तीन देश- अमेरिका, चीन और संयुक्त अरब अमीरात इस हफ्ते से शुरू हो रहे सिलसिले में मानवरहित अंतरिक्षयानों को लाल ग्रह पर भेजना शुरू करेंगे।
अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा के पहले मंगल हेलीकॉप्टर को अब नाम मिल गया है और इसका श्रेय भारतीय मूल की 17 वर्षीय लड़की वनीजा रूपाणी को मिला है।
नासा के मंगल ग्रह की यात्रा पर गए क्युरोसिटी मार्स रोवर ने इस लाल ग्रह पर मीथेन गैस की अब तक की सबसे बड़ी मात्रा का पता लगाने में सफलता हासिल की है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने यह जानकारी दी है।
नासा ने एक बयान में कहा कि चिप पर अंकित इन नामों को रोवर पर भेजा जायेगा। इस रोवर के माध्यम से पहली बार मानव के किसी अन्य ग्रह पर कदम रखने की संभावना प्रबल होगी।
नासा के इनसाइट लैंडर ने मंगल गृह पर 10 से 15 मील प्रति घंटे (5 से 7 मीटर प्रति सेकंड) के हिसाब से चल रही हवा को दर्ज किया।
मंगल से पृथ्वी की दूरी लगभग 16 करोड़ किलोमीटर है और अंतरिक्षयान के बारे में रेडियो सिग्नल से मिल रही जानकारी यहां तक आने में आठ मिनट से ज्यादा का समय लग रहा है।
चार साल बाद भी इसकी भेजी तस्वीरों को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा खरीद रहा है। इनके जरिए नासा मंगल पर मीथेन की मौजूदगी को लेकर जल्द किसी नतीजे पर पहुंच सकता है।
पृथ्वी से नज़दीकी के कारण 7 जुलाई से लेकर 7 सितंबर तक मंगल की चमक औसत से अधिक रहेगी। पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में ये बिना टेलीस्कोप के देखा जा सकेगा लेकिन टेलीस्कोप से देखने पर इसे और अच्छे से देखा जा सकेगा।
मंगल पर भीषण धूल भरी आंधी चलने से नासा का ऑपरचुनिटी रोवर शिथिल पड़ गया है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा है कि इस कारण से सौर - ऊर्जा से चलने वाला यह मानवरहित यान सुसुप्त अवस्था में चला गया है और इसके अस्तित्व को लेकर चिंताएं बढ़ गयी हैं।
नासा के इनसाइट मार्स लैंडर की निगरानी के लिए विकसित दुनिया के पहले छोटे उपग्रह सफलतापूर्वक लाल ग्रह की तरफ बढ़ गए हैं...
नासा ने पुष्टि की है कि वह लाल ग्रह पर एक स्वायत्त हेलीकॉप्टर भेजने जा रहा है, जो मार्स रोवर मिशन के साथ जाएगा, जिसे साल 2020 के जुलाई में रवाना किया जाएगा।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने अपने नवीनतम मार्स लैंडर ‘इनसाइट’ को शनिवार को प्रक्षेपित किया...
मंगल ग्रह पर नासा के कदम रखने जैसी स्थिति पर केंद्रित एक अहम परीक्षण के तहत एक सुपरसोनिक पैराशूट का आसमान में सफल परीक्षण किया गया। यह सुपरसोनिक पैराशूट मंगल ग्रह पर नासा के मिशन में मदद पहुंचाएगा।
अरबपति व्यवसायी एलन मस्क अक्सर कुछ न कुछ ऐसा करते हैं, जिससे दुनिया चौंक जाती है...
एलन मस्क की प्रतिष्ठित स्पेस एक्स परियोजना के तहत अगले 20 सालों या 2040 तक मनुष्यों को मंगल ग्रह पर भेजा जा सकता है। ब्रिटेन के एक अंतरिक्ष यात्री टिम पीयाके के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने आवाज की गति से तेज चलने वाले (सुपरसॉनिक) एक अवतरण पैराशूट का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है जिसका इस्तेमाल वह वर्ष 2020 के अपने मंगल ग्रह मिशन के दौरान करेगा।
रूस में रहने वाले एक लड़के ने अपने पिछले जीवन को लेकर ऐक ऐसा राज खोला है जिसे सुनकर आपको हैरानी होगी। इस लड़के के अनुसार वह मंगल ग्रह पर रह चुका है जिसे सुनकर वैज्ञानिक भी हैरान हैं।
धरती में बढ़ते प्रदूषण और आने वाले समय में कठिन होते जीवन को देखकर हर कोई मंगल ग्रह पर जाने के लिए उत्सुक है। आपको जानकर हैरानी होगी कि लगभग 1 लाख 38 हजार 899 भारतीयों लोगों ने फ्लाइट की टिकट बुक कराई है।
नासा के मंगल टोही यान (MRO) ने आज इस ग्रह पर एक ऐसे संभावित स्थान की तस्वीर भेजी जहां बालू के कण बन रहे हैं।
मंगल ग्रह पर फैले नदियों के अवशेषों के अध्ययन के अनुसार, लगभग साढ़े तीन अरब साल पहले लाल ग्रह की सतह का पर्यावरण तरल जल के अनुकूल था।
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