8 दिसंबर को गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनावी नतीजे आ रहे थे। उस दिन काउंटिंग के वक्त इंडिया टीवी नंबर वन पर रहा। बार्क (ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल) की रेटिंग में इंडिया टीवी ने अपने सभी प्रतिद्वंदी चैनलों को पीछे छोड़ दिया।
हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी लेकिन इसके बावजूद उसे करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। वहीं कांग्रेस को यहां सरकार में वापस आना उसके लिए एक जीवनदान की तरह है।
New Challenge to Congress in Himachal: हिमाचल प्रदेश में भले ही 68 विधानसभा सीटों में से 40 सीटें जीतकर कांग्रेस ने अपनी सरकार बना ली है, लेकिन अभी भी पार्टी के सामने चुनौतियां कम नहीं हुई हैं। यानि हिमाचल प्रदेश में नए नेतृत्व को लेकर निर्णायक कदम उठाने के बावजूद राज्य में कांग्रेस पार्टी के लिए अभी काम खत्म नहीं हुआ।
कांग्रेस के जीते हुए विधायकों का एक धड़ा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू तो दूसरा धड़ा वर्तमान हिमाचल प्रमुख प्रतिभा सिंह को सूबे का अगला सीएम बनते देखना चाहता है।
हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री के नाम पर सस्पेंस बरकरार है। कल हाईवोल्टेज ड्रामे के बीच विधायक दल की बैठक हुई। पार्टी के पर्यवेक्षक अब अपनी रिपोर्ट आलाकमान को सौंपेंगे। सीएम के नाम पर अंतिम फैसला अब कांग्रेस आलाकमान को लेना है।
मुख्यमंत्री पद के दावेदार सुखविंदर सिंह सुक्खू सुबह से तस्वीरों से गायब नजर आ रहे थे, लेकिन वह शाम को जैसे ही शिमला पहुंचे, उनके समर्थक विधायकों ने उन्हें कंधे पर उठा लिया।
Himachal News, BJP Vs Congress: एक तरफ गुजरात में भाजपा की भारी जीत और दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश में करारी हार...। बड़े-बड़े विशेषज्ञ भी हिमाचल में भाजपा की इस हार से हतप्रभ हैं। इस हार से अंदरखाने भाजपा में खलबली मची है। हिमाचल प्रदेश में हार की बारीकियों को समझने पर मंथन शुरू हो गया है।
हिमाचल प्रदेश में जमकर जोर लगाने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। नतीजों का विश्लेषण देखकर लगता है कि पार्टी को बागियों की बगावत का काफी खामियाजा भुगतना पड़ा है।
कांग्रेस ने आज शुक्रवार को दोपहर 3 बजे शिमला में अपने नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में सभी विधायक समेत प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी राजीव शुक्ला व पर्यवेक्षक भूपेश बघेल व भूपेंद्र हुड्डा भी मौजूद रहेंगे।
गुजरात और हिमाचल प्रदेश में हुए चुनाव में कई ऐसी बातें रहीं, जिससे बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी तीनों को ही खुशियां मनाने की वजह मिली। गुजरात में बीजेपी को रिकॉर्डतोड़ जीत मिली। पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के ‘हाथ‘ आया। वहीं ‘आप‘ राष्ट्रीय पार्टी बन गई।
हिमाचल प्रदेश में गुरुवार को नतीजे सामने आ गए हैं। कांग्रेस की जीत के बीच सिर्फ एक महिला विधायक को जीत मिली है। यानी हिमाचल विधानसभा में एक ही महिला विधायक होंगी।
गुजरात विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने गुरुवार को बड़ी जीत हासिल की है। बीजेपी की जीत को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस ने बड़ा बयान दिया है।
हिमाचल प्रदेश के चुनावी नतीजे आ चुके हैं और इस बार बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है। लेकिन 2017 में जयराम ठाकुर हिमाचल के सीएम संयोग से बने थे।
कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में 40 सीट जीतकर पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया और इस तरह राज्य में हर पांच साल पर राज बदलने का रिवाज कायम रहा।
Himachal Result: निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, 68 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस ने 40 सीट पर जीत दर्ज की है। वहीं, भाजपा को 25 सीट मिली है।
Congress Victory in Himachal Pradesh: चुनाव परिणामों के लिहाज से कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना मल्लिकार्जुन खरगे के लिए शुभकारी साबित हुआ है। दो राज्यों में हुए चुनाव में कांग्रेस को एक में हार तो दूसरे राज्य में जीत का स्वाद चखने का मौका मिला है।
Himachal Election Results: हिमाचल में भले ही कांग्रेस ने आधी से ज्यादा सीटें जीत ली है, लेकिन ये पार्टी की बड़ी जीत नहीं कही जा सकती। बीजेपी ने इस चुनाव में 25 सीटें हालिस की है, फिर भी वो कांग्रेस के बराबर खड़ी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान उन्होंने राज्य की जनता से ‘‘नरेन्द्र का रिकार्ड’’ तोड़ने की अपील की थी, लेकिन गुजरात की जनता ने तो रिकॉर्ड तोड़ने में भी रिकॉर्ड बना दिया।
कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया और इस तरह राज्य में हर पांच साल पर सत्ता बदलने का रिवाज कायम रहा।
Gujarat & Himachal Election Results new Historic Record: भाजपा ने 182 विधानसभाओं वाले गुजरात में भले ही 150 से अधिक सीटें जीतकर नया इतिहास रचा हो, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि कांग्रेस ने इस चुनाव परिणाम के बाद एक नहीं, बल्कि चार राज्यों में एक साथ बड़ा रिकॉर्ड कायम कर दिया है।
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