंदानगर चर्च ले जाया गया जहां प्रार्थना की गई। 10.30 बजे उनके शव को जूनी इंदौर कब्रिस्तान में ईसाई रीति रिवाज से दफनाया जाएगा।
दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से मशहूर प्रमुख पर्यटक स्थल बैसरन में मंगलवार को आतंकवादियों ने हमला किया था, जिसमें कम से कम 26 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए।
(रिपोर्ट- भारत पाटिल)
यह भी पढ़ें-