पाकिस्तान की सरकार इस समय अरब देशों से लेकर अपने पुराने मददगार चीन के सामने भी हाथ फैला चुका है, लेकिन अभी तक किसी भी देश की ओर से पाकिस्तान को स्थाई समाधान नहीं मिला है।
पाकिस्तान में फैला भुखमरी का संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है। पाकिस्तान को भीख के कटोरे में अमेरिका और सऊदी अरब ने कुछ मदद की तो लगा कि शायद भूख से तड़पते लोगों को कुछ सुकून मिल जाए, लेकिन किस्मत ने फिर दगा दे दिया है। लिहाजा अब सऊदी अरब और पाकिस्तान की मदद के बावजूद पाकिस्तान के भूखों मरने की मजबूरी गले पड़ गई है।
पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स के मुताबिक, पाकिस्तान में दिसंबर में रिकॉर्ड 24.5 फीसदी महंगाई दर्ज की गई।
PSMC पाकिस्तान में अल्टो, वैगनआर और स्विफ्ट जैसी कारों का निर्माण करती है। इससे पहले टोयोटा ने भी उत्पादन बंद करने की घोषणा की है।
पाकिस्तान भले ही FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर आ गया हो, लेकिन अभी भी उसके सामने कई मुश्किलें मुंह बाए खड़ी हैं।
Pakistan Economy: पाकिस्तान में विनाशकारी मानसूनी बारिश की वजह से आई भयंकर बाढ़, यूक्रेन में जारी युद्ध और अन्य कारकों से चालू वित्त वर्ष में उसकी आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान पांच फीसदी से घटकर तीन फीसदी पर सिमट सकता है।
Pakistan floods: पाकिस्तान की सरकार के मुताबिक, बाढ़ के चलते अभी तक 10 अरब डॉलर का नुकसान हो चुका है।
पाकिस्तान (Pakistan) के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का बेलआउट कार्यक्रम फिर से शुरू किए जाने के बाद स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) को 1.16 अरब डॉलर की लंबित किस्त मिल गई है।
Pakistan News: पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार करीब 2 अरब डॉलर से अधिक गिरा है। महंगाई दर में भी 13 साल में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई है।
Pakistan News: कई महीनों से सियासी उठापटक झेल रहा पाकिस्तान अब कंगाली के कगार पर आ गया है। एक तरफ वह विदेशी कर्ज के नीचे दबा हुआ है तो वहीं दूसरी ओर उसका विदेश मुद्रा भंडार अपने तीन वर्षों में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है।
Pakistan in deep Crisis: गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान (Pakistan) ने अब सरकारी कंपनियों के शेयर मित्र देशों को बेचने की योजना बना रहा है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा 4 बिलियन डॉलर की सहायता राशी की जरूरत पड़ेगी। ताकि वह अपने वित्तीय घाटे की भरपाई कर सके।
Pakistan: पाकिस्तान के हालात तो श्रीलंका से भी ज्यादा बदतर हो सकते हैं, क्योंकि एक तरफ जहां उस पर कर्जा का बोझ बढ़ता जा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर उसका विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से खाली होता जा रहा है।
हाल ही में पाकिस्तान के योजना मंत्री ने बयान दिया था कि देश को चाय के आयात पर बड़ी रकम खर्च करनी पड़ती है।
डॉलर के मुकाबले रुपया तेजी से गिरकर 204 रुपये के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया। देश की ज्यादातर विदेशी मुद्रा कच्चा तेल खरीदने में खर्च हो रही है।
पाकिस्तान के संघीय राजस्व बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष शब्बर जैदी ने कहा है कि उनका देश ‘दिवालिया’ हो चुका है और ‘भ्रम में रहने’ से बेहतर है कि वास्तविकता को पहचाना जाए।
यदि खान की ये भविष्यवाणी सही साबित होती है, तो यह प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा आर्थिक नीतियों के मोर्चे पर किए गए सभी काम को शून्य कर देगा
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल जून तक सार्वजनिक कर्ज बढ़कर 39.9 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जिसमें महज तीन साल में 14.9 लाख करोड़ रुपये का इजाफा है।
कोरोना महामारी के फैलने से पहले ही दिवालिया होने की कगार पर खड़ी पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था के लिए यह महामारी विनाशकारी साबित हुई है। पाकिस्तान में 68 साल में यह पहली बार हुआ है जब अर्थव्यवस्था की विकास दर ऋणात्मक (माइनस में) हो गई है।
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने पाकिस्तान में छोटे एवं मझोले उद्यमों के विकास के लिए 20 करोड़ डॉलर की सहायता दी है।
पाकिस्तान में इटली के राजदूत स्टेफानो पोंटेकोर्वो का कहना है कि पाकिस्तान सही रास्ते पर चल रहा है और यह देश दुनिया की शीर्ष-20 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो सकता है।
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