पीएम मोदी के नए मंत्रिमंडल में देश के अधिकतर राज्यों और वर्गों को प्रतिनिधित्व दिया जा रहा है, 8-10 मंत्रियों की छुट्टी होने जा रही है
नए चेहरों को एडजस्ट करने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल से कई मंत्रियों की छुट्टी भी की गई है। इनमें बंगाल से भाजपा की सांसद देबाश्री चौधरी, संतोष गंगवार शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में 2019 में जब दूसरी बार एनडीए की सरकार बनी थी तो रमेश पोखरियाल निशंक को शिक्षा मंत्री नियुक्त किया गया था।
केंद्र की मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आज पहला मंत्रिमंडल विस्तार हो रहा है और इस विस्तार के साथ कुछ पुराने मंत्रियों की छुट्टी भी तय है और इस कड़ी में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से देबाश्री चौधरी की छुट्टी हो गई है। यानि आज होने वाले विस्तार के बाद प्रधानमंत्री मोदी का जो नया मंत्रिमंडल होगा उसमें देबाश्री चौधरी शामिल नहीं होगी। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में हार के बाद ऐसी संभावना थी कि भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल के नेताओं के मंत्रिपद को बदल सकती है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में हार के बाद ऐसी संभावना थी कि भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल के नेताओं के मंत्रिपद को बदल सकती है
मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार हो चुका है। मोदी कैबिनेट में आज कुल 15 कैबिनेट और 28 राज्य मंत्रियों समेत कुल 43 मंत्रियों ने शपथ ली है। वहीं कुल 12 मंत्रियों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए गए हैं। यहां जानिए पीएम मोदी के मंत्रिमंडल विस्तार से जुड़े सभी अपडेट्स।
इंडिया टीवी को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस बार ज्योतिरादित्य सिंधिया, सर्वानंद सोनवाल, नारायण राणे जैसे राजनीतिक दिग्गजों को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा। इनके साथ-साथ कुछ अन्य नेताओं को दिल्ली आने के लिए कह दिया गया है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल/विस्तार 7 जुलाई को शाम 6 बजे होगा। नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में यह पहला कैबिनेट फेरबदल होगा।
केंद्र की मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला मंत्रिमंडल विस्तार बुधावार की शाम को 6 बजे होगा।
केंद्र की मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला मंत्रिमंडल विस्तार इसी हफ्ते होने की संभावना है। इंडिया टीवी को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गुरुवार 8 जुलाई को मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 जुलाई को सुबह 10.30 बजे अपने मंत्रिपरिषद में फेरबदल कर सकते हैं। इससे पहले संभावित मंत्री दिल्ली पहुंच रहे हैं |
नीतीश कुमार की पार्टी JDU चाहती है कि इस बार मोदी कैबिनेट में उसके चार सांसदों को जगह दी जाए। JDU अपने चार नेताओं को मोदी कैबिनेट में मंत्री बनाना चाहती है। सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
अपने प्रस्तावित कार्यक्रम से एक दिन पहले ही बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश के मालवा-निमाड़ अंचल का तीन दिवसीय दौरा अधूरा छोड़कर दिल्ली के लिए निकल गए हैं।
केंद्र की मोदी सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार होने जा रहा है. ऐसे में केंद्र की सत्ता में जदयू को कितनी हिस्सेदारी मिलने वाली है, इसको लेकर कयास लगने लगे हैं |
अपने चाचा पशुपति नाथ पारस को सप्ताह के अंत में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने का निमंत्रण मिलने की खबरों के बीच, चिराग पासवान ने कहा कि पारस को लोजपा कोटे से मंत्री नियुक्त नहीं किया जा सकता क्योंकि वह अब पार्टी का हिस्सा नहीं हैं।
जदयू ने कहा कि बिहार में भाजपा के 17 सांसद हैं और केंद्र में पांच मंत्री हैं। लेकिन जदयू के 16 सांसद हैं और एक भी मंत्री नहीं है। ऐसे में जदयू ने चार मंत्री पद मांगे हैं |
मोदी सरकार के मंत्रीमंडल विस्तार से पहले केंद्र सरकार ने कई राज्यों में राज्यपाल की नई नियुक्तियां की हैं। नए राज्यपालों की नियुक्तियों में सबसे अहम उन लोगों के नाम हैं जो मौजूदा समय में मोदी सरकार में मंत्री थे लेकिन अब उन्हें राज्यपाल नियुक्त किया जा रहा है। ऐसे नामों में थावरचंद गेहलोत हैं जिन्हें केंद्रीय मंत्री से हटाकर कर्नाटक का राज्यपाल नियुक्त किया गया है।
केंद्र की मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला मंत्रिमंडल विस्तार इसी हफ्ते होने जा रहा है। इंडिया टीवी को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गुरुवार 8 जुलाई को मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है और इसके लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया, सर्वानंद सोनवाल, नारायण राणे तथा कुछ अन्य नेताओं को दिल्ली आने के लिए कह दिया गया है। इनके अलावा सुशील मोदी, अनुप्रिया पटेल, अलावा मनोज तिवारी, हिना गावित और राहुल कासवान जैसे युवाओं के नाम भी संभावित मंत्रियों में शुमार हैं।
मोदी सरकार के मंत्रीमंडल विस्तार से पहले केंद्र सरकार ने कई राज्यों में राज्यपाल की नई नियुक्तियां की हैं। नए राज्यपालों की नियुक्तियों में सबसे अहम उन लोगों के नाम हैं जो मौजूदा समय में मोदी सरकार में मंत्री थे लेकिन अब उन्हें राज्यपाल नियुक्त किया जा रहा है। ऐसे नामों में थावरचंद गेहलोत हैं जिन्हें केंद्रीय मंत्री से हटाकर कर्नाटक का राज्यपाल नियुक्त किया गया है।
सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार में कर्नाटक से कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे को हराने वाले उमेश जाधव को भी जगह मिल सकती है। कर्नाटक से दूसरा नाम लिंगायत समुदाय से आने वाले शिव कुमार उदासी या बी वाई राघवेंद्र में से किसी एक का हो सकता है।
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