मेदिनीपुर: पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक दुकानदार ने 12 साल के बच्चे की पिटाई कर दी। दुकानदार ने यह आरोप लगाते हुए पिटाई की कि बच्चे ने उसकी दुकान से चोरी की है। उसने बच्चे की पिटाई करते हुए झूठ बोलने का आरोप लगाया। हालांकि इस दौरान बच्चा लगातार झूठ बोलने से इनकार करता रहा। वहीं पिटाई के बाद बच्चा अपनी मां के साथ घर वापस आया और कमरा बंद कर लिया। कुछ देर बाद जब कोई हलचल नहीं हुई तो दरवाजा तोड़कर देखा गया। बच्चे के मुंह से झाग निकल रहा था। उसे आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। इस मामले में एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है।
थप्पड़ मारकर कराई उठक-बैठक
दरअसल, ये बच्चा सातवीं क्लास का छात्र था। पुलिस ने बच्चे की मां के हवाले से बताया कि गुरुवार शाम को बच्चा गोसाईबर बाजार में एक दुकान पर चिप्स खरीदने गया था। उसने दुकानदार शुभंकर दीक्षित को कई बार आवाज दी, “अंकल, मैं चिप्स खरीदना चाहता हूं” लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। काफी देर इंतजार करने के बाद उसने चिप्स का एक पैकेट उठाया और चला गया। पुलिस अधिकारी ने परिवार की शिकायत के हवाले से बताया कि दीक्षित ने बच्चे का पीछा किया और उसे पकड़ लिया। इसके बाद उसने बच्चे को थप्पड़ मारा और सड़क पर सबके सामने उठक-बैठक करने को कहा।
बच्चे ने कीटनाशक का किया सेवन
पुलिस ने आगे बताया कि इसके बाद बच्चे की मां को भी बुलाया गया। मां ने भी बच्चे को डांटा और थप्पड़ भी मारा। हालांकि इस दौरान बच्चे ने कहा कि उसने दुकान के सामने ढेर में पड़े 'जंक फूड' के पैकेट को उठाया था और वह बाद में भुगतान करने आता। बच्चे ने माफी मांगते हुए तुरंत भुगतान करने को भी कहा, लेकिन दुकानदार ने बच्चे पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। इस पूरी घटना के बाद बच्चा अपनी मां के साथ घर लौट आया और कमरे में घुसकर दरवाजा बंद कर लिया। काफी देर तक दरवाजा नहीं खुला और परिवार और पड़ोसियों ने दरवाजा तोड़ा।
सुसाइड नोट बरामद
इस दौरान बच्चे के मुंह से झाग निकल रहा था और उसके पास कीटनाशक की आधी खाली बोतल पड़ी हुई थी। बच्चे के पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया गया। हालांकि इसके बाद बच्चे को आनन-फानन में अस्पताल लेकर जाया गया, लेकिन उसके थोड़ी ही देर में मौत हो गई। सुसाइड नोट में बच्चे ने बांग्ला में लिखा था, "मां, मैं चोर नहीं हूं। मैंने चोरी नहीं की। जब मैं इंतजार कर रहा था तो अंकल (दुकानदार) आसपास नहीं थे। लौटते समय मैंने सड़क पर कुरकुरे का पैकेट पड़ा देखा और उसे उठा लिया। मुझे कुरकुरे बहुत पसंद हैं। जाने से पहले ये मेरे अंतिम शब्द हैं। कृपया इस कृत्य (कीटनाशक का सेवन) के लिए मुझे क्षमा करें।" (इनपुट- पीटीआई)