हिमाचल के किन्नौर में किन्नर कैलाश यात्रा मार्ग में अचानक बाढ़ आ गई। इस कारण कैलाश यात्रा पथ का एक बड़ा हिस्सा बह गया। इसके बाद ITBP ने 413 तीर्थयात्रियों को बचाया है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने के लिए फिट रहना बेहद जरूरी होता है क्योंकि इस यात्रा को पूरा करने के लिए आपको कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है।
कैलाश मानसरोवर की यात्रा आज से शुरू हो गई है, माना जाता है कि यह भगवान शंकर और मां पार्वती का घर है। मान्यता है कि यहां आने वाले श्रद्धालु को सीधा स्वर्ग नसीब होता है।
कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने वाले तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए कैलाश मानसरोवर भवन स्थापित किए गए हैं। कैलाश मानसरोवर भवन यात्रियों की यात्रा को आसान और किफायती बनाने में कारगर साबित हो सकते हैं।
Kailash Mansarovar: कैलाश पर्वत की परिक्रमा से पहले हर श्रद्धालु को यम द्वार से होकर जाना पड़ता है। इस द्वार से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां आज हम आपको अपने इसे लेख में देंगे।
कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान कई धार्मिक स्थल बीच में पड़ते हैं। इनमें से ही एक है ॐ पर्वत। आज हम आपको इसी पर्वत के बारे में जानकारी देंगे।
भारतीय तीर्थयात्री इस साल जून से एक बार फिर कैलाश मानसरोवर की पवित्र यात्रा पर जा सकेंगे। कोविड-19 महामारी और भारत-चीन संबंधों में आए तनाव की वजह से 2019 से कैलाश मानसरोवर की यात्रा स्थगित थी।
श्रीखंड महादेव पचं कैलाशों में से एक है। भोलेनाथ के इस तीर्थ स्थल की यात्रा भारत की सबसे दुर्गम धार्मिक यात्राओं में से एक मानी जाती है। श्रीखंड महादेव कहां है और इससे जुड़ी क्या कहानी है, आइए जानते हैं।
कैलाश मानसरोवर के पास ही राक्षस ताल स्थित है। यात्रा पर जाने वाले लोग मानसरोवर झील के पास जाते हैं वहां स्नान करते हैं, लेकिन मानसरोवर झील से ही कुछ दूरी पर स्थित राक्षस ताल में किसी को जाने की इजाजत नहीं है। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि राक्षस ताल का क्या रहस्य है।
पंच कैलाश कौन-कौन से पर्वत शामिल हैं और इन पर्वतों का क्या महत्व है, इसके बारे में आज हम आपको अपने इस लेख में जानकारी देंगे।
Adi Kailash And Mount Kailash Me Antar: कैलाश मानसरोवर की यात्रा हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र यात्राओं में से एक है। कहा जाता है जो एक बार कैलाश के दर्शन कर लेता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। हालांकि माउंट कैलाश और आदि कैलाश की यात्रा को लेकर लोग काफी कंफ्यूज रहते हैं। जानिए दोनों में क्या अंतर है?
Kailash Mansarovar: कैलाश मानसरोवर यात्रा हिंदुओं की प्रमुख धार्मिक यात्राओं में से एक है। इस यात्रा का जिक्र कई धर्म शास्त्रों में भी देखने को मिलता है। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि क्या पांडवों ने भी इस पर्वत की यात्रा की थी या नहीं।
कैलाश पर्वत को अभेद्य माना जाता है। इस पर्वत पर कई पर्वतारोहियों ने चढ़ने की कोशिश की लेकिन कोई भी सफल नहीं हो पाया। कई पर्वतारोहियों ने अपने अनुभव दुनिया के साथ साझा भी किए हैं, इन्हीं के बारे में आज हम आपको बताएंगे।
क्या भारत से कैलाश पर्वत देखा जा सकता है? Mount Kailash be seen from where from India
मणिमहेश कैलाश का हिंदू धर्म में बड़ा महत्व है। यह स्थान पंच कैलाशों में से एक माना जाता है। प्रत्येक वर्ष बड़ी संख्या में यहां शिव भक्त जाते हैं।
Kailash Mansarovar Yatra: कैलाश पर्वत की तलहटी पर मानसरोवर झील और राक्षस ताल हैं। दोनों का स्थान और वातावरण एक जैसा होने के बावजूद भी इन दोनों में कई अंतर हैं। आज इसी के बारे में हम आपको जानकारी देंगे।
Kailash Mansarovar Yatra: कैलाश मानसरोवर यात्रा इस साल 30 जून से शुरू होगी जो अगस्त तक जारी रहेगी। ऐसे में चलिए बताते हैं कि कैलाश मानसरोवर यात्रा में कितने किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता है साथ ही इस यात्रा के दौरान आपका फिटनेस लेवल कैसा होना चाहिए?
कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए kmy.gov.in वेबसाइट आवेदन के लिए खोल दी गई है। जो यात्री कैलाश मानसरोवर यात्रा जाना चाहता है वह ऑनलाइन आवेदन कर सकता है।
Kailash Mansarovar: कैलाश पर्वत भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है। हिंदू धर्म के साथ ही कई अन्य धर्मों में भी इस स्थान का विशेष महत्व है। कैलाश पर्वत में कई तरह के रहस्य भी छुपे हुए हैं।
Kailash Mansarovar Yatra: कैलाश को भगवान शिव का घर कहा जाता है, इसलिए हिंदू धर्म के लोगों के लिए इस स्थान का विशेष महत्व है। हालांकि हिंदूओं के साथ ही कई अन्य धर्मों के लिए भी इस स्थान को पवित्र माना गया है।
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