पिछले चार साल के दौरान प्रतिदिन 550 नौकरियां 'गायब' हुई हैं। यदि यही रुख जारी रहा तो 2050 तक देश में 70 लाख रोजगार समाप्त हो जाएंगे।
बढ़ते बैड लोन की समस्या एक गंभीर चिंंता बनी हुई है। इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन घट रहा है और बेरोजगारी पिछले पांच साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।
नेशनल सैंपल सर्वे के अनुसार शहरों और गांवों में सबसे ज्यादा बेरोजगारी ईसाईयों में हैं, जबकि हिंदू और सिखों में अपेक्षाकृत कम बेरोजगारी है।
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