पाकिस्तान ने आखिरकार अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नमक का कर्ज अदा कर दिया है। पाक प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में ट्रंप को नोबल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया। इसके साथ ही भारत को लेकर भी बयान दिया है।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि अगर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार चाहिए तो उन्हें गाजा में चल रहे संघर्ष को सफलतापूर्वक रोकना होगा।
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्हें सात युद्धों को समाप्त करने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इनमें से 60% संघर्ष व्यापार के कारण रोके गए।
जेफरीज की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ की वजह डोनाल्ड ट्रंप की नाराजगी है, जो कश्मीर पर मध्यस्थता के भारत द्वारा इनकार से उपजी। भारत ने स्पष्ट किया कि वह राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं करेगा। इससे भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव बढ़ गया है।
अमेरिका और रूस के बीच आगामी बैठक से पहले, पेंटागन के पूर्व अधिकारी माइकल रुबिन ने पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर को लेकर बड़ी बात कह दी है। उन्होंने कहा, आसिम मुनीर सूट पहने ओसामा बिन लादेन हैं। इसके साथ ही उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप को लेकर भी बयान दिया है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नोबल पुरस्कार पाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे। वह लगातार भारत-पाकिस्तान संघर्ष रुकवाने की जबरन क्रेडिट लेना चाह रहे हैं। जबकि पीएम मोदी उनके इस दावे को खारिज कर चुके हैं। मगर वह नोबल के लिए बेताब हैं।
डोनाल्ड ट्रंप को इजरायल-ईरान सीजफायर में ऐतिहासिक भूमिका निभाने पर 2025 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है। अमेरिकी सांसद बडी कार्टर और पाकिस्तान ने उनके कूटनीतिक प्रयासों की खुलकर तारीफ की है।
पाकिस्तान में नेता से लेकर आम लोग तक अपनी ही सरकार पर हमलावर नजर आ रहे हैं। वजह है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया जाना। चलिए जानते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिर एक बार भारत-पाकिस्तान युद्ध रोकवाने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद मुझे शांति का नोबेल पुरस्कार नहीं मिलेगा। ट्रंप के बार-बार किए जा रहे इस दावे और पुरस्कार पाने की चाह से साफ हो गया है कि वह नोबेल के लिए ही जबरन क्रेडिट लेने के प्रयास में हैं।
पाकिस्तान भी ट्रंप के समर्थन में उतर आया है। पाकिस्तान सरकार ने 2026 के नोबल शांति पुरस्कार के लिए ट्रंप का नाम प्रस्तावित किया है।
मैरी क्यूरी एक महान वैज्ञानिक थीं जिन्होंने रेडियोधर्मिता और रेडियम की खोज से चिकित्सा और विज्ञान में क्रांति ला दी थी। उनके योगदान के कारण उन्हें दो बार नोबेल पुरस्कार मिला।
होमी जहांगीर भाभा और लाल बहादुर शास्त्री की मौत 15 दिन के अंतराल में हुई थी। पत्रकार ग्रेगरी डगलस ने किताब 'कन्वरसेशन विद द क्रो' में दावा किया गया था कि होमी भाभा और शास्त्री की मौत में सीआईए का हाथ था। हालांकि, इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठते रहते हैं।
जिमी कार्टर के निधन के बाद सम्मान में 28 जनवरी 2025 तक झंडा आधा झुका रहेगा। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिकियों पर पूर्व राष्ट्रपति की कृतज्ञता का ऋण है। जिमी कार्टर का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नरगिस मोहम्मदी को ईरान में जेल में कैद करके रखा रखा गया है। इस बीच मोहम्मदी की तबीयत खराब होन पर उन्हें जेल से अस्पताल स्थानांतरित किया जाएगा।
डेरन एसमोग्लू, साइमन जॉनसन और जेम्स रॉबिनसन ने स्टडी के बाद कहा कि जब यूरोपीय लोगों ने दुनिया के एक बड़े हिस्से पर उपनिवेश स्थापित किया, तो उन समाज में संस्थाएं बदल गईं। ये कहीं-कहीं बहुत बड़ा बदलाव था, लेकिन ऐसा हर जगह नहीं हुआ।
साल 2024 में आर्थिक विज्ञान में नोबेल पुरस्कार डारोन ऐसमोग्लू, साइमन जॉनसन और जेम्स ए रॉबिन्सन को दिया गया है।
इस साल के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा सोमवार से शुरू हुई, जब अमेरिकी वैज्ञानिकों विक्टर एंब्रोस और गैरी रुवकुन को चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार प्रदान किये जाने की घोषणा की गई। मंगलवार को जॉन होपफील्ड और ज्योफ्री हिंटन को मशीन लर्निंग को सक्षम बनाने वाली खोजों के लिए भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई।
दक्षिण कोरिया की लेखक हान कांग ने 2024 में साहित्या का नोबल पुरस्कार अपने नाम कर लिया है। उनके पिता भी साहित्य पृष्ठभूमि से हैं। हान कांग ने कई मार्मिक रचनाएं की हैं और इससे पहले भी कई पुरस्कार वह अपने नाम कर चुकी हैं।
फिजियोलॉजी या मेडिसिन में 2024 का नोबेल पुरस्कार विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रुवकुन को दिया गया है। नोबेल असेंबली ने कहा है कि इन वैज्ञानिकों की खोज 'जीवों के विकास और कार्यप्रणाली के लिए मौलिक रूप से महत्वपूर्ण साबित हो रही है।'
ऑस्ट्रियाई भौतिक विज्ञानी और नोबेल पुरस्कार विजेता एंटोन ज़ेलिंगर ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है। पीएम मोदी से मुलाकात के बाद ज़ेलिंगर ने कहा कि बहुत ही सुखद चर्चा हुई। हमने आध्यात्मिक चीजों के बारे में चर्चा की।
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