बिहार के बाढ़ अंचल कार्यालय से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां सरकारी लापरवाही की पोल खुलकर सामने आई। एक आवेदक ने निवास प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदन दिया, लेकिन कार्यालय ने न केवल प्रमाण पत्र में नाम के स्थान पर "ब्लूटूथ नॉइस" लिख दिया, बल्कि माता-पिता के नाम के कॉलम में "ईस्ट वुड" लिखकर भेज दिया और फोटो की जगह पर ब्लूटूथ डिवाइस की तस्वीर भी लगा दी गई। यह घटना अब सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रही है।
जानबूझकर किया गया एक प्रयोग
जानकारी के मुताबिक, आवेदक ने यह आवेदन जानबूझकर गलत विवरण के साथ दाखिल किया था ताकि अंचल कार्यालय की सत्यापन प्रक्रिया की खामियों को उजागर किया जा सके। आवेदन में नाम के तौर पर "ब्लूटूथ नॉइस", माता-पिता के नाम के रूप में "ईस्ट वुड" और फोटो के रूप में ब्लूटूथ डिवाइस की तस्वीर भेजी गई थी। हैरानी की बात यह है कि बिना किसी जांच-पड़ताल के यह प्रमाण पत्र बनाकर दे भी दिया गया। आवेदक ने बताया, "हमने यह प्रयोग इसलिए किया ताकि यह पता चल सके कि प्रमाण पत्र जारी करने से पहले दस्तावेजों की कितनी जांच होती है।"
अंचल कार्यालय की लापरवाही
यह प्रमाण पत्र 12 जुलाई 2025 को जारी किया गया था, जिसके बाद यह मामला सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। प्रमाण पत्र में ब्लूटूथ डिवाइस की तस्वीर देखकर लोग हैरान हैं। कुछ लोगों ने इसे सरकारी कामकाज में लापरवाही का जीता-जागता सबूत बताया, तो कुछ ने इसे मजाकिया अंदाज में बिहार की नौकरशाही का "करिश्मा" करार दिया।
अधिकारियों का जवाब
जब इस मामले की जानकारी बाढ़ अनुमंडल अधिकारी (एसडीएम) को दी गई, तो उन्होंने तत्काल जांच के आदेश दिए। एसडीएम ने कहा, "यह एक गंभीर लापरवाही है। हम इस मामले की गहन जांच करेंगे और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।" इस घटना ने एक बार फिर सरकारी कार्यालयों में दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
(बाढ़ से विकाश कुमार की रिपोर्ट)
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