रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया है कि भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन जल्द आने वाली है। इसके लिए तैयारियां चल रही हैं। रेल मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो भी पोस्ट किया है, जिसमें ट्रेन की झलक देखी जा सकती है।
सरकार रेलवे सेक्टर को ग्रीन एनर्जी की तरफ ले जाने का प्रयास कर रही है। आईसीएफ में हुआ यह ट्रायल भारत की क्षमता को दर्शाता है। आने वाले समय में इस क्षेत्र में भारत के तेजी से आगे बढ़ने के आसार हैं।
पानीपत में बन रहे इस प्लांट के दिसंबर 2027 तक चालू होने की उम्मीद है। इससे कार्बन के उत्सर्जन में कमी आएगी। यह प्लांट हर साल 10 हजार टन ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करने में सक्षम होगा।
Indian Railway: भारतीय रेलवे की ओर से हाइड्रोजन फ्यूल सेल टेक्नोलॉजी पर काम किया जा रहा है। भारतीय रेलवे द्वारा 2030 तक जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा गया है।
अमेरिका ने पहली बार माना है कि वैश्विक कार्बन उत्सर्जन की कटौती में G-7 जैसे अमीर देशों की भूमिका अहम हो सकती है। अमेरिका की ऊर्जा मंत्री जेनिफर ग्रेनहोम ने ‘ग्लोबल वार्मिंग’ को रोकने के लिए त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता जताते हुए शुक्रवार को कहा कि अमीर राष्ट्र कार्बन उत्सर्जन में कटौती करने में मिसाल कायम करें।
Vande Metro Hydrogen Train In Karnataka by 2023: आत्मनिर्भर भारत स्वदेशी हाईड्रोजन ट्रेन बनाकर एक नया रिकॉर्ड दर्ज करने जा रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार देश की पहली हाईड्रोजन ट्रेन वर्ष 2023 में आ जाएगी। उन्होंने बताया कि यह ट्रेन पूरी तरह से भारत में निर्मित होगी।
Green Hydrogen:हाइड्रोजन का इस्तेमाल मुख्य तौर पर उर्वरक जैसे केमिकल बनाने के लिए और तेल रिफायनरियों में किया जाता है। दुनिया में अधिकांश हाइड्रोजन प्राकृतिक गैस और कोयले से बनाई जाती है। इस पद्धति में बड़े पैमाने पर कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन होता है।
Hydrogen Train: भारत हाइड्रोजन (Hydrogen) से चलने वाली ट्रेनों का विकास कर रहा है और वे 2023 तक बनकर तैयार हो जाएंगी। बिजली और ईंधन बचाने के उद्देश्य से हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन पर प्रमुखता से सरकार फोकस कर रही है।
Germany News: सिर्फ 1 किलो हाइड्रोजन लगभग 4.5 किलो डीजल के समान है। ये ट्रेन कोई प्रदूषण नहीं छोड़ती है बस थोड़ा नॉइस करती है और भाप और वाष्पित पानी का उत्सर्जन करती है।
जर्मनी में हाइड्रोजन गैस से चलने वाली ट्रेन का ट्रायल चल रहा है। नई ट्रेन की बड़ी खासियत यह है कि ये पारंपरिक डीजल इंजन की तुलना में 60% कम शोर करती है
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