रूस से कोरोना वायरस वैक्सीन से जुड़ी एक अच्छी खबर आई है। देश के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को ने कहा है कि कोरोना वायरस के लिए बनाई जा रही वैक्सीन का ट्रायल पूरा हो चुका है।
अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों को उम्मीद है कि कोविड-19 का विकसित होने वाला टीका सबसे पहले किन्हें दिया जाएगा, इसको लेकर अगले महीने के अंत तक दिशा-निर्देश का मसौदा तैयार हो जाएगा।
अमेरिका की बायोटेक कंपनी मॉडर्ना की कोरोना वायरस की वैक्सीन (Coronavirus vaccine) बंदरों पर हुए ट्रायल में पूरी तरह असरदार रही है।
वैक्सीन के परीक्षण अंतिम स्टेज में पहुंचने के बाद कंपनियों के शेयरों में तेजी दर्ज
ब्रिटेन ने कहा है कि फाइजर और अन्य दवा कंपनियों द्वारा कोरोना वायरस के इलाज के लिए परीक्षण के दौर से गुजर रहे टीकों की नौ करोड़ खुराक खरीदने के संबंध में उसने एक समझौते पर दस्तखत किये हैं।
एम्स डायरेक्ट डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने रविवार को इंडिया टीवी से खास बातचीत में कहा कि 15 अगस्त तक कोरोना वैक्सीन आना मुश्किल है। लेकिन सबकुछ ठीक रहा तो दिसंबर तक वैक्सीन आ सकती है।
आईसीएमआर कोरोना का टीका बनाने की प्रक्रिया तेज करने की कोशिश कर रही है, ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वतंत्रता दिवस पर इसके संबंध में घोषणा कर सकें।
15 अगस्त को कोरोना की देसी वैक्सीन कोवैक्सीन (COVAXIN) लॉन्च हो सकती है। यह वैक्सीन फार्मास्यूटिकल कंपनी भारत बायोटेक ने तैयार किया है।
Zydus Cadila को COVID-19 वैक्सीन के I/II क्लिनिकल ट्रायल के लिए अनुमति आज विशेषज्ञ समिति की सिफारिश के बाद तेजी से प्रतिक्रिया के रूप में दी गई। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी इसकी जानकारी दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए वैक्सीन तैयार करने और उसके बाद टीकाकरण की तैयारियों को लेकर एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की शीर्ष वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने गुरुवार को कहा कि संगठन इस साल के अंत से पहले कोविड-19 का टीका उपलब्ध होने को लेकर आशावादी है।
कोरोना वायरस संक्रमण का उपचार ढूंढने के लिए पूरी दुनिया में चल रहे शोधों के बीच, वैज्ञानिकों का कहना है कि कोविड-19 बीमारी से बचाव के लिए टीका विकसित करने में कम से कम एक साल लग सकता है।
चीनी अनुसंधान टीम ने ने कोविड-19 टीके का मानव पर परीक्षण किया है। इस बात की जानकारी चीनी अनुसंधान टीम ने ब्रिटिश चिकित्सा पत्रिका द लासेंट को दी है। पहले चरण के क्लिनिकल परीक्षण परिणाम से जाहिर है कि यह टीका सुरक्षित है।
इस वक्त सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर कोरोना वायरस का इलाज क्या है। पूरी दुनिया जानना चाहती है कि कोरोना का वैक्सीन कब तक आएगा क्योंकि एक वैक्सीन ही इस महामारी को खत्म कर सकती है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि 'वैक्सीन तैयार हो या न हो', अमेरिका फिर से खुलेगा। साथ ही उन्होंने घोषणा की कि साल के अंत तक कोरोनावायरस की वैक्सीन तैयार करना उनका उद्देश्य है।
सीएसआईआर के वैज्ञानिक एक वनस्पति यानी पौधों से कोरोना की दवाई बनाने में जुटे हैं। बताया जा रहा है कि इस दवा का ट्रालय एक हफ्ते में शुरू हो सकता है।
यह वैक्सीन शरीर में जाते ही इम्यून सिस्टम को एंटीबॉडी बनाने पर जोर देती है, और एंटीबॉडी वायरस को खत्म करने लगती है।
इनमें से लगभग सभी या 97 प्रतिशत भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बाशिंदे हैं। कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान नियमित टीकाकरण बुरी तरह अवरुद्ध हुआ है और माता-पिता इस काम के लिए बच्चों को अस्पताल ले जाने से बच रहे हैं।
राजस्थान में बीकानेर के छतरगढ़ के एसएचओ सुरेंद्र बारूपाल ने देश में जारी इस संकट में एक सराहनीय पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होनें अपनी बॉडी पर कोरोना वैक्सीन परीक्षण की इच्छा जताई है।
सारी दुनिया पर कहर बनकर टूट पड़े कोरोना वायरस के बारे में एक रूसी वैज्ञानिक ने सनसनीखेज दावा किया है।
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