Mumbai Attack 2008: ASI तुकाराम ओंबले अपनी जान देकर मुंबई हमले के आतंकी मोहम्मद अजमल आमिर कसाब को जिंदा नहीं पकड़ते तो शायद मुंबई हमले का सच पूरी तरह से सामने नहीं आता। इस आर्टिकल में समझिए कि कसाब का जिंदा पकड़ा जाना क्यों जरूरी था।
ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी प्रेस ब्रीफिंग में बड़ा खुलासा हुआ है। इसमें बताया गया कि वो ट्रेनिंग कैंप भी उड़ा दिए गए जहां, अजमल कसाब और डेविड हेडली जैसे खतरनाक आतंकियों को ट्रेनिंग दी गई थी।
26/11 आंतकी हमले को अंजाम देने वालों में एक आतंकवादी अजमल कसाब था, जिसे सुरक्षा बलों ने जिंदा पकड़ा था। उसे आज ही के दिन यानी 6 मई 2010 को विशेष अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी।
शराब के नशे में धुत एक शख्स ने मुंबई पुलिस के कंट्रोल रूम में एक धमकी भरा फोन किया और कहा कि वह आतंकवादी कसाब का भाई है और वह मुंबई पुलिस के हेडक्वार्टर को बम से उड़ा देगा।
विजय वडेट्टीवार ने मुंबई हमले 26/11 को लेकर एक विवादित बयान दिय़ा था। उन्होंने कहा था कि आतंकवादी अजमल कसाब ने पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे की हत्या नहीं की थी बल्कि आरएसएस से जुड़े एक पुलिसकर्मी ने उन्हें गोली मारी थी। उज्जवल निकम गद्दार है। जिसने इस तथ्य को छुपाया। कांग्रेस नेता के इस बयान पर अब उज्जवल निकम ने पलटवार किय
ओवैसी ने कहा, बच्चे ने जिस तरह से अपनी बात रखी, वो हम सभी को करना पड़ेगा। यही मिजाज पैदा करना पड़ेगा। जो तुमसे तुम्हारा हक छीन रहा है, उनसे आंख में आंख डालकर सवाल करना पड़ेगा। पत्थर मारने से हक नहीं मिलेगा।
शेख रशीद ने इमरान से मुखातिब होकर कहा, आज आपके साथ आवाम का जितना समर्थन है, उतना तो चुनाव के वक्त भी नहीं था।
सोमा राजस्वरन का मानना है कि उनके दिवंगत पिता उनकी और उनके परिवार की रक्षा कर रहे थे और हर साल 26 नवंबर को वह अपने पिता को याद करते और उन्हें धन्यवाद देते थे।
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में नवंबर 2008 में हुए आतंकवादी हमले को अंजाम देने वाले पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब की पहचान करने वाले मुख्य गवाह का निधन हो गया।
करीब एक दशक पहले मुंबई पर हमला करने वाले आतंकवादियों में से जिंदा पकड़े गए एकमात्र आतंकवादी अजमल कसाब को छह मई को ही फांसी की सजा सुनाई गई थी।जानिए इस दिन से जुड़ी और भी ऐतिहासिक घटनाएं।
पाकिस्तान के हिंदू आतंकवाद वाली साज़िश पर मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर राकेश मारिया के खुलासे के बाद भी कांग्रेस अपनी थ्योरी पर कायम है। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हिंदू आतंकवाद की बात गलत नहीं थी।
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त राकेश मारिया ने दावा किया है कि लश्कर-ए-तैयबा ने 26/11 के मुंबई आतंकी हमले को "हिंदू आतंकवाद" के रूप में पेश करने तथा पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद अजमल कसाब को बेंगलुरु के समीर चौधरी के रूप में मारे जाने की योजना बनाई थी।
देश के इतिहास में सबसे भीषण आतंकी हमले 26/11 की आज 11वीं बरसी है। 26 नवंबर 2008 को दस पाकिस्तानी आतंकवादियों ने मुंबई समेत पूरे देश को दहला दिया था। 11 साल पहले हुए भीषण आतंकी हमलों में 166 लोग मारे गए थे।
धिकारियों ने बताया कि 26/11 के हमलों के आतंकवादी अजमल कसाब का सहयोगी रहे ‘‘सर्वाधिक वांछित’’ जट का मारा जाना सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी सफलता है
मुंबई में वर्ष 2008 में 26 नवंबर को हुए आतंकवादी हमले में 26 विदेशी नागरिकों सहित 166 लोगों की मौत हो गई थी। पाकिस्तान से आए 10 आतंकवादियों के साथ सुरक्षा बलों की मुठभेड़ करीब 60 घंटे तक चली थी। देश के इतिहास में 26/11 मुंबई हमला सबसे भयावह आतंकी हमला था जिसने सभी की रूह को कंपा दिया था।
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