
Rang Panchami 2025: होली के बाद चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को रंग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार द्वापर युग में इस पर्व की शुरुआत हुई थी। भगवान कृष्ण ने राधा रानी के साथ होली खेली थी, जिसे देखकर अन्य गोपियां भी राधा-कृष्ण के साथ शामिल हुई थीं। देवी-देवता भी भगवान कृष्ण को रंगों का उत्सव मनाते हुए मंत्रमुग्ध हो गए थे और वो भी ग्वालों और गोपियों के रूप में शामिल हुए थे। इसीलिए इसे देवी-देवताओं की होली भी कहा जाता है। रंग पंचमी के दिन देवी-देवताओं की पूजा करने से भी शुभ फलों की प्राप्त होती है। आइए ऐसे में जान लेते हैं कि, साल 2025 में रंग पंचमी कब है और इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त कब से कब तक रहेगा।
रंग पंचमी तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि 18 मार्च की रात्रि में 10 बजकर 12 मिनट से शुरू होगी वहीं पंचमी तिथि की समाप्ति 20 मार्च की सुबह 12 बजकर 40 मिनट (19 मार्च की रात्रि) पर होगी। इसलिए उदयातिथि की मान्यता के अनुसार रंग पंचमी का त्योहार 19 मार्च को ही मनाया जाएगा।
शुभ मुहूर्त
रंग पंचमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में आप देवी-देवताओं की पूजा करके शुभ फल पा सकते हैं। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह लगभग 4 बजकर 52 मिनट से 5 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। इसके बाद दोपहर के समय 2 बजकर 30 मिनट से 3 बजकर 54 मिनट तक विजय मुहूर्त होगा। शाम के समय 6 बजकर 30 मिनट से 6 बजकर 55 मिनट तक पूजा आराधना के लिए शुभ समय रहेगा।
रंग पंचमी का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रंग पंचमी का त्योहार प्रेम-सौहार्द और स्नेह को बढ़ाता है। इस दिन राधा-कृष्ण के साथ ही देवी-देवताओं की पूजा करके जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति होती है। अगर आप प्रेम या वैवाहिक जीवन में प्रेम चाहते हैं तो इस दिन राधा-कृष्ण की पूजा से आपको लाभ होताहै। इस दिन रंग गुलाल को आसमान में फेंकने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं। माना जाता है कि इस दिन रंग गुलाल उड़ाने से वातावरण में भी शुद्धता आती है। इस दिन अपने इष्ट देव और देवी देवताओं को रंग गुलाल लगाने से आपके जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
ये भी पढ़ें-