पीड़ित यूथ नेता की मानें तो विधायक जी उन्हें फोन पर मारकर हाथ-पैर तोड़ने की बात कह रहे हैं। सिकंदरपुर विधानसभा में अपनी पार्टी के घोषित उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करने से रोक रहे हैं।
योगी आदित्यनाथ ने लोकल बॉडी इलेक्शन में भी अपना ट्रंप कार्ड चल दिया है. उन्होने जिस मुद्दे पर विधानसभा का चुनाव लड़ा था उसी पर निकाय चुनाव भी लड़ रहे हैं. योगी जहां भी जा रहे हैं कानून व्यवस्था की ही बात कर रहे हैं. स्ट्रेटजी क्लियर है. बाबा को लगता है कि ये मुद्दा आज भी उनकी सबसे बड़ी यूएसपी है.
असली सवाल तो ये है कि अतीक और अशरफ के हत्यारों को तुर्कीए की पिस्तौल किसने दी, ये कैसा लॉ एंड ऑर्डर है योगी जी का ? AIUMM प्रवक्ता ने बीजेपी से पुछे सवाल.
UP Nikay Chunav 2023: यूपी निकाय चुनाव में पहले चरण के मतदान से पहले सियासी घमासान छिड़ा हुआ है. ऐसे में सवाल ये है कि यूपी के जनता किस आधार पर वोट करेगी ? देखिए इस रिपोर्ट में.
योगी जहां भी जा रहे हैं कानून व्यवस्था की ही बात कर रहे हैं ..स्ट्रेटजी क्लियर है...बाबा को लगता है कि ये मुद्दा आज भी उनकी सबसे बड़ी यूएसपी है और इसी पर समाजवादी पार्टी और बीएसपी को बैक फुट पर लाया जा सकता है. आज योगी ने तमंचा, रंगदारी, वसूली और धमकियां देने वालों की फिर याद दिलाई.
अखिलेश ने कहा कि योगी इसलिये बोल रहे हैं क्योंकि अंग्रेजी में एक कहावत है कि ‘ओल्ड हैबिट्स डाई हार्ड’ यानी पुरानी आदतें जल्दी जाती नहीं हैं।
UP Nikay Chunav 2023 Updates: यूपी निकाय चुनावों में सभी प्रत्याशियों की तरफ से दावों और वादों का दौर जारी है. हर प्रत्याशी जनता को लुभाने की कोशिश में लगा हुआ है.
UP Nikay Chunav 2023:कहने को तो यूपी में निकाय चुनाव होने वाले हैं, लोकल इलेक्शन हैं लेकिन ये चुनाव योगी आदित्यनाथ के लिए बहुत बड़ी परीक्षा हैं....23 में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहा है लेकिन यूपी में लोकल बॉडी इलेक्शन इन सारे चुनावों जितना ही अहम है
यूपी बदल चुका है. माफियाओं के मंसूबों से बदनाम रहा उत्तर प्रदेश अब सीएम योगी के धर्मचक्र चलने के बाद उत्तम प्रदेश बन चुका है. मंच चाहे कोई भी हो. मौका चाहे कैसा भी हो सीएम योगी का मैसेज क्लीयर है. यूपी में माफियाओं का सफाया ही उनका फंडा और एजेंडा दोनों है. यूपी में योगी राज है.
अखिलेश यादव ने कहा, सरकार कह रही है कि ट्रिपल इंजन चाहिए, ट्रिपल इंजन तो बहुत दिनों से चल रहा है, लेकिन बीजेपी स्मार्ट सिटी तो नहीं बना सकी।
पटना...कोलकाता और लखनऊ में एक साथ सियासी खिचड़ी पक रही है. खिचड़ी पकाने वाले शेफ एक नहीं, तीन-तीन हैं. अब खिचड़ी के लिए चावल, दाल, नमक, मसाले सब कुछ चाहिए. अभी ये तय हुआ है कि खिचड़ी तो पकेगी, बाकी कुछ तय नहीं है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एंटी मोदी मोर्चे के गठन की कोशिशें तेज कर दी हैं. आज नीतीश कुमार ने कोलकाता में ममता बनर्जी से मुलाकात की. इसके बाद लखनऊ जाकर अखिलेश से मिले. ममता और अखिलेश दोनों ने कहा कि वो नीतीश की कोशिशों के साथ हैं. मोदी का हराने के लिएओ विरोधी दलों का एकसाथ आना जरूरी है.
Nitish Kumar In Lucknow: आज उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव(Akhilesh Yadav) से मिले। इस दौरान उनके साथ बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव(Tejashwi Yadav) भी साथ थे।
इस मुलाकात के दौरान कई विषयों को लेकर बातचीत हुई। बैठक के बाद समाजवादी कार्यालय में एक प्रेस कांफ्रेंस हुई और इसमें नीतीश कुमार और अखिलेश यादव समेत कई बड़े नेताओं ने हिस्सा लिया।
विधानसभा में योगी के माफिया को मिट्टी में मिला दूंगा वाले बयान की गूंज पूरे प्रदेश में अभी तक सुनाई दे रही है. और आज योगी ने अपने उस बयान को एक मायने में सही साबित करते हुए सूबे की जनता के सामने खुलकर कहा कि हमने कहा कि इनकी गर्मी निकाल देंगे. सबकी गर्मी शांत कर दी गई.
उन्होंने अपने मुहीम के बारे में कहा कि हम अपने लिए कुछ नहीं चाहते हैं। कितनी बार बोल चुके हैं। हमारी अपनी कोई व्यक्तिगत इच्छा नहीं है। हम पूरे देश के हित के बारे में सोच रहे हैं। अभी जो कुछ बी हो राह है। पूरे देश के इतिहास को बदलने के चक्कर में हैं।
मोदी और योगी के दूसरे विरोधी अलग तरह की चाबी ढूंढ़ रहे हैं. कोई जाति वाली चाबी से 24 का ताला खोलना चाहता है तो कोई धर्म की चाबी खोज रहा है. इसी खोजबीन ने विपक्ष के सभी नेताओं को आज ईदगाह मैदान तक पहुंचा दिया. मोदी के सारे चैलेंजर 20% के पीछे पड़े हैं.
ईद के दिन..मोदी के..योगी के सारे विरोधियों ने जमकर हिन्दू-मुस्लिम किया। अतीक वाला टेप आज भी नॉनस्टॉप बजता रहा। दीदी ने कहा..वो अपनी जान देने के लिए तैयार हैं। अखिलेश की पार्टी ने कहा..देश में आपातकाल है..लोकतंत्र ख़त्म हो गया।
Muqabla Debate: अतीक अशरफ ने जो गुनाह किए उसकी सजा कानून से मिलनी चाहिए थी लेकिन हत्यारों की हत्या ही कर दी गई. पुलिस सवालों में है और राजनीति सिम्पैथी कार्ड और मुस्लिम कार्ड एक साथ खेलने लगी है. तेजस्वी यादव को माफिया अतीक, अतीक जी लगने लगे हैं.
बता दें कि इससे पहले अखिलेश ने गुरुवार को अतीक अहमद के बेटे असद और शूटर गुलाम मोहम्मद के एनकाउंटर पर भी सवाल उठाए थे।
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