Ayodhya: अयोध्या के कड़-कड़ में श्रीराम बसे हैं और जहां राम बसते हैं वहां उनके परम भक्त हनुमान अवश्य रहते हैं। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद राम मंदिर आज से सभी भक्तों के लिए दर्शन हेतु खुल चुका है। जहां राम वह उनके भक्त हनुमान सदैव रहते हैं। अगर आप अयोध्या धाम की यात्रा पर आएंगे तो यह बात आप भी अनुभव करेंगे। अयोध्या में रामलला के मंदिर के साथ ही साथ यहां हनुमान जी का सिद्ध पीठ हनुमान गढ़ी मंदिर भी है, जो देश भर में प्रसिद्ध है। आज हम आपको इस मंदिर का महत्व बताने जा रहे हैं।
भगवान राम ने सौंपी थी हनुमान जी को अयोध्या की गद्दी
अचलं हि अयोध्यायां कुरु समाश्रितः।
अत्रस्थितानां सिद्धानां सिद्धिदो भव सर्वदा।।
यावत चन्द्रश्व सूर्यश्व यावत्तिष्ठति मेदिनी।
यावन्मम कथा लोके तवाद्राज्मं करोतीसौ।।
भगवान राम जब सरयू में जल समाधि लेने जा रहे थे। तब उन्होंने अयध्या नगरी की कमान हनुमान जी के हाथ में सौंप दी और जाते समय कहा, कि जब तक चंद्र सूर्य और पृथ्वी हैं, जब तक लोग धर्म के मार्ग पर चलते हुए हमारे भजन करेंगे तब तक आप यहां रहकर अयोध्या नगरी का अचल राज्य संभालीए। सच्चे भकतों के दुःखों का निवारण आपको करना होगा यह कह कर भगवान राम ने हनुमान जी को अयोध्या नगरी की कमान सौंप दी। इसलिए हनुमान गढ़ी में बजरंबली राजा के रूप में हैं।
हनुमान मंदिर से जुड़ी विशेषताएं
- हनुमान गढ़ी मंदिर में मां अंजना की गोद में हनुमान जी बाल रूप में विराजमान हैं। इसलिए उन्हें यहां हनुमत लला कहते हैं।
- मान्यता के अनुसार जो भक्त सच्ची श्रद्धा से बजरंगबली के यहां आकर दर्शन करते हैं। उनके जीवन के सभी संकट पल भर में मिट जाते हैं।
- अंजनी सुत के दर्शन करने के लिए आपको करीब 75-80 जीने चढ़ने पड़ेंगे। जैसा की मंदिर के नाम में गढ़ी लगा है और गढ़ी का अर्थ होता है किला यानी ऊंचाई पर कोई स्थान।
- शास्त्रों के अनुसार अयोध्या से जाते समय भगवान राम ने हनुमान जी को अयोध्या की देख रेख की जिम्मेदारी सौंपी थी। इस आधार पर मान्यता है कि यहां हनुमान जी आज भी निवास करते हैं और संपूर्ण अयोध्या नगरी की रक्षा करते हैं।
- अयोध्या आकर अगर आप रामलला के दर्शन करते हैं, तो सबसे पहले आपको हनुमान जी के दर्शन करने पड़ेंगे और उनसे अनुमित लेने के बाद ही आप रामलला के दर्शन कर सकते हैं। तभी आपकी अयोध्या यात्रा सफल होगी।
- मंदिर में हनुमन जी का जो विग्रह है वह दक्षिण मुखी है। इसी के साथ मंदिर परिसर में राम दरबार, नरसिंह भगवान का विग्रह, मां दुर्गा भवानी का विग्रह और एक हवन कुंड भी बना हुआ है।
- हनुमान गढ़ी रामजन्मभूमि मंदिर से लगभग 500 मीटर की दूरी पर है।
- यह मंदिर सुबह 4 बजे से खुल जाता है और पहली आरती सुबह की होती है। यहां रात्रि शयन आरती होने के बाद मंदिर के कपाट बंद हो जाते हैं।
- हनुमान गढ़ी में प्रतिदिन रामचरितमानस का पाठ होता है। जिसको लेकर मान्यता है की किसी न किसी रूप में हनुमान जी इसका श्रवण करने आते हैं और उनको रामकथा सुनना बेहद प्रिय लगता है।
- मंदिर परिसर की दिवारों पर हनुमान जी के संपूर्ण पाठ लिखे हुए हैं। ऐसा माना जाता है कि यहां बैठ कर जो हनुमान जी की पूजा-पाठ करता है। उसकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति बजरंगबली कर देते हैं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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