Friday, April 26, 2024
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नेताजी की जयंती को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करना होगा, देश में एक राजधानी क्यों, 4 होनी चाहिए-ममता

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नेताजी की 125वीं जयंती के अवसर पर पदयात्रा के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि नेताजी के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता और उन्हें सही मायने में समझने की जरूरत है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: January 23, 2021 14:57 IST
ममता बनर्जी ने कहा- 'नेताजी को सही मायने में समझने की जरूरत, देश में एक राजधानी क्यों, 4 होनी चाहिए'- India TV Hindi
Image Source : ANI/TWITTER ममता बनर्जी ने कहा- 'नेताजी को सही मायने में समझने की जरूरत, देश में एक राजधानी क्यों, 4 होनी चाहिए'

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नेताजी की 125वीं जयंती के अवसर पर पदयात्रा के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमने आज देशनायक दिवस मनाया है। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा पराक्रम दिवस मनाए जाने पर भी सवाल उठाया और कहा कि ये पराक्रम क्या है? उन्होंने नेताजी की जयंती को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की मांग की। ममता ने कोलकाता के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि देश में 4 रोटेटिंग राजधानियां होनी चाहिए। हमारे देश में केवल एक ही राजधानी क्यों होनी चाहिए?

उन्होंने कहा कि नेताजी के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता और उन्हें सही मायने में समझने की जरूरत है। ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार भी हमला बोला और कहा कि केंद्र सरकार ने इस अवसर पर आज छुट्ठी की घोषणा क्यों नहीं की। उन्होंने कहा कि नेता जी की मौत की मिस्ट्री को सुलझाना होगा, उनकी मौत का रहस्य उजागर होना चाहिए।

ममता बनर्जी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए यहां एक भव्य जुलूस निकाली। शहर के उत्तरी हिस्से में स्थित श्याम बाजार क्षेत्र में जुलूस की शुरुआत करने से पहले बनर्जी ने शंखनाद किया। सवा बारह बजे सायरन भी बजाया गया, 23 जनवरी 1897 को इसी समय बोस का जन्म हुआ था। बनर्जी ने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि हम हम नेताजी की जयंती केवल उन वर्षों में ही मनाते हों जिस वर्ष चुनाव होने वाले हैं। उनकी 125वीं जयंती हम बहुत बड़े पैमाने पर मना रहे हैं। रवीन्द्रनाथ टैगोर ने नेताजी को देशनायक बताया था। इसलिए हमने इस दिन को देशनायक दिवस बनाने का फैसला किया है।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘नेताजी देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे। वह एक महान दार्शनिक थे।’’ बनर्जी ने केंद्र से नेताजी की जयंती को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की मांग की। करीब सात किलोमीटर लंबे जुलूस का समापन रेड रोड पर स्थित नेताजी की प्रतिमा पर हुआ और ममता बनर्जी ने जनसभा को संबोधित किया। नेताजी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए तृणमूल कांग्रेस के अनेक नेता, विधायक समेत सैकड़ों लोग जुलूस में शामिल हुए। रैली में मुख्य सचिव अल्पन बंदोपाध्याय तथा राज्य सरकार के अन्य नौकरशाह भी मौजूद थे।

 

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