यूपी के मुख्य चुनाव अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने जारी बयान में कहा है कि जो भी इस नियम का पालन नहीं करेगा, उसे दो साल तक की जेल हो सकती है साथ ही उस पर भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
भारत निर्वाचन आयोग ने उन क्षेत्रों में 500 लोगों तक की सीमा के साथ भौतिक सभाएं करने की अनुमति दी थी जहां पहले दो चरणों में मतदान होने हैं। आयोग ने कहा था कि 10 फरवरी को पहले चरण के मतदान वाले क्षेत्रों में राजनीतिक दल और उम्मीदवार 28 जनवरी से 'भौतिक जनसभाएं' कर सकते हैं।
नवजोत सिंह सिद्धू ने AAP द्वारा चलाए गए अभियान 'जनता चुनेगी अपना सीएम' को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। इस बाबत सिद्धू ने चुनाव आयोग को पत्र भी लिखा है।
भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने शनिवार को चुनावी राज्यों में रैलियों और रोड शो पर लगी रोक को 31 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया है। हालांकि, भारत निर्वाचन आयोग ने पहले चरण के उम्मीदवारों को थोड़ी राहत दी है।
भारतीय जनता पार्टी के एक पोस्टर को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस पोस्टर के कारण चुनाव आयोग ने बीजेपी के नेता को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।
चुनाव आयोग ने शनिवार को प्रत्यक्ष रैलियों और रोडशो पर रोक 22 जनवरी तक बढ़ा दी है। चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को अधिकतम 300 व्यक्तियों या 50 प्रतिशत हॉल की क्षमता के साथ इनडोर बैठकें आयोजित करने की अनुमति दी है।
तहरीर में यह भी कहा गया है कि कार्यकर्ताओं को लाउडस्पीकर से भीड़ खत्म करने और लोगों से वाहनों को हटाने के लिए समझाया बुझाया गया लेकिन उन पर इसका कोई असर नहीं हुआ।
देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने भारत निर्वाचन आयोग से आग्रह किया कि उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में अगले सप्ताह प्रस्तावित ‘धर्म संसद’ पर रोक लगाई जाए क्योंकि ‘इस आयोजन का मकसद चुनावों के सांप्रदायिक आरोप-प्रत्यारोप को सार्वजनिक विमर्श में लाना है।’
उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग ने घर बैठे वोट डालने की सुविधा को लेकर जानकारी शेयर की है। अगर आप मतदाता हैं और घर से मतदान करना चाहते हैं तो ये जानकारी पढ़ें।
अधिसूचना जारी होने से लेकर मतगणना के दिन तक चुनाव आयोग के लिए कठिन परीक्षा साबित होने जा रहा है। इसलिए मतदाताओं और मतदान केंद्रों के लिए एक विस्तृत प्रोटोकॉल तैयार किया गया है। चुनाव आयोग ने शनिवार को पांच राज्यों- यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि निर्वाचन आयोग केंद्रीय बजट पेश किए जाने में दखल नहीं देना चाहेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि बजट पेश किए जाने की वार्षिक प्रक्रिया से पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में सभी राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर की स्थिति प्रभावित नहीं होगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने शनिवार को नई दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव की तारीखों के साथ ही सुविधा कैंडिडेट ऐप, know your candidate ऐप और C-vigil ऐप का जिक्र किया, जिससे वोटरों को काफी मदद मिलेगी।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के तहत 10 फरवरी से लेकर सात मार्च तक सात चरणों में मतदान होगा, वहीं उत्तराखंड, पंजाब और गोवा में 14 फरवरी को एक चरण में वोट डाले जाएंगे। मणिपुर में दो चरणों में 27 फरवरी और तीन मार्च को मतदान होगा।
मणिपुर में 60 विधानसभा सीटें हैं और 16 जिले हैं। यहां विधानसभा का कार्यकाल 19 मार्च 2022 को समाप्त हो रहा है। इस समय राज्य में NDA गठबंधन की सरकार है और भाजपा के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह हैं।
गोवा में 40 विधानसभा सीटें हैं और 2 जिले हैं। यहां विधानसभा का कार्यकाल 15 मार्च को समाप्त हो रहा है। राज्य में पिछला विधानसभा चुनाव फरवरी 2017 में हुआ था। कांग्रेस 15 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी लेकिन वो सरकार नहीं बना सकी। गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में मनोहर पर्रिकर ने शपथ ली थी लेकिन 17 मार्च 2019 को मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद डॉ. प्रमोद सावंत को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया।
पंजाब विधानसभा का कार्यकाल 27 मार्च 2022 को खत्म हो रहा है। पंजाब में किसी भी दल या गठबंधन को सरकार बनाने के लिए 59 सीटों का आंकड़ा हासिल करना होगा।
भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Vidhan Sabha Chunav 2022) की तारीखों (UP Election Date) का ऐलान कर दिया है।
लोकसभा चुनावों के लिए संशोधित खर्च सीमा अब बड़े राज्यों के लिए 90 लाख रुपये और छोटे राज्यों के लिए 75 लाख रुपये है।
देशभर में कोरोना के बढ़ते मामले आने वाले विधानसभा चुनावों में मुश्किल बनते जा रहे हैं। इस दौरान सुरक्षित तौर पर चुनाव संपन्न हो इसे लेकर मंथन का दौर जारी है।
कुछ महीनों में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा, मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं। वहीं, देश में ओमिक्रॉन संक्रमितों के बढ़ते मामले की वजह से स्वास्थ्य विभाग और चुनाव आयोग के लिए समय पर चुनाव कराना चुनौती भरा हो सकता है।
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