जब ओवैसी से पूछा गया कि 2 मुख्यमंत्री कब बनेंगे तो उन्होंने कहा कि ढाई-ढाई साल के लिए एक दलित और एक अन्य पिछड़ा वर्ग का मुख्यमंत्री होगा।
यूपी चुनाव 2022: बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए अपनी चौथी लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में 3 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं।
यूपी चुनाव 2022: बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए अपनी तीसरी लिस्ट जारी की है। इसमें देखिए कौन कहां से चुनाव लड़ने जा रहा है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए एआईएमआईएम पार्टी ने अपने पहले लिस्ट की घोषणा कर दी है। ओवैसी की पार्टी से एक ब्राह्मण नेता को भी टिकट दिया गया है। इसको लेकर यूपी के सियासी गलियारों मे खलबली मची है।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन पार्टी ने अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में नौ नेताओं के नाम शामिल हैं जो यूपी के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ने जा रहे हैं।
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM उत्तर प्रदेश में जनसभा का आयोजन कर रही है। इसकी खबर पुलिस को मिली और उसके बाद उनके खिलाफ प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की।
यूपी चुनाव से पहले तमाम तरह की बयानबाजियां देखने मिल रही हैं। यूपी के फ़िरोज़ाबाद में एक रैली को संबोधित करते हुए AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने एक बेतुका बयान दे दिया। अपने बयान में उन्होंने यादव समाज के खिलाफ आपत्तिजनक शब्द बोले और कहा कि समाज में यादव समाज सबसे धोखेबाज़ समाज है।
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के एक जिलाध्यक्ष का वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें सिखाया जा रहा है- ओवैसी को पीएम बनाना है, तो मुसलमानों को और ज्यादा बच्चे पैदा करने होंगे। उनका तर्क है कि मुस्लिम अधिक बच्चे पैदा नहीं करेंगे, तो कैसे हमारी कौम भारत पर राज करेगी।
यूपी चुनाव से पहले AIMIM के अलीगढ़ अध्यक्ष का एक बयान वायरल हो रहा है। बयान में AIMIM के नेता कहते हैं कि यदि ओवैसी को प्रधानमंत्री बनाना है तो मुसलमानों को ज़्यादा बच्चे पैदा करने चाहिए। क्या वाकई AIMIM को अब ओवैसी को पीएम बनाने का फॉर्मूला मिल गया है?
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के एक जिलाध्यक्ष का वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें सिखाया जा रहा है- ओवैसी को पीएम बनाना है, तो मुसलमानों को और ज्यादा बच्चे पैदा करने होंगे। उनका तर्क है कि मुस्लिम अधिक बच्चे पैदा नहीं करेंगे, तो कैसे हमारी कौम भारत पर राज करेगी।
ओवैसी ने कहा, ''भाजपा को जिन्ना और पाकिस्तान से इतना प्यार है कि हम किसानों के लिये गन्ना-गन्ना कर रहे हैं और भाजपा-आरएसएस जिन्ना-जिन्ना कर रही है"
इससे पहले टिकैत ने हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी को बीजेपी का चाचा जान बताकर उन पर निशाना साधा था। उन्होंने ओवैसी पर CAA कानून को निरस्त करने की मांग करने पर पलटवार किया था।
बता दें कि यूपी के बाराबंकी में एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने शोषित वंचित समाज सम्मेलन में कहा था कि बीजेपी सरकार ने जैसे तीनों कृषि बिल कानून वापस लिया है, उसी तरह CAA और NRC कानून को भी वापस लेना चाहिए।
असदुद्दीन ओवैसी ने बताया कि उनकी पार्टी एक-दो और पार्टियों के साथ बात कर रही है और समय आने पर ये बताया जाएगा कि वो किसी के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ेंगे या फिर अकेले ही। ओवैसी ने दावा किया कि वो चुनाव जीतने की स्थिति में हैं।
ओवैसी ने कहा कि मुसलमानों को अपना सियासी नेतृत्व तैयार करना होगा क्योंकि जिसके पास ताकत होती है उसी की सुनी जाती है और वही अपने हक और हुकूक को हासिल करता है।
सावरकर के पोते रंजीत का दावा है कि उनके पास ऐसे डॉक्यूमेंट मौजूद हैं जिससे यह बात साबित होती है कि गांधी जी ने याचिका लिखने के बारे में सावरकर को सलाह दी थी।
इंडिया टीवी के चुनाव मंच से AIMIM सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "उत्तर प्रदेश की जनता में योगी सरकार के खिलाफ काफी आक्रोश है और उन्हें उम्मीद है कि यूपी में दोबारा बीजेपी और योगी की सरकार नहीं बनेगी"
उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों में ओवैसी की दावेदारी से सभी प्रमुख विपक्षी दलों में मुस्लिम वोटों को लेकर घमासान शुरू हो गया है। बसपा, सपा जहां ओवैसी को भाजपा की बी टीम बता चुके है, वही ओवैसी बार बार मुस्लिम राग अलापते है, आखिर ओवैसी की दावेदारी से किसे होगा नुकसान और किसका होगा फायदा ? देखिए कुरुक्षेत्र में इंडिया टीवी पर
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हमारा मुकाम एक बैंड बाजे की पार्टी की तरह होकर रह गया है। जब इलेक्शन आता है तो हमसे कहते हैं कि बैंड बजाओ, सेकुलरिज्म को बचाओ, जब इलेक्शन आता है तो मुसलमानों से कहा जाता है कि पुंगी बजाओ और सेकुलरिज्म को बचाओ।
उत्तर प्रदेश की आबादी में अपेक्षाकृत कम हिस्सेदारी रखने वाली जाटव, यादव, राजभर और निषाद समेत विभिन्न जातियों का कमोबेश अपना-अपना नेतृत्व है, मगर जनसंख्या में 19 प्रतिशत से ज्यादा भागीदारी रखने वाले मुसलमानों का कोई सर्वमान्य नेतृत्व नजर नहीं आता।
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